मणिकर्णिका घाट पर दबंगों के दुर्व्यवहार से डोम समाज ने रोका शवदाह
(रणभेरी): वाराणसी के मणिकर्णिका घाट स्थित महाश्मशान पर सोमवार को लकड़ी विक्रेताओं पर मनमानी और दबंगई के आरोप में डोम समाज (चौधरी परिवार) ने शवदाह का काम रोक दिया। उनका कहना था कि कुछ दबंग हमारे समाज के लोगों से दुर्व्यवहार और मारपीट करते हैं। शवदाह की जगह पर जबरन लकड़ी रख दी जाती है। ऐसे में जब तक समस्या हल नहीं होती है, तब तक शवदाह का काम नहीं होगा। इसकी सूचना पर इंस्पेक्टर चौक मणिकर्णिका घाट पहुंचे।
उन्होंने डोम राजा परिवार के सदस्यों से बातचीत करके उन्हें समझाया। इसके बाद करीब 1 घंटे बाद शवदाह का काम दोबारा शुरू कर दिया गया।डोम राजा परिवार के भानू चौधरी ने बताया, "मणिकर्णिका घाट पर दबंग मनमानी करते हैं। शवदाह की जगह पर जबरन लकड़ी का ढेर लगा दिया जाता है। इससे शवदाह के काम में दिक्कत आती है। मना करने पर अपशब्द बोले जाते हैं। सोमवार को फिर शवदाह स्थल पर लकड़ी रखे जाने से समस्या हो रही थी।
दरअसल, मणिकर्णिका घाट पर डोम समाज और स्थानीय लकड़ी विक्रेताओं के बीच विवाद हुआ था। विवाद का कारण लकड़ी विक्रेताओं द्वारा शवदाह करने वाले स्थलों और प्लेटफॉर्म पर लकड़ी रखने से मना करने के बाद शुरू हुआ। आरोप है कि शवदाह स्थल पर लकड़ी रखे जाने का जब डोम समाज ने विरोध किया तो लकड़ी विक्रेताओं ने अमर्यादित व्यवहार किया।
डोम राज परिवार के शालू चौधरी ने फोन पर बताया कि रविवार को उनके समाज के लोगों के साथ अरुण सिंह नामक लकड़ी व्यापारी ने दुर्व्यवहार किया। अपशब्द कहे और धमकी भी दी। इस घटना के विरोध में डोम समाज एकजुट हुआ और सोमवार सुबह 11 बजे दाह संस्कार रोक दिया।
लोग डीएम समेत अन्य शीर्ष अधिकारियों को बुलाने की मांग पर अड़ गए। सूचना पर चौक थाना प्रभारी शिवाकांत मिश्रा मौके पर पहुंचे। उन्होंने डोम राजा परिवार के सदस्यों से बातचीत करके उन्हें समझाया। चौक थाना प्रभारी ने बताया कि डोम राजा परिवार के सदस्यों से बातचीत की गई है। शवदाह का काम शुरू करा दिया गया है। मंगलवार को बैठ कर समस्या का स्थायी समाधान करा लिया जाएगा।