घरों में भी टेम्प्रेचर का टॉर्चर, प्रतिदिन लेना पड़ रहा शट-डाउन
वाराणसी (रणभेरी)। टेम्प्रेचर का टॉर्चर बाहर के अलावा घरों में भी दिखना शुरू हो गया है। गर्मी के कारण केबल बॉक्स डैमेज होने लगे हैं तो लोड बढ़ने से नये केबल बाक्स नहीं चल पा रहे। भूमिगत केबल भी पंचर होने की घटनाएं बढ़ गई हैं। ट्रांसफार्मर पर लोड बढ़ने से पिछले एक हफ्ते में बिजली विभाग को कई जगहों पर शटडाउन करना पड़ा। इन स्थानों पर ट्रांसफार्मर में कहीं आॅयल लीक हो रहा था तो कहीं तार डैमेज था। यहीं नहीं पोल लगाने, तार कसने के नाम पर विभिन्न फीडरों पर दो से 8 घंटे तक शटडाउन किया गया। विभाग के इस कटौती से कई एरिया की पब्लिक परेशान रही। फीडर में गड़बड़ी के चलते प्रतिदिन से 2 से 5 घंटे तक आम पब्लिक को बिना बिजली के रहना पड़ रहा है।
40-50 बार सटडाउन : विभाग के आंकड़े की बात करें, तो दिन भर में प्रतिदिन 45-50 बार शट-डाउन लेना पड़ रहा हैं। गर्मी के शुरूआत में विभाग का यह हाल तैयारियों पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर रहा हैं। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि भिखारीपुर स्थित मुख्य अभियंता वितरण कार्यालय में स्थापित कंट्रोल रूम में 24 घंटे शिकायत सुनी जाती है। कंट्रोल रूम में मौजूद कर्मचारी शिकायत को अग्रेषित भी कर रहे हैं। जिस क्षेत्र में 15 मिनट से अधिक बिजली कटौती होती है, तो इसकी रिपोर्ट अगले दिन मुख्य अभियंता के समक्ष रखनी पड़ती है। इसके बाद संबंधित क्षेत्र के जेई से स्पष्टीकरण भी मांगा जाता है।
दो करोड़ मेंटेनेंस
अप्रैल की शुरूआत में ही प्रचंड गर्मी के चलते बिजली विभाग की व्यवस्था बेपटरी नजर आ रही थी। फीडर को ठीक करने का जिम्मा बिजली विभाग के अधिकारियों को फरवरी में कहा गया था। इसके लिए दो करोड़ रुपए का बजट भी आया था। इसके बाद भी विभाग के अधिकारियों ने फीडर और ट्रांसफार्मर को मेंटनेंस करना भूल गया। अब इसका खामियाजा आम पब्लिक को भुगतना पड़ रहा है। न तो कटौती से राहत मिल रही है और न ही ट्रिपिंग की समस्या से।
शहर के करीब 250 ट्रांसफार्मर पर आई दिक्कतें
बिजली विभाग के चीफ इंजीनियर आरपी शुक्ला ने बताया कि गर्मी के सीजन में शहर के करीब 250 ट्रांसफार्मर पर दिक्कतें आई है। इन शिकायतों के आधार पर उसे 70 प्रतिशत दुरुस्त कर लिया गया हैं। जिससे आने वाले दिनों में असुविधा का सामना उपभोक्ताओं को न करना पड़े। इसके अलावा घोषित शट-डाउन लेकर बिजली के जर्जर तारों को भी बदला जा रहा है। ट्रांसफार्मर की कैपेसिटी भी बढ़ाई जा रही हैं।