हैप्पी न्यू ईयर इन एडवांस विश वाले लिंक से सावधान!

हैप्पी न्यू ईयर इन एडवांस विश वाले लिंक से सावधान!

नये साल पर लिंक बेस्ड डिजिटल बधाई मैसेज के जरिये साइबर ठग लोगों को बना रहे निशाना

वाराणसी (रणभेरी सं.)। शादी का इनविटेशन हो या फेस्टिवल या फिर न्यू ईयर के लिए बधाई मैसेज। सभी का डिजिटल फॉर्मेट उपलब्ध है। यानी अब आपको डिजिटली लिंक बेस्ड निमंत्रण भेजते हैं। लेकिन अब साइबर अपराधियों ने इसी लिंक बेस्ड इनविटेशन को साइबर क्राइम का जरिया बना लिया है। बधाई लिंक पर क्लिक करते ही आपको चूना लग सकता है। अभी क्रिसमस और उसके बाद न्यू ईयर को बधाई देने का समय है और अभी से साइबर स्कैमर्स फर्जी लिंक के जरिये लोगों को फांसने का जुगाड़ लगाना शुरू कर दिया है। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि ठग ऐसे कई लोगों को इस तरह के लिंक भेजे गए हैं, जो कि होता तो है नये साल की बधाई का संदेश लेकिन उस लिंक पर क्लिक करते ही आपसे रिमोट डेस्क एक्सेस का परमिशन मांगा जाता है। कुछ लोग ऐसे फर्जी लिंक का शिकार भी हो चुके हैं तो कुछ समय रहते साइबर अपराधी के इरादे भांप कर रौल बैक हो गए। 

नए साल की शुरूआत में साइबर अपराधी लोगों को लिंक बेस्ड बधाई संदेश के नाम पर चूना लगा रहे हैं। यह एक नई तरह की साइबर ठगी है, जिसमें अपराधी लोगों को नए साल की बधाई देने के बहाने मालवेयर और वायरस से भरे लिंक भेजते हैं। लिंक बेस्ड बधाई संदेश एक प्रकार का फिशिंग हमला है, जिसमें अपराधी लोगों को एक नकली लिंक भेजते हैं जो वास्तव में  एक मालवेयर या वायरस होता है। जब कोई व्यक्ति इस लिंक पर क्लिक करता है, तो यह मालवेयर या वायरस उनके डिवाइस में प्रवेश कर जाता है और उनकी व्यक्तिगत जानकारी और डेटा चोरी कर सकता है।

साइबर सेल में की कंप्लेन केस

प्रियंका कुमारी शास्त्रीनगर एरिया में रहती हैं। उनके व्हाट्सअप पर एक अननोन नंबर से लिंक आया। जिसमें नये साल के मौके पर एडवांस में बधाई संदेश स्वीकार करने के लिए लिंक ओपन करने को कहा गया था। जैसे ही उन्होंने लिंक ओपन किया फिर उनसे रिमोट डेस्क का एक्सेस मांगा गया।
 प्रियंका समझ नहीं पाई कि यह क्या आॅप्शन है। ओके करने के बाद उनके मोबाइल का एक्सेस किसी और के पास चलने लगा। प्रियंका को यह देखकर हैरानी हुई कि उनका मोबाइल बिना उनके आॅपरेट किये भी चल रहा है। जिसके बाद उन्होंने अपने भाई को यह बात बताई। भाई ने नेट आॅफ करके उसका एक्सेस रोका। लेकिन तब तक प्रियंका के कुछ कांटेक्ट चला गया था। प्रियंका ने इसकी शिकायत साइबर क्राइम में दर्ज कराई है

नए साल व क्रिसमस के मैसेज से रहे अलर्ट

नए साल व क्रिसमस के मैसेज से रहे अलर्ट क्रिसमस और नया साल आने वाला है। ऐसे मे हर व्यक्ति के मोबाइल फोन पर सैकड़ों शुभकामना के संदेश आते हैं इसलिए अंजान मैसेज को खोलने से पहले अच्छी तरीके से जान लें। अगर बिना जाने मैसेज खोला तो ठगी के शिकार हो सकते हैं। सिर्फ जानने वाले लोगों के ही शुभकामनाओं के मैसेज को स्वीकार करें। मैसेज खोलें तो उसमें आने वाले लिंक को क्लिक न करें।

महाकुंभ में शहर के नामी होटलों की वेबसाइट का क्लोन बनाकर बुकिंग के नाम पर भी ठगी

महाकुंभ में शहर के नामी होटलों की फर्जी वेबसाइट बनाकर बुकिंग के नाम पर साइबर ठगी हो रही है। अपराधी नामी होटल की वेबसाइट से मिलती-जुलती नई साइट बना ले रहे हैं। ऐसा ही मामला होटल कान्हा श्याम में भी सामने आया है। हैरानी की बात है कि लगातार मामला सामने आने के बावजूद साइबर पुलिस कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रही है। महाकुंभ मेले में लगभग 45 लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। भीड़ को देखते हुए दूर-दराज के श्रद्धालुओं ने अभी से ही मेला क्षेत्र के टेंट हाउस व शहर के नामी होटलों में कमरा बुक करना शुरू कर दिया है। जिसे देखते हुए साइबर ठग सक्रिय हो गए हैं। साइबर सेल पुलिस में इसे लेकर लगातार शिकायते दर्ज कराई जा रही है।

इस तरह फर्जीवाड़ा

साइबर ठगों के पास लोगों का डाटा बेस रहता है। पहले वह आपके मोबाइल पर एपीके फाइल के रूप में संदेश भेजते है। संदेश खोलते ही लिंक भेजते हैं। लिंक पर क्लिक करते ही साइबर ठग मोबाइल की पूरी कंट्रोलिंग अपने पास ले लेते हैं। फिर तीन से चार घंटे बाद धीरे-धीरे साइबर ठग आपके पूरे खातों को खाली कर देते हैं।

यूं बच सकते हैं ठगी से

अज्ञात लिंक पर क्लिक न करें :  यदि आपको कोई अज्ञात लिंक मिलता है, तो उस पर क्लिक न करें। इसके बजाय, आप सीधे वेबसाइट पर जाएं और वहां से जानकारी प्राप्त करें।

लिंक की जांच करें : यदि आपको कोई लिंक मिलता है, तो उसे ध्यान से देखें और जांचें कि वह वास्तविक है या नहीं। यदि लिंक में कोई अजीब या अनजाना पता है, तो उस पर क्लिक न करें।

अपने डिवाइस को सुरक्षित रखें : अपने डिवाइस को सुरक्षित रखने के लिए, नियमित रूप से अपने आपरेटिंग सिस्टम और सॉफ्टवेयर को अपडेट करें। इसके अलावा, एक अच्छा एंटीवायरस सॉफ्टवेयर स्थापित करें और नियमित रूप से अपने डिवाइस को स्कैन करें।