भदोही में मुख्यमंत्री योगी ने किया चौथे अंतरराष्ट्रीय कालीन मेले का उद्घाटन, बोले– “कालीन उद्योग बनेगा प्रदेश की ताकत”

भदोही में मुख्यमंत्री योगी ने किया चौथे अंतरराष्ट्रीय कालीन मेले का उद्घाटन, बोले– “कालीन उद्योग बनेगा प्रदेश की ताकत”

(रणभेरी): मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को ज्ञानपुर में आयोजित चौथे अंतरराष्ट्रीय कालीन मेले का उद्घाटन किया। वे तय समय से करीब 20 मिनट देरी से कार्यक्रम स्थल पहुंचे। मुख्यमंत्री के आगमन को देखते हुए जिले में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। अभयनपुर से लेकर मेगा मार्ट तक केवल चिन्हित व्यक्तियों को ही कार्यक्रम स्थल तक प्रवेश की अनुमति थी। मेले के दौरान लगभग 1200 से अधिक सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कालीन उद्योग प्रदेश ही नहीं, बल्कि देश की आर्थिक मजबूती का बड़ा केंद्र है। लाखों लोगों को रोजगार देने वाले इस उद्योग के विकास के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि अमेरिकी टैरिफ से उत्पन्न परिस्थितियों से निपटने के लिए सरकार वैकल्पिक रास्ते तलाश रही है। इसके तहत कई देशों के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर तेजी से काम चल रहा है।

हालांकि, निर्यातकों को उम्मीद के मुताबिक किसी बेल आउट पैकेज की घोषणा नहीं हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें निर्यातकों को राहत देने के लिए कई मोर्चों पर कार्य कर रही हैं। उन्होंने बताया कि ओडीओपी (वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रॉडक्ट) योजना के तहत कालीन उद्योग को विशेष प्रोत्साहन दिया गया है, जिससे इससे जुड़े कारीगरों और उद्यमियों को नया प्लेटफॉर्म मिला है।

योगी ने कहा कि जीएसटी दरों में कटौती से कालीन उद्योग को सीधा लाभ मिला है - पहले 12 से 18 प्रतिशत की दर से लगने वाला टैक्स अब सिर्फ 5 प्रतिशत रह गया है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि भारत सरकार यूएई और यूके के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के अंतिम चरण में है। साथ ही, मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि काशी नरेश राजकीय महाविद्यालय को जल्द ही विश्वविद्यालय का दर्जा दिया जाएगा।

निर्यातकों से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि 11 वर्ष पहले कालीन उद्योग बंदी के कगार पर था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भदोही, मीरजापुर और वाराणसी के कार्पेट क्लस्टरों को नई ऊर्जा मिली है। उन्होंने कहा कि पहले कार्पेट एक्सपो में बहुत कम विदेशी खरीदार आते थे, लेकिन आज 88 देशों के 300 से 400 विदेशी बायर्स मेले में पहुंच रहे हैं- यह इस उद्योग की वैश्विक लोकप्रियता का प्रमाण है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भदोही के कालीन, मुरादाबाद के पीतल, फिरोजाबाद के ग्लास और वाराणसी के सिल्क को ओडीओपी योजना के तहत नई पहचान मिली है। वर्ष 2017 में शुरू हुई यह योजना आज यूपी को दो लाख करोड़ रुपये से अधिक का निर्यात करने वाला राज्य बना चुकी है।

 योगी आदित्यनाथ ने कहा - “हैंडमेड कारपेट उत्तर प्रदेश की ताकत है। इस मेला के माध्यम से हमारे उद्यमियों को वैश्विक मंच मिलेगा, और यही प्रदेश की आर्थिक प्रगति का आधार बनेगा।”