यूपी बोर्ड परीक्षा : कक्ष निरीक्षकों के नाम पर नहीं चलेगा खेल
वाराणसी (रणभेरी): यूपी बोर्ड ने सभी विद्यालयों से शैक्षिक विवरणों के साथ अध्यापकों की सूची उनके तलब की थी। इसके तरह सभी विद्यालयों ने नियमित अध्यापकों की सूची बोर्ड की वेबसाइट पर अनिवार्य रूप अपलोड कर दी है। इसी सूची के आधार पर इस वर्ष हाईस्कूल व इंटर की परीक्षाओं में कक्ष निरीक्षकों की तैनाती की जाएंगी। ऐसे में इस बार कक्ष निरीक्षकों के नाम पर खेल नहीं चलेगा। गाइड लाइन के अनुसार विषय विशेषज्ञ अध्यापक की संबंधित पेपर की परीक्षा में ड्यूटी नहीं लगाई जा सकती है।
इसके बावजूद कक्ष निरीक्षकों की कमी का हवाला देते हुए कई विद्यालय विषय विशेषज्ञ की भी ड्यूटी संबंधित पेपरों की परीक्षा में लगा देते हैं। वहीं अब शिक्षकों का विवरण आनलाइन होने से इस तरह की इस तरह की गड़बडि?ों पर विराम लगना तय माना जा रहा है। इसके अलावा इसी सूची के आधार पर कापियों के मूल्यांकन के लिए परीक्षकों की भी नियुक्ति की जाएगी। इसके अलावा बोर्ड परीक्षकों व कक्ष निरीक्षकों का पारिश्रमिक अब सीधे उनके खाते में करने की योजना बना रहा है। ऐसे में परीक्षा पारिश्रमिक के लिए अब अध्यापकों को मूल्यांकन केंद्रों की दौड़ नहीं लगानी होगी। जिला विद्यालय निरीक्षक डा. विनोद कुमार राय ने बताया कि जनपद के राजकीय, अशासकीय व वित्तविहीन सभी विद्यालयों को अर्ह अध्यापकों की सूची बोर्ड की निर्धारित तिथि के भीतर बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड करा दिया गया है।
यूपी बोर्ड के हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षाएं 24 मार्च से होगी। हाईस्कूल की 11 अप्रैल तक व इंटर की 20 अप्रैल तक परीक्षा चलेंगी। इस बार दसवीं की परीक्षा 19 दिन में व बारहवीं की परीक्षा 28 दिन में खत्म हो रही है। वहीं हाईस्कूल व इंटर दोनों की परीक्षाओं की शुरूआत हिंदी विषय से हो रही है। हाईस्कूल व इंटर की 93997 परीक्षार्थियों के लिए जनपद में 131 केंद्र बनाए गए हैं।
क्वींस कालेज में बना संकलन केंद्र
जनपद में राजकीय क्वींस कालेज को कापी संकलन केंद्र बनाया गया है। केंद्रों को सादी उत्तर पुस्तिकाओं क्वींस कालेज से ही वितरित किया जाएगा। वहीं परीक्षा के बाद केंद्राध्यक्षों को लिखित उत्तर पुस्तिकाएं भी क्वींस कालेज ही जमा करनी होगी।
तीन केंद्रों पर होगा मूल्यांकन
हाईस्कूल व इंटर की परीक्षा की कापियों के लिए मूल्यांकन के लिए डीआइओएस सात विद्यालयों का प्रस्ताव बोर्ड को भेजा है। हालांकि मूल्यांकन इसमें से किसी तीन विद्यालय में ही कराने का निर्णय लिया गया है।