पुलिस के हत्थे चढ़ा बच्चा चोर गिरोह, अब तक 50 बच्चों को अगवा कर बेचा
वाराणसी (रणभेरी): बच्चों का अपहरण करके बेचने वालें गिरोह का सदस्य रविवार को पुलिस के हत्थे चढ़ गया। गिरोह के सदस्य गरीब परिवार के बच्चों का अपहरण कर बेचता है। जितना सुंदर बच्चा उतना अधिक पैसा मिलता है। अब तक शहर में 50 से अधिक बच्चों को चोरी कर बेच चुके हैं। पुलिस की गिरफ्त में आए संतोष ने बताया कि सड़क किनारे झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले परिवारों को निशाना बनाते हैं। रात में परिवार के सोने के बाद बच्चों का अपहरण कर ले जाते हैं। इसके लिए पहले रेकी करते हैं। रेकी के दौरान ही सुंदर बच्चों को चिह्नित कर लेते हैं। जितना सुंदर बच्चे होते हैं, उतनी अधिक कीमत मिलती है।
संतोष ने पुलिस को बताया कि बच्चे के इच्छुक नि:संतान दंपती को बिहार, झारखंड और राजस्थान निवासी दलाल खोजते थे। सर्वाधिक मांग अधिकतम दो साल तक के बच्चों की रहती है। बच्चे के रंग और उसकी खूबसूरती के आधार पर उसकी कीमत दलालों के माध्यम से तय की जाती थी। सौदा तय हो जाने पर पैसा लेकर बच्चा इच्छुक दंपती को सौंप दिया जाता था। साथ ही पलिस को बताया कि 14 मई की रात तीन बजे वह और सिंदुरिया पोखरी शिवदासपुर निवासी विनय कुमार मिश्रा चार वर्ष के बच्चे का अपहरण करके कार से ले गए थे। अपहरण के बाद बच्चे को सिंदुरिया पोखरी शिवदासपुर की रहने वाली अपनी सहयोगी शिखा मोदनवाल को सौंप दिया था। इसी तरह और भी बच्चों का अपहरण किया गया। इसके बाद बच्चों को झारखंड के गिरीडीह निवासी महेश राणा व उसकी पत्नी सुनीता, हजारीबाग के मुकेश पंडित व उसकी पत्नी यशोदा देवी और कोडरमा के महेश राणा को सौंप दिया। संतोष ने बताया कि बच्चों के अपहरण में उसका बेटा शिवम गुप्ता भी शामिल रहता है। पुलिस सूत्रों के अनुसार अब तक पांच बच्चे बरामद किए जा चुके हैं। पुलिस की अलग-अलग टीमों की दबिश जारी है। अलग-अलग राज्यों में जारी कार्रवाई पूरी होने के बाद अंतरराज्यीय गिरोह की करतूत का खुलासा किया जाएगा।