सीएम साहब ! बनारस में पुलिस की सरपरस्ती में फल-फूल रहे भूमाफिया

- सराय सुरजन में कूटरचित दस्तावेज के जरिए 26 बिस्वा जमीन पर दबंगों ने कर रखा है कब्जा
- भेलूपुर थाने की पुलिस ने बीते दिसंबर माह में बिना दस्तावेज की जांच किए जबरन दिलवाया था कब्जा
- फर्जी कागजात और लेखपाल के फर्जी हस्ताक्षर के जरिए भूमाफियाओं ने हथिया लिया 26 बिस्वा जमीन
- पीड़ित को प्रताड़ित कर रहे दबंग, दे रहे जान से मारने की धमकी, फिर भी नहीं सुन रही पुलिस
- दबंगों के रसूख के आगे पीड़ित की नहीं हो रही सुनवाई, न्याय के लिए दर दर भटक रहा पीड़ित
- सीएम पोर्टल से लेकर, उच्चाधिकारियों और मंत्री के दरबार का भी लगा चुका है चक्कर, दर-दर ठोकरें खा रहा पीड़ित
वाराणसी (रणभेरी/विशेष संवाददाता)। बीते दिनों सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने एक कार्यक्रम में अपने मंच से भूमाफियाओं को निशाने पर लिया था। सीएम योगी ने चेतावानी दी थी कि भू-माफियाओं ने जो भूमि कब्जाई है, उसे खाली करना ही पड़ेगा। सीएम योगी ने भू-माफियाओं को निशाने पर लेते हुए कहा था कि भू-माफियाओं ने जो जमीन कब्जा किया हुआ है, उसे देर सवेर तो खाली होना ही है। एक तरफ जहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश से गुंडों का एनकाउंटर और भू-माफियाओं का बुलडोजर से सफाया करने में लगे हैं, वहीं पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कुछ गुंडे और भू-माफिया ऐसे भी हैं, जिनके आगे सीएम योगी का बुलडोजर पस्त है क्योंकि उनके सिर पर कुछ सफेदपोशों का हाथ और पुलिस का साथ है। इसलिए सीएम योगी का प्रशासन उनका कुछ नहीं बिगाड़ पा रहा है। पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी कुछ ऐसे भू-माफिया हैं, जो अपनी गुंडागर्दी के दम पर न सिर्फ योगी सरकार को चुनौती दे रहे हैं, बल्कि सीएम योगी के सुशासन और गुंडाराज मुक्त उनकी सोच पर भारी पड़े हुए हैं। स्थानीय लोग और कुछ पीड़ित बताते हैं कि प्रशासन इन भू-माफिया के आगे पानी भरता है।
ताजा मामला भेलूपुर थाना क्षेत्र के सराय सुरजन वार्ड नगवां का है जगह दबंग भूमाफियाओं ने पुलिस की मिलीभगत से करीब 26 बिस्वा जमीन को जबरन कब्जा कर लिया है। खोजवां, किरहिया निवासी पीड़ित कन्हैया का भेलूपुर थाना क्षेत्र के सराय सुरजन वार्ड नगवां में खाता सं.- 00079 आराजी नं.- मि. 298, रकबा 0.0790 हे. यानि कुल 6 गाटा, करीब 26 बिस्वा जमीन है, और वह उसका मालिक है। कन्हैया उक्त आराजियात पर अपनी बाउंड्री व कमरा आदि बनवाकर वर्षों से काबिज दखील चला आ रहा है। हाल के दिनों में मालवीय बाग पाण्डेय हवेली का रहने वाला फैयाज अहमद, जावेद, एजाज व मुमताज अहमद जो कि एक दबंव व असखातस भूमाफिया है, कि नियत उस वक्त बिगड़ गई जब इनकी नजर इस जमीन पर गई। फैयाज अहमद, जावेद, एजाज व मुमताज ने नसीम तथा फैयाज का दबंग ड्राइवर व अन्य लोग को अपने साजिश में लेकर फर्जी व फौरेबी ढंग से कूटरचित दस्तावेजों को तैयार करवाया। फिर इन भूमाफियाओं ने दबंगई व गुण्डागर्दी के बल पर फर्जी व फौरेबी ढंग से लेखपाल तथा तहसीलदार सदर आदि कूटरचित का फर्जी हस्ताक्षर व स्टैम्प लगाकर फर्जी चौहद्दी प्रमाण पत्र तैयार करवा लिया।
पुलिस लिखी इसी सफारी गाड़ी से जमीन पर कब्जा करने पहुंचे थे दबंग
फर्जी दस्तावेज के आधार पर पीड़ित की चहारदीवारी दिया तोड़
फर्जी व फौरेबी ढंग से इस तरह की कूटरचित दस्तावेज बनाने वाली इस गोल ने फिर अपने रसूख के दम पर तत्कालीन बजरडीहा चौकी इंचार्ज को अपने अर्दब में लिया। उसके बाद पुलिस की मिलीभगत से बीते साल 25 जून को इसी कूटरचित फर्जी दस्तावेज के आधार पर पीड़ित की चहारदीवारी तोड़ दिया, व जमीन हड़पने का प्रयास किया लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के बाद वो अपने मनसूबे में कामयाब नहीं हो सके। जब पीड़ित ने तीन माह बाद अपनी चहार दिवारी आदि बनाकर गेट लगाया तो उक्त भूमाफियाओं ने 13 सितंबर 2024 को दोपहर करीब 2 बजे गेट तोडकर अन्दर घुस गये और अन्दर तोड़ फोड़ किया। इतना ही नहीं , दबंगों ने पीड़ित कन्हैया का रखा पुराना सन्दुक फावड़ा व कण्डाल लोहे की अढ़िया आदि भी चुरा ले गये। जब पीड़ित कन्हैया ने अपने टूटे हुए संदूक की मरम्मत करवा रहा था उसी वक्त तत्कालीन चौकी इंचार्ज बजरडीहा व कुछ अन्य सिपाही मौके पर धमक पड़े और पीड़ित को ही धमकाते हुए भाग जाने की नसीहत व धमकी दे डाली। पुलिस के इस रवैए से पीड़ित परिवार डर गया। पीड़ित ने न्याय की आस से इस घटना की सूचना थाना भेलूपुर पर दिया लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई। आलम यह है कि इस विवाद में आए दिन झगड़ा फसाद की स्थिति पैदा हो रही है, लेकिन पुलिस पीड़ित की सुनने को तैयार नहीं। पीड़ित की मांग पर जब इस मामले में पुन: जांच हुई तो लेखपाल कानूनगो द्वारा अपनी रिपोर्ट में विवादित भूमि की चहारदीवारी व गेट को कन्हैया बिन्द की बतायी गयी। मौके पर पहुचे नायब तहसीलदार ने भी उक्त परिसर में किसान को काबिज पाया था जिसे पुलिस ने दबंगों के साथ मिलकर बेदखल करा दिया।
तो भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे रहे तत्कालीन एसीपी !
पीड़ित ने न्याय की उम्मीद लगाए सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई है जिसमें यह कहा गया है कि तत्कालीन एसीपी भेलूपुर तथा चौकी इन्चार्ज बजरडीहा भूमाफियाओं के रसूख में फंसकर 29 दिसंबर 2024 को करीब 11 बजे दस-बारह की संख्या में बजरडीहा चौकी की पुलिस को लेते हुए हमारे जमीन पर चढ़ आए। उस वक्त घर की कुछ महिलाएं भी वहां मौजूद थी। इसके बाद दबंगों ने पुलिस के सहयोग का फायदा उठाकर महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार करते हुए खाली करने के लिए धमकाने लगे। विरोध करने पर विपक्षीगण आक्रामक हो गया और मुझे (कन्हैया) व परिवार के औरतों को लात-घूसों से मारने लगा। पीड़ित ने पत्र में बताया है कि हम तत्कालीन एसीपी और तत्कालीन बजरडीहा चौकी प्रभारी से दया की भीख मांगते रहें और गिड़गिड़ाते रहे लेकिन भूमाफियाओं के प्रभाव में आकर तत्कालीन एसीपी भेलूपुर तथा तत्कालीन बजरडीहा चौकी इन्चार्ज ने विपक्षीगणों का साथ दिया। पीड़ित के मुताबिक, उक्त विवादित प्लाट के बाबत किसी भी सक्षम न्यायालय का कोई भी ऐसा आदेश किसी पक्षकार के पक्ष में नहीं है, उसके बावजूद भी तत्कालीन एसीपी भेलूपुर द्वारा पुलिसिया रोब दिखाकर दबंग भूमाफियाओं को विवादित भूमि में कब्जा करा दिया गया । पीड़ित बार-बार 112 नम्बर पर कॉल करके सूचना देता रहा, लेकिन पुलिस का कद एसीपी के सामने बौना साबित हुआ। पीड़ित का आरोप है कि आज भी उसके मोबाइल फोन पर बार बार धमकियां मिल रही हैं, कि तुम लोग प्लाट को छोड़कर हट जाओ नहीं तो पूरे परिवार को जान से मारकर खत्म कर देंगे, उसके बावजूद भी पुलिस पीड़ित को सुनने को तैयार नहीं। ऐसे में यह सवाल उठता है किस पुलिस पर सुरक्षा और न्याय दिलाने की जिम्मेदारी है अगर वो ही भ्रष्ट होकर दबंगों के साथ खड़ी हो जाए तो आम जनता जो गरीब और कमजोर है, आखिर उसे न्याय कौन दिलाएगा !