Chandra Grahan 2022: साल का आखिरी चंद्र ग्रहण कल, सुबह 8.10 बजे से लग जाएगा सूतक

Chandra Grahan 2022: साल का आखिरी चंद्र ग्रहण कल, सुबह 8.10 बजे से लग जाएगा सूतक

वाराणसी (रणभेरी): कार्तिक अमावस्या पर ग्रस्तास्त सूर्यग्रहण के बाद  देव दीपावली पर आठ नवंबर को चंद्रग्रहण की छाया रहेगी। 15 दिनों में यह दूसरा ग्रहण जो दृश्यमान होगा। चंद्रग्रहण के कारण काशी में देव दीपावली का आयोजन एक दिन पहले सात नवंबर को किया जा रहा है। ज्योतिषाचार्यों की मानें तो एक पक्ष में दो ग्रहण के प्रभाव नकारात्मक होते हैं। प्राकृतिक आपदाओं के साथ ही मौसम में बदलाव, भूकंप और आतंकी घटनाएं हो सकती हैं। ज्योतिषाचार्य आचार्य दैवज्ञ कृष्ण शास्त्री ने बताया कि महाभारत कालीन ग्रस्तास्त सूर्यग्रहण के बाद ग्रस्तोदित चंद्रग्रहण का संयोग दो सौ साल बाद ऐसी युति बन रही है। इसमें चार ग्रह वक्री हो रहे हैं।

भरणी नक्षत्र, मेष राशि पर लग रहा ग्रस्तोदित ग्रहण संपूर्ण भारत के साथ दुनिया के भी कुछ हिस्सों में दिखेगा। इस ग्रहण का देश में व्‍यापक असर होने के साथ आम जन पर भी प्रभाव पड़ना तय है। इसके साथ ही कई राशियों पर भी इसका काफी बुरा प्रभाव पड़ने की संभावना ज्‍योतिषीय लोगों ने जताई है। सार्वभौमिक समय (यूनिवर्सल टाइम) अनुसार ग्रहण का आरंभ दिन में 2.39 बजे, मध्य शाम 4.29 बजे और मोक्ष शाम 6.19 बजे हो जाएगा, लेकिन काशी में चंद्रमा ग्रहण ग्रस्त होने के बाद उदित होगा। अर्थात् ग्रस्तोदित खग्रास चंद्रग्रहण काशी में चंद्रोदय के समय 5.10 बजे दृश्य व मोक्ष 6.19 बजे होगा। ग्रहण की अवधि 1.09 घंटा होगी। इसका ग्रासमान 1.363 होगा।

यह चंद्रग्रहण यह एशिया, उत्तरी तथा दक्षिणी अमेरिका, आस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर में दिखाई देगा। भारत में यह ग्रहण सर्वप्रथम डिब्रूगढ़, कोहिमा, तमिलांग आदि जगहों पर दिखाई देगा। शास्त्र अनुसार सूर्य ग्रहण में 12 व चंद्रग्रहण में नौ घंटे पूर्व सूतक काल होता है। अत: ग्रहण का सूतक काल प्रात: 8.10 बजे होगा। धर्मशास्त्रीय वचन अनुसार बाल, वृद्ध, रोगी को छोड़ सभी के लिए भोजन निषिद्ध होता है। देखा जाए तो यह ग्रहण एक पखवारे में दूसरा पड़ रहा है। ग्रहण एक खगोलीय घटना है जिसका नकारात्मक प्रभाव धरती वासियों पर पड़ता है। शास्त्र अनुसार ग्रहण के पूर्व 15 दिन व ग्रहण के पश्चात के 15 दिनों बाद प्रभाव विशेष होता है। इससे इन दोनों ग्रहणों का प्रभाव प्राकृतिक आपदा, दैवीय आपदा, भूकंप, सुनामी, महामारी के रूप में देखने को मिल सकता है।

इस बार चंद्रग्रहण मेष राशि वालों के लिए घात, वृष के लिए हानि, मिथुन के लिए लाभ, कर्क के लिए सुखदायक, सिंह के लिए मान नाश कारक, कन्या के लिए मृत्यु तुल्य कष्ट देने वाला, तुला के लिए स्त्री को पीड़ा, वृश्चिक के लिए सुख, धनु के लिए चिंता, मकर के लिए व्यथा, कुंभ के लिए श्री और मीन के लिए क्षति देने वाला है। जिन व्यक्तियों के लिए ग्रहण का फल अच्छा नहीं है उन्हें ग्रहण नहीं देखना चाहिए और ग्रहण काल में ईश्वर का ध्यान तथा जप करना लाभदायक होगा। ग्रहण काल में सिद्धियों की प्राप्ति के लिए जप, दान तथा हवन आदि का विशेष फल होता है।