स्वामी प्रसाद को दिखाए गए काले झंडे, फेंकी गई स्याही
- सपा नेता को बनारस में करना पड़ा विरोध का सामना, लगे जय श्रीराम के नारे
- रामचरित मानस पर किया है विवादित टिप्पणी
वाराणसी(रणभेरी): समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा रामचरित मानस पर की गई विवादित टिप्पणी का लोग लगातार विरोध कर रहें है। रविवार की सुबह वाराणसी में भी उनको विरोध का सामना करना पड़ा। सोनभद्र जाते समय टेंगरा मोड़ पर भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने स्वामी प्रसाद मौर्य के काफिले को काले झंडे दिखाए गए और सपा नेता के वाहन पर काली स्याही भी फेंकी। इस दौरान भाजपा नेता और कार्यकर्ता जय श्रीराम के नारे लगाते रहे। पुलिसकर्मियों ने प्रदर्शन कर रहे युवकों को पीछे किया तब जाकर स्वामी प्रसाद मौर्य का काफिला आगे के लिए रवाना हुआ।विरोध-प्रदर्शन में शामिल युवा भाजपा नेता दीपक सिंह राजवीर ने कहा कि रामचरितमानस में हम हिंदुओं की आस्था है, हमारे घर में इसकी पूजा होती है। स्वामी प्रसाद मौर्या अपनी राजनीति को चमकाने के लिए लगातार इस तरह की टिप्पणी कर रहे हैं इससे आक्रोशित होकर हमने आज उनके ऊपर कालिख फेकी और उनका विरोध जताया है। रामचरित मानस पर विवादित टिप्पणी को कभी माफ नहीं करेंगे। उन्हें माफी मांगनी होगी। हम उनपर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
विवादित अंश को प्रतिबंधित किया जाए
शहर से निकलने से पहले स्वामी प्रसाद ने वाराणसी में रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि रामचरित मानस के विवादित अंश को संशोधित किया जाए या प्रतिबंधित किया जाए। मैं उस बयान पर टिका हूं। प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को भी अवगत करा दिया गया है। स्वामी प्रसाद ने कहा कि आप लोगों को किसने बताया कि हमने रामचरित मानस का विरोध किया। एक चौपाई का विरोध करना रामचरित मानस का विरोध नहीं हुआ। हमने रामचरित मानस की कोई प्रति नहीं जलाई। स्वामी प्रसाद ने कहा कि नारी की बात उठाने वाले कबीरदास हिंदू धर्म के सर्वेसर्वा नहीं थे। कबीर की बातों को हिंदू धर्म के रूप में लोग नहीं स्वीकारते। जो जिस धर्म को मानेगा, वह उसी की कमियों को इंगित कर सकता है। हम मुस्लिम नहीं, इसलिए उनकी कमियां नहीं उठा सकते। हमारे सारे सर्टिफिकेट में हिंदू है। मैं अभी भी हिंदू हूं।
मनोज मुंतशिर पर साधा निशाना
स्वामी प्रसाद ने मनोज मुंतशिर को निशाने पर लिया। कहा कि मेरा सर्टिफिकेट देखना हो तो आप लोग यूनिवर्सिटी जाकर देख लिजिए कि मैं कितना पढ़ा-लिखा हूं। भागवत खुद ही कहते हैं कि जितने भी धर्म सभी हिंदू से निकले हैं। भागवत को तो सबसे गले मिलना चाहिए। सपा एमएलए राकेश प्रताप सिंह द्वारा विक्षिप्त कहे जाने पर स्वामी प्रसाद ने कहा कि जो लोग मुझे मेडिकल सर्टिफिकेट देते हुए विक्षिप्त कह रहे, हम उनको पागल ही मानते हैं।