मेला क्षेत्र नो व्हीकल जोन घोषित, शहर के बाहर रोके गए वाहन
प्रयागराज। मौनी अमावस्या अमृत स्नान पर्व पर रात करीब एक बजे भगदड़ मचने के बाद प्रशासन ने मेले में ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर नया आदेश जारी किया है। पूरे मेला क्षेत्र को नो व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है। दो पहिया वाहनों को भी मेले में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है। जिले की सीमाओं पर रोके गए वाहनों को छोड़ दिया गया है। इसके बाद मेला क्षेत्र की सीमा पर जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई है। अंदावा रिंग रोड बाईपास, नवाबगंज, सोरांव और चित्रकूट रोड पर गौहनिया के पास वाहनों को रोक दिया जा रहा है। मेले में रोज की अपेक्षा बृहस्पतिवार को कम भीड़ दिखी। अधिकारी चक्रमण करते रहे।
नहीं जारी होगा किसी प्रकार का प्रोटोकॉल
मेला प्रशासन और कुंभ पुलिस ने अमृत स्नान पर्व पर भगदड़ मचने के बाद की व्यापक तैयारियां की हैं। पूरे मेला क्षेत्र को नो व्हीकल जोन घोषित किया गया है। संगम तटों पर बैरिकेडिंग का कार्य तेजी से पूरा किया जा रहा है ताकि भीड़ नियंत्रण में रहे। श्रद्धालुओं की आवाजाही के लिए हर सेक्टर और जोन में विशेष व्यवस्था की गई है। इस दौरान किसी भी तरह का प्रोटोकॉल लागू नहीं होगा।
भीड़ प्रबंधन के लिए आईट्रिपल सी सक्रिय
संगम नोज पर अत्यधिक भीड़ जमा न हो, इसके लिए इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर मॉनिटरिंग करेगा। भीड़ वाले इलाकों में त्वरित कार्यवाही के लिए विशेष दल तैनात किए गए हैं। प्रमुख मार्गों पर खास निगरानी की जा रही है। साथ ही, अराजक और संदिग्ध लोगों पर भी नजर रखी जा रही है।
मौनी अमावस्या पर व्यवस्था एक नजर में
- भीड़ प्रबंधन के लिए प्रयागराज में बनाए गए हैं 80 ठहराव स्थल
- संगम के नजदीक बने 24 सैटेलाइट पार्किंग स्थल
- 102 पार्किंग स्थलों पर पार्क किए जा सकेंगे पांच लाख से अधिक वाहन।
- सामान्य दिनों और मुख्य स्नान पर्वों के लिए तैयार की गई अलग अलग यातायात व्यवस्था।
- 4000 हेक्टेयर में बसाया गया है महाकुंभ।
- 25 सेक्टरों में की गई है मेले की बसावट
- 12 किलोमीटर लंबे घाटों पर हो रहा है अमृत स्नान
- 1850 हेक्टेयर में पार्किंग स्थल बनाए गए
- 67 हजार स्ट्रीट लाइट से जगमग हुई महाकुंभ नगरी
- 1.50 लाख डेढ़ लाख शौचालय बनाए गए हैं.।
- 1.60 लाख टेंट लगाए गए हैं।
- 25 हजार लोगों के लिए फ्री बेड की सुविधा