जलती चिता को बुझाकर पुलिस ने उठाया शव, हत्या या आत्महत्या, पोस्टमार्टम रिपोर्ट से होगा खुलासा

जलती चिता को बुझाकर पुलिस ने उठाया शव, हत्या या आत्महत्या, पोस्टमार्टम रिपोर्ट से होगा खुलासा

(रणभेरी): मेरठ में रविवार को सुबह एक युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। परिजनों ने पुलिस को जानकारी दिये बिना ही शव को श्मशान ले जाकर चिता को आग दे दी। मगर जैसे ही पुलिस को सूचना मिली तो वह तत्काल श्मशान पहुंच गई। पुलिस ने जल रही युवती की चिता बुझाकर शव को निकाला और पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया। मृतक की पत्नी का आरोप है कि उसके ससुराल वालों ने ही पति विवेक की हत्या की है। वह 15 दिनों से मायके में थी। ससुराल के पड़ोसियों ने फोन किया तो घटना की जानकारी हुई। पत्नी ने कहा कि ससुराल वालों ने पति का आखिरी बार चेहरा भी नहीं दिखाया।

घटना मेडिकल थाना क्षेत्र के जेलचुंगी की है। विवेक और भावना की शादी शादी 2019 में हुई थी। भावना 15 दिन पहले मायके गणेशपुरी में एक विवाह समारोह में आई थी। भावना ने बताया, "रविवार सुबह 7.30 बजे ससुराल से फोन कर बताया गया कि विवेक की मौत हो गई है। जल्दी यहां आ जाओ।"
भावना ने कहा, "जब तक ससुराल पहुंचती, तब तक ससुराल वाले पति की डेडबॉडी लेकर सूरजकुंड श्मशान घाट जाने लगे। पति की अचानक मौत से शक हुआ। इस पर पुलिस को मामले की जानकारी दी। सूचना पर थाना पुलिस सूरजकुंड श्मशान घाट पहुंची और शव को चिता से निकालकर कब्जे में लिया।"

वही परिवार के लोगों ने बताया कि शनिवार को विवेक भावना को लेने गया था, लेकिन उसने आने से इंकार कर दिया। घर आने के बाद वह गुमसुम था। रात को अपने कमरे में उसने फांसी लगाकर जान दे दी। रविवार सुबह परिवार के लोगों को पता चला तो आनन-फानन में शव लेकर सूरजकुंड पहुंचे और अंतिम संस्कार करने लगे। भावना ने बताय़ा, "मैं यहां मेरठ के गणेशपुरी की रहने वाली हूं, ससुराल मेरठ जेलचुंगी में है। मेरे पति को मेरे ससुराल वालों ने मार डाला। रविवार सुबह 7.30 बजे मुझे पड़ोसियों का फोन आया कि जल्दी से यहां जेलचुंगी अपने ससुराल आ जाओ। तुम्हारे पति की मौत हो गई है।"

उन्होंने बताया, "मैंने पूछा कि कैसे, तो उन्होंने कहा कि बस जल्दी से आ जाओ। मैं अपने परिजनों के साथ घर से निकली तो ससुराल के लोग मुझे रास्ते में मिले। वो मेरे पति को अंतिम संस्कार के लिए सूरजकुंड लेकर जा रहे थे। मैंने कहा कि एक बार मेरे पति का चेहरा दिखा दो। मेरी बेटी पिहू को उसके पापा का आखिरी बार चेहरा तो दिखा दो।",ससुराल वालों ने मुझे धक्का देकर गिरा दिया। मेरे भाई अजय की गिरेबान पकड़कर उसकी शर्ट के बटन तोड़ दिए। समाज के लोगों ने भी मेरे भाई और मायके वालों को मारा। मैंने पुलिस को शिकायत की तब पुलिसवाले श्मशान घाट सूरजकुंड से मेरे पति का शव चिता से उतारे और पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा।शनिवार रात 10 बजे पति से बात हुई थी। उन्होंने पूछा कि तुमने खाना खा लिया, मैंने कहा हां। मैंने उनसे पूछा कि तुमने खाना खाया तो बताया हां खा लिया। 15 दिन से मैं अपने मायके आई थी। मेरे बुआ के लड़के की शादी है, इसलिए मैं अपने मायके आई हूं। पति स्पोर्ट्स आइटम की कंपनी में काम करते थे।"