महाकुंभ स्नान के बाद अभी काशी न आएं श्रद्धालु, दशाश्वमेध घाट पर 5 फरवरी तक नहीं होगी गंगा आरती
वाराणसी (रणभेरी): प्रयागराज महाकुंभ से स्नान जे बाद श्रद्धालुओं का रेला काशी और अयोध्या का रुख कर रहा है। मौनी अमावस्या के बाद काशी में आज यानी शुक्रवार को श्रद्धालुओं से खचाखच भरी है, शहर में भोर तक 25 लाख श्रद्धालुओं ने डेरा जमा रखा है। होटलों से लेकर धर्मशालाओं में कमरे बुक हैं तो सरकारी स्टे कैंप भी हाउसफुल हैं। रेलवे स्टेशन से लेकर बस स्टैंड पर हजारों लोग हर घंटे आ रहे हैं। भीड़ से सड़कें और गलियां भी भरी हैं। गुरुवार के दिन करीब 25 लाख लोग शहर में आए। सभी आने वाले श्रद्धालु काशी विश्वनाथ का दर्शन करने के साथ घाट पर होने वाली गंगा आरती में शामिल होना चाहते हैं। ऐसे में दशाश्वमेध घाट पर आज जबरदस्त भीड़ हुई। घाट पर तिल रखने तक कि जगह नहीं थी। किसी अनहोनी की आशंका और अगले दो दिन तक श्रद्धालुओं के आने की संभावना को देखते हुए अब आरती समितियों ने श्रद्धालुओं से काशी न आने की अपील की है।
काशी में श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ के बीच आज यानी 31 जनवरी से काशी के गंगाघाटों पर आरती नहीं होगी। इन आरती में जुटने वाली लाखों की भीड़ अब मूवमेंट करती रहेगी। संस्थाओं के कार्यालय में औपचारिक आरती की जाएगी। वहीं काशी विश्वनाथ परिक्षेत्र को पूरी तरह से नो व्हीकल जोन बनाया गया है।
शुक्रवार भोर तक काशी पहुंचने वाले लाखों लोगों ने गंगाघाट और मंदिर का रुख किया हैं। श्रद्धालुओं की भीड़ से कॉरिडोर के पांच गेट की रेलिंग पूरी तरह से भर गई। सुबह चार बजे मंदिर गेट से लेकर चौक थाना, बांस फाटक और गोदौलिया तक कतार लगी रही। वहीं दशाश्वमेध घाट, राजेंद्र प्रसाद घाट और अस्सी पर स्नान करने वालों की भीड़ रही। पुलिस प्रशासनिक अधिकारी कतार लगवाते रहे। एडीशनल सीपी के अलावा एसीपी और थानेदारों समेत तमाम अफसर सड़क पर नजर आए और क्राउड कंट्रोलिंग में व्यस्त दिखे।
शुक्रवार भोर में 2:45 बजे मंगला आरती के लिए मंदिर के पट खुल गए। बाबा के भव्य अभिषेक और मंगला आरती शुरू हुई। मुख्य अर्चक ने विधि-विधान से बाबा का श्रृंगार किया और उन्हें फूलों से सजाया। बाबा की आरती के बाद श्रद्धालुओं को गर्भगृह में बाबा के स्पर्श दर्शन भी प्राप्त हुए। मंगला आरती के बाद आम श्रद्धालुओं के लिए फिर दर्शन शुरू हो गए। मंदिर गेट से चारों ओर एक-एक किलोमीटर की कतार लगी थी, वहीं एक लाख श्रद्धालु परिसर के जिगजैक रेलिंग में थे। धाम के बाहर लगभग लंबी लाइन में श्रद्धालु घंटों खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करते दिखे। बता दें कि भीड़ चलते काशी विश्वनाथ मंदिर 20 घंटे खोला गया।
काशी में दर्शन पूजन और स्नान के लिए लाखों श्रद्धालुओं भी भीड़ चारो ओर से आ रही है। पिछले दो दिन प्रयागराज महाकुंभ में स्नान करके लौटने वाले 25-30 लाख श्रद्धालुओं से काशी की व्यवस्थाएं ध्वस्त हो गई हैं। शुक्रवार को काशी आए में 15 लाख श्रद्धालुओं का बसेरा है और 10 लाख नए भक्त प्रयागराज से पहुंच गए हैं। वहीं वीक एंड यानि शनिवार और रविवार को भीड़ का अनुमान 40 लाख तक लगाया जा रहा है।
पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल तीन जोन के अफसरों के साथ रातभर भीड़ की सुगमता का रूट तय करते रहे। सीपी ने प्वाइंट निर्धारित किए, वहीं बैरिकेडिंग पर बड़े अफसरों को तैनात किया। काशी, वरुणा, गोमती जोन के पुलिस अधिकारियों के अलावा बड़ी संख्या में पुलिस तैनात है। काशी विश्वनाथ धाम परिक्षेत्र में केंद्रीय सुरक्षा बल, पीएसी और पुलिस के लगभग 500 सुरक्षाकर्मी शिफ्टवार ड्यूटी पर हैं। यातायात व्यवस्था सुधारने को 5 फरवरी तक के लिए नई एडवाइजरी तय की है इसमें रात एक बजे तक की गई है। काशी जोन के DCP गौरव बंसवाल, ADCP सरवणन टी. दशाश्वमेध ACP अपने जोन में तैनात पुलिसबल के साथ बैरिकेडिंग पर डटे हैं।