स्वच्छ वातावरण का निर्माण करना ही हमारा मूल लक्ष्य : कुलपति
वाराणसी (रणभेरी)। संपूणार्नंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा ने कहा कि विद्यार्थियों को स्वच्छ पेयजल आपूर्ति और स्वच्छ वातावरण का निर्माण करना ही हमारा मूल लक्ष्य है। छात्र ही हमारे लिए अनमोल रत्न हैं, उनके विकास के लिए अनुकूल वातावरण का सृजन कर उन्हें संतुलित जीवन के लक्ष्य से जोड़ना तथा एक अच्छा इंसान बनाने का यत्न है। वह रविवार को विश्वविद्यालय के नवीन छात्रावास में स्थापित आरओ प्लांट के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। विश्वविद्यालय विकास समिति के वरिष्ठ सदस्य एवं उद्योगपति आरके चौधरी के सौजन्य से नवीन छात्रावास में आरओ प्लांट लगाया गया है। कुलपति प्रो. शर्मा ने इस बात पर जोर दिया कि इस संस्थान से जुड़ा हर व्यक्ति विद्यार्थियों की भलाई के लिए प्रतिबद्ध है। अन्य सभी छात्रावासों सहित केंद्रीय कार्यालय में भी आरओ प्लांट लगाया जाएगा। उद्योगपति आरके चौधरी ने कहा कि संस्कृत देववाणी है, यह प्रांगण मां वाग्देवी का संपूर्ण मंदिर है, यहां की सेवा-सहयोग की भावना से मानसिक-आध्यात्मिक ऊर्जा का विकास होता है। इस दौरान ऋषभ चंद्र जैन, उद्योगपति जगदीश झुनझुनवाला,उमाशंकर, प्रो. रामपूजन पांडेय, प्रो. जितेन्द्र कुमार शाही, प्रो. हरिशंकर पांडेय, प्रो. हीरक कांति चक्रवर्ती, प्रो. राजनाथ उपस्थित थे।
शुरू हुआ नौकुंडीय रुद्र महायज्ञ
संपूणार्नंद संस्कृत विश्वविद्यालय के वेद विभाग में चल रहे संवत्सरव्यापी चतुर्वेद स्वाहाकार विश्वकल्याण महायज्ञ 90 दिनों में पूर्ण हुआ। इसके साथ ही श्री शांतिदेवी विद्यापीठ जोधपुर राजस्थान की ओर से अग्निहोत्री विद्वान पुखराज बिस्सा के आचार्यत्व में सात दिवसीय नौ कुंडीय रुद्र महायज्ञ जलयात्रा और अरिण मंथन के साथ प्रारंभ हुआ। रविवार को जलयात्रा की शुरूआत करते हुए कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा ने कहा कि मांगलिक कार्यक्रम के पूर्व जलयात्रा सभी तीर्थों की उपस्थिति का प्रतीक है। इससे तीर्थों की सन्निधि में यज्ञ करने से पुण्य की वृद्धि एवं मानव जीवन में सुख समृद्धि का संचार होता है। यज्ञ के प्रथम दिन अरणि मंथन के द्वारा भगवान अग्निदेव को प्रकट कर अग्निस्थापना की गई और रुद्र महायज्ञ आरंभ हो गया। जोधपुर से आए अग्निहोत्री पुखराज बिस्सा ने बताया कि विश्वविद्यालय में विश्वकल्याण के लिए अनवरत चल रहे यज्ञ की यज्ञशाला में देवताओं के सान्निध्य का साक्षात अनुभव हो रहा है, विश्वविद्यालय द्वारा किये जा रहे इस पवित्र कार्य से संपूर्ण देश लाभान्वित हो रहा तथा सर्वत्र प्रशंसा हो रही है। इस अवसर पर विश्वविद्यालय विकास समिति के सदस्यों ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि विश्वकल्याण महायज्ञ को आरंभ करने का संकल्प पूर्णता को प्राप्त कर रहा है।