दागदार रहा है झुनझुनवाला का दामन
'पूर्व में बैंकों ने निकाला था संपत्तियों की नीलामी का टेंडर'
'अब झुनझुनवाला के घर पर ईडी की रेड, देर रात तक खंगाले रिकॉर्ड'
वाराणसी (रणभेरी सं.)। गीता का सार लिख दीजिए। मानस पर टीका रच दीजिए। समाजसेवा का कंबल ओढ़ लीजिए। किंतु यदि दामन दागदार है तो आस्तीन के धब्बे छुपाए नहीं छुपते, धुलाये नहीं धुलते। ऐसा ही हुआ है नगर के स्वयंभू विद्वान कथित समाजसेवी व गणमान्य का बिल्ला लगाकर अपनी ही पीठ थपथपाते धूर्त उद्यमी दीनानाथ झुनझुनवाला के साथ। महाशय के घर और कारखानों पर पड़े ईडी के छापों में एक हजार करोड़ से भी अधिक के बैंक घोटाले का भंडाफोड़ हो चुका है। अबतक जारी एजेंसियों की इस छापेमारी में रहस्य की कितनी पड़ते अभी और खुलती है यह देखना अभी बांकी हैं। कभी कंधे पर गठ्ठर लादे चादर बेचने वाले एक फेरिवाली ने किस गुणा गणित से अरबों की संपत्ति खड़ी कर ली इसका राजफाश होने में शायद अब कुछ ही घँटे या दिन शेष रह गए है।
झुनझुनवाला के घर पर ईडी की रेड
वाराणसी शहर के उद्योगपति दीनानाथ झुनझुनवाला के तीन ठिकानों पर सुबह से लेकर रात तक प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने छापा मारा। शनिवार की सुबह भी यह कार्रवाई जारी रही। चेतगंज थाना क्षेत्र के नाटी इमली में मकान, सारनाथ के आशापुर और सिंधोरा रोड पर फॉर्म हाउस पर एक साथ शुक्रवार की सुबह सात बजे पहुंची थी। इस दौरान मकान और कार्यालय के अंदर-बाहर किसी को नहीं जाने दिया गया। बैंक लोन घोटाले के मामले से जुड़ी इस कार्रवाई में परिजनों और कर्मचारियों के मोबाइल भी ईडी की टीम ने बंद करा दिए। कार्यालय से कई फर्म के दस्तावेज, लैपटॉप, कंप्यूटर के हार्ड डिस्क, रसीद, बैंक पासबुक, चेकबुक और बैंक खातों से लेनदेन की डिटेल खंगाली। साथ ही रिकॉर्ड को ईडी की टीम ने कब्जे में लिया है। दीनानाथ झुनझुनवाला पर एक हजार करोड़ से अधिक के बैंक धोखाधड़ी का आरोप है। पंजाब नेशनल बैंक और बैंक आफ बड़ौदा के 900 करोड़ हैं। झुनझुनवाला और उनके परिवार ने 11 बैंकों से करोड़ों का लोन लिया था। जिसे अब तक लौटाया नहीं है। उनकी कंपनी जेवीएल एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड सबसे बड़ी कर्जदार है। माना जा रहा है कि इसी मामले में ईडी की कार्रवाई चल रही है।
ऐसे शुरू किया था कारोबार
उद्योगपति दीनानाथ झुनझुनवाला लगभग पांच दशक पहले फेरी लगाकर कपड़ा बेचते थे। बाद में उन्होंने झूला ब्रांड डालडा (वनस्पति तेल) बनाना शुरू किया, जो यूपी-बिहार में काफी मशहूर है। उनका कारोबार इंडोनेशिया, चेकोस्लोवाकिया, मलयेशिया और श्रीलंका में भी है। मूलरूप से बिहार के भागलपुर निवासी दीनानाथ झुनझुनवाला (90), पत्नी किशोरी देवी (87) है। तीन बेटे में एक की मौत हो चुकी है। दो बेटे उनका कारोबार में हाथ बंटाते हैं। बीएचयू से स्नातक के बाद वह फेरी लगाने लगे। फिर, बिस्किट की फैक्ट्री खोली। 17 नवंबर 1989 को झुनझुनवाला ने वनस्पति लिमिटेड नाम से कंपनी बनाई, जिसे जौनपुर के नाऊपुर में स्थापित किया। 1990 से कंपनी ने वनस्पति तेल बनाना शुरू कर दिया। कुछ दिनों में कारोबार चल पड़ा। 25 टन प्रतिदिन के उत्पादन से शुरूआत करने वाली कंपनी बाद में एक हजार टन प्रतिदिन उत्पादन करने लगी। 2008 में कंपनी ने अपना नाम जेवीएल एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड किया। जेवीएल एग्रो ने वनस्पति, रिफाइंड सोयाबीन और सरसों का तेल बनाया।
7-8 वर्ष से बंद हैं सभी फैक्ट्रियां
जेवीएल आयल कंपनी के मालिक दीनानाथ झुनझुनवाला की फैक्ट्रियों पर पिछले 5 साल से ताला जड़ा है। वहीं कुछ कंपनी सात-आठ साल से पूरी तरह से बंद हैं। पूर्वांचल में अरबों का कारोबार करने वाली इन कंपनियों की साख को बट्टा लग चुका है।
झुनझुनवाला ने बड़े उद्योगपति बनने के लिए बैंकों से बड़े लोन लिए, बड़े अमाउंट को कारोबार में लगाया, लेकिन बैंकों को लोन वापस नहीं लौटाया। सीबीआई ने देश के बैंक डिफाल्टर की सूची बनाई, जिसमें झुनझुनवाला भी बड़ा नाम थे। 2012-13 में सीबीआई वाराणसी पहुंची और जांच के बाद सभी बैंक खाते सीज कर दिए। इसके अलावा 2013 में आयकर विभाग ने छापेमारी की थी। सीबीआई ने यह छापेमारी ने बैंकों से लगभग 7 हजार करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में दर्ज 35 मुकदमों को लेकर की थी। हालांकि इससे पहले भी केंद्रीय और प्रदेश की एजेंसियों ने कार्रवाई की, लेकिन जेवीएल ग्रुप पर यह बड़ी चोट थी। इसके बाद एक-एक करके सभी फैक्ट्रियों पर ताले लग गए।
ये हैं छापामारी की वजहात
- झुनझुनवाला पर आरोप है कि बोगस कंपनियां और फर्जी दस्तावेज के सहारे 11 बैंकों से 1 हजार करोड़ों का लोन लिया, लेकिन लौटाया नहीं।
- बैंक को ही गलत बताकर मुकर गए। करोड़ों लेन-देन के बीच उन्होंने ने एक-एक करके सभी फैक्ट्रियों को ताला लगा दिया। मगर कागजों में व्यापार चलता रहा।
- बैंक से लिए करोड़ों रुपयों को बेनामी संपत्तियों, जमीनों और रियल एस्टेट पार्टनरशिप में लगाया।
- बनारस के आशापुर, बिहार के सासाराम, मोतिहारी और डेहरी, प.बंगाल के पोर्ट, राजस्थान के जोधपुर, मध्य प्रदेश और मुंबई की कंपनियों पर ताला लगा। फिर सभी इंडस्ट्री बंद हो गई।
- झुनझुनवाला के घर, आफिस-फैक्ट्री में अक्सर आग की घटना सामने आती रही है। 14 मई 2022 को भी नाटी इमली स्थित आवास पर आग लगी थी, जिसमें दस्तावेज जलने की बात कही गई।