गंगा में नाव की सवारी कहीं पड़ न जाए भारी !
लाइफ जैकेट की अनिवार्यता परंतु पालन नदारद, 1200 नावों के पास लाइसेंस, चल रहे 5 हजार, घाटों पर नियमों की खुलेआम उड़ाई जा रही धज्जियां
वाराणसी (रणभेरी सं.)। काशी का गंगा घाट देश और विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र है। गंगा में नौका विहार और घाटों के अद्भुत दृश्य का आनंद लेने हजारों पर्यटक यहां आते हैं, खासकर त्योहारों और नववर्ष जैसे अवसरों पर। हालांकि, पर्यटकों की सुरक्षा के लिए लागू नियमों का पालन नहीं होना चिंता का विषय बना हुआ है। नए वर्ष का स्वागत करने के लिए बनारस में देश विदेश से लाखों की संख्या में पर्यटक आए हैं। प्रमुख मंदिरों में लाइनें लगी हैं तो घाटों पर भीड़ उमड़ी है। पर्यटकों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने लगे जब घाट पर पर्यटकों के बीच घूमते पशु और गंगा में नावों पर बिना लाइफ जैकेट सवार लोगों की तस्वीरें, वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगे। नियमों का उल्लंघन खुलेआम हो रहा था जो कभी भी बड़े हादसे में तब्दील हो सकता था, जिम्मेदार विभाग के लोग गायब थे।
काशी आए और महादेव का दर्शन, गंगा की लहरों का आनंद नहीं उठाया तो फिर आना अधूरा है। नए साल की खुशियां मनाने लाखों की संख्या में लोग गंगा के सभी घाटों से लेकर गंगा पार रेती पहुंचे थे। अधिक मुनाफे के चक्कर में नाविक नौका की क्षमता से अधिक लोगों को बिना लाइफ जैकेट के बैठा रहे थे। गौरतलब है कि नगर निगम ही गंगा में नाव संचालन के लिए लाइसेंस जारी करता है। वाराणसी में गंगा में इस समय छोटी बड़ी लगभग दो हजार नावों का संचालन होता है।
सुरक्षा के प्रति लापरवाही
गंगा में करीब 1200 नावों के लाइसेंस जारी किए गए हैं, लेकिन वर्तमान में लगभग 5000 नावें संचालन में हैं। यह स्थिति न केवल अवैध संचालन को उजागर करती है, बल्कि सुरक्षा व्यवस्था की पोल भी खोलती है। बिना लाइफ जैकेट के नाव संचालन से किसी भी समय बड़ा हादसा होने की आशंका है।
पर्यटकों की जान से खिलवाड़
घाटों पर मंगलवार को, नववर्ष की पूर्व संध्या पर पर्यटकों का बड़ा हुजूम उमड़ा। लेकिन कई जगहों पर बिना लाइफ जैकेट के ही लोगों को नाव और बजड़े पर बैठाया गया। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर कोई बड़ा हादसा होता है, तो इसके लिए जिम्मेदारी कौन लेगा।
लाइफ जैकेट अनिवार्य, पर पालन नदारद
नगर निगम और जल पुलिस ने घाटों पर पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्पष्ट निर्देश दिए थे कि नाव, बजड़े या क्रूज पर सवार होने से पहले लाइफ जैकेट पहनना अनिवार्य होगा। लेकिन नियमों के बावजूद, घाटों पर सवारियों को बिना लाइफ जैकेट के नाव पर ले जाना आम हो गया है।
बैठकों में निर्देश दिए गए थे कि अगर किसी नाव पर बिना लाइफ जैकेट के पर्यटक देखे गए, तो संबंधित नाविकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और जुमार्ना लगाया जाएगा। इसके बावजूद, घाटों पर इन नियमों की खुलेआम अनदेखी हो रही है।
प्रशासन की निष्क्रियता से जारी हैं मनमानी
कुछ समय तक जल पुलिस और एनडीआरएफ की सक्रियता देखने को मिली, लेकिन अब इन अभियानों में भी ठहराव आ गया है। कई बार अभियान चलाने के बावजूद, घाटों पर नियमों का पालन कराने में प्रशासन नाकाम साबित हो रहा है।