बीएचयू ने 5 रिसर्चरों को किया निलंबित
उमंग भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन में हुई थी झड़प, अपशब्द बोलने पर हुई कार्रवाई
(रणभेरी): सर सुंदर अस्पताल के उमंग फार्मेसी में 2.44 करोड़ के घालमेल मामले के दौरान हुए आंदोलन और बवाल में BHU के 5 रिसर्चरों को निलंबित कर दिया गया है। बिड़ला हॉस्टल में रहने वाले अवनिंद्र राय, मुत्युंजय तिवारी, वैभव तिवारी, आशीर्वाद और दुश्यंत चंद्रवंशी पर कार्रवाई हुई, और 14 दिन के लिए विश्वविद्यालय की सेवाओं से मुक्त रखने का आदेश दिया गया है। वहीं, विभाग, हॉस्टल, लाइब्रेरी या कैंपस किसी अन्य सुविधा का उपभोग लोग नहीं कर सकते।
वही BHU के कुल सचिव कार्यालय (शिक्षण) की ओर से जारी आदेश में कहा कि 21 जुलाई को विश्वविद्यालय के वीसी ऑफिस के चैनल गेट 15-20 छात्रों ने जुटकर बवाल मचाया था। उन्होंने प्रॉक्टोरियल बोर्ड के अधिकारियों, गार्ड और वीसी सुरक्षा स्टाफ के खिलाफ अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल किया था। छात्रों और कर्मचारियों की जबरदस्त धक्कामुक्की में कई स्टाफ और छात्रों को गंभीर चोटें आईं थीं। गमले तोड़ दिए गए थे। कुलपति की गाड़ी को छात्रों ने घेरा भी था। वहीं, चीफ प्रॉक्टर ने इस मामले की पूरी रिपोर्ट कुलपति ऑफिस को सौंपी थी। यही नहीं चीफ प्रॉक्टर ने बताया कि अवनींद्र और दुष्यंत को छोड़कर बाकी सभी छात्र कई बार इस तरह के आंदोलन को अंजाम दे चुके हैं। इसलिए, रजिस्ट्रार की ओर से इन छात्रों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जा रही है।
इसके बाद निलंबित शोध छात्र मृत्युंजय ने कहा कि BHU में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वालों को दबाने की कोशिश की जा रही है। सारे छात्र राष्ट्रवादी हैं और NRC के समर्थक भी। छात्रों का कहना है कि स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन एनके मिश्रा ने NRC और CAA के विरोध में गैरकानूनी तरीके से विश्वविद्यालय के और संविधान के खिलाफ बोला था। उनके खिलाफ पीड़ितों ने आवाज उठाई थी। हमारी मांग है कि उक्त दोषियों पर कार्रवाई हो। मगर, कुछ लोग राष्ट्रवादी छात्रों को ही प्रताड़ित करने की कोशिश कर रहे हैं। कुलपति राष्ट्र विरोधी तत्वों को उच्च पदों पर आसीन कर रहे हैं। इन लोगों को प्रोत्साहित कर रहे हैं। हम इस निलंबन का विरोध करते हैं। वहीं, BHU में अब नए आंदोलन की पटकथा लिखी जा रही है।