माघ मेला से पहले प्रयागराज में बवाल: जमीन न मिलने पर साधु-संतों का धरना, SDM से तीखी नोकझोंक
(रणभेरी): प्रयागराज में 3 जनवरी से शुरू हो रहे माघ मेले से पहले साधु-संतों का आक्रोश फूट पड़ा है। जमीन आवंटन और सुविधा पर्ची न मिलने से नाराज 100 से अधिक साधु-संत शुक्रवार रात से ही मेला प्राधिकरण कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे हैं। संतों का आरोप है कि अब तक न तो उन्हें रहने के लिए भूमि उपलब्ध कराई गई है और न ही किसी तरह की सुविधा पर्ची दी गई है।
शनिवार को करीब साढ़े 11 बजे एसडीएम संजीव उपाध्याय मौके पर पहुंचे और संतों से धरना समाप्त करने को कहा। इसी दौरान संतों और एसडीएम के बीच कहासुनी हो गई। भावुक माहौल में एक संत एसडीएम के पैरों पर गिर पड़ा और बोला“हमें जमीन दे दीजिए, नहीं तो जेल भेज दीजिए।” हालात बिगड़ते देख एसडीएम किसी तरह कार्यालय के भीतर पहुंचे। उनके अंदर जाते ही बाहर मौजूद संतों ने नारेबाजी और हंगामा शुरू कर दिया।
दूसरे गुट के पहुंचते ही मचा हड़कंप
कुछ ही देर में साधु-संतों का दूसरा गुट 25–30 लोगों के साथ मौके पर पहुंच गया। इस दौरान धरने पर बैठे संतों को धक्का देकर वहां से हटा दिया गया। आरोप है कि इस अफरातफरी में कुछ लोगों के मोबाइल फोन भी छिन गए। स्थिति को संभालने के लिए मेला प्राधिकरण कार्यालय के बाहर करीब 200 पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया गया। फिलहाल हालात नियंत्रण में बताए जा रहे हैं।
मांग पूरी होने तक धरना जारी रखने का ऐलान
धरने पर अड़े संतों ने साफ कहा है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे वहां से नहीं उठेंगे। संतों का कहना है कि वे या तो अपने मठ-आश्रम लौटेंगे या प्रशासन उन्हें जेल भेज दे, लेकिन बिना व्यवस्था के माघ मेले में हिस्सा नहीं लेंगे।
पुलिस बल तैनात, प्रवेश पर रोक
संतों के बढ़ते आक्रोश को देखते हुए मेला प्राधिकरण कार्यालय के बाहर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। एहतियातन किसी भी व्यक्ति को कार्यालय परिसर में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है। पूरे इलाके में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है।
पूर्व डिप्टी कमिश्नर ने उठाए सवाल
पूर्व डिप्टी कमिश्नर डॉ. श्याम धर तिवारी ने बताया कि उन्होंने वीआरएस लिया है और मेला क्षेत्र में ‘सत्यमेव जयते’ शिविर लगाने के लिए भूमि आवंटन का आवेदन किया है। उन्होंने कहा, “कल रात से अयोध्या, वाराणसी और वृंदावन से करीब 50 लोग आए हैं। अधिकारियों ने कहा था कि 50 नई संस्थाओं को जमीन दी जाएगी, लेकिन 46 लोगों को पहले ही आवंटन कर दिया गया है। शेष लोगों की कोई सुनवाई नहीं हो रही।” माघ मेले से ठीक पहले संतों और प्रशासन के बीच बढ़ता यह टकराव अब प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बनता नजर आ रहा है।











