एक शिक्षक के भरोसे 70 बच्चे: वाराणसी के पांच बेसिक स्कूलों में अध्यापक ही नहीं

एक शिक्षक के भरोसे 70 बच्चे: वाराणसी के पांच बेसिक स्कूलों में अध्यापक ही नहीं

वाराणसी (रणभेरी सं.)।  शिक्षकों की कमी के कारण बच्चों के भविष्य पर भी सवाल उठने लगे हैं। कुछ विद्यालयों में शिक्षामित्र तक नहीं हैं। दशाश्वमेध जोन के एक प्राथमिक विद्यालय में 31 बच्चों को एक ही शिक्षक पढ़ाता है। कुछ ऐसी ही स्थिति वाराणसी के कई विद्यालयों में बनी हुई हैं।

शहर के 28 बेसिक स्कूलों में लगभग 2300 बच्चे पंजीकृत हैं। लगभग 65-70 बच्चों वाले पांच बेसिक स्कूल एक या दो शिक्षामित्र के हवाले हैं। वहीं, 23 स्कूलों में एक ही अध्यापक सारी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। उनका साथ देने के लिए कहीं एक शिक्षामित्र हैं तो कहीं वह भी नहीं हैं।

दशाश्वमेध जोन के प्राथमिक विद्यालय राजा दरवाजा में 31 बच्चे पढ़ते हैं, लेकिन उन्हें पढ़ाने की जिम्मेदारी एकमात्र शिक्षामित्र की है। प्राथमिक विद्यालय भगतपुर में 66 और प्राथमिक विद्यालय सिकरौल नंबर-1 में 70 बच्चों को एक-एक शिक्षामित्र पढ़ाते हैं। प्राथमिक विद्यालय दुगार्घाट में दो शिक्षामित्रों की तैनाती है। 
इसी तरह आदमपुर जोन के प्राथमिक विद्यालय छित्तनपुरा में एक शिक्षामित्र पर विद्यालय के सभी 36 बच्चों की जिम्मेदारी है। नगर शिक्षा अधिकारी स्कंद गुप्ता ने बताया शिक्षकों की कमी की समस्या से उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया है।

वहीं, आदमपुर जोन के प्राथमिक विद्यालय रघुबीर में एक ही अध्यापक की नियुक्ति है। स्कूल के प्रधानाध्यापक ही बच्चों को पढ़ाने-लिखाने से लेकर अन्य प्रशासनिक कार्य के लिए जवाबदेह हैं। 50 छात्र और 51 छात्राओं वाले इस स्कूल में 101 विद्यार्थी अध्ययन करते हैं। यही स्थिति 22 अन्य विद्यालयों की भी है।

20 विद्यालयों में प्रधानाध्यापक नहीं

नगर क्षेत्र के 20 प्राथमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक नहीं हैं। सहायक अध्यापक और शिक्षामित्र व्यवस्था चला रहे हैं। सहायक अध्यापकों को ही प्रधानाध्यापक का काम भी देखना पड़ता है। दूसरी ओर 13 बेसिक स्कूलों में सहायक अध्यापक नहीं हैं। इनमें प्रधानाध्यापक या शिक्षामित्र शिक्षा की गाड़ी हांक रहे हैं।
ग्रामीण इलाकों में एक-एक विद्यालय पर 20 से 25 अध्यापक
शहर क्षेत्र के बेसिक स्कूलों में जहां शिक्षकों की संख्या बेहद कम है, वहीं ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों में शिक्षकों की संख्या कहीं ज्यादा है। ग्रामीण क्षेत्र के एक रसूलगढ़, सलारपुर, कोटवां आदि प्राथमिक विद्यालयों में 20 से लेकर 25 तक अध्यापक-शिक्षामित्र हैं।

एक अध्यापक के भरोसे चल रहे नगर क्षेत्र के ये बेसिक स्कूल
स्कूल    छात्र संख्या

प्रा. विद्यालय तेलियाबाग    15
कंपोजिट वि. कमलगड़हा    147
प्रा. विद्यालय चौकाघाट    65
प्रा. विद्यालय ईश्वरगंज    56
प्रा. विद्यालय पठानीटोला    99
प्रा. विद्यालय मछोदरी    147
प्रा. विद्यालय नरिया    74
प्रा. विद्यालय खारीकुआं    28
प्रा. विद्यालय मातृमठ    91
प्रा. विद्यालय जोल्हा  
 114
प्रा. विद्यालय परशुरामपुर    67
प्रा. विद्यालय भोजूबीर-2    45
प्रा. विद्यालय नवापुरा नक्खीघाट    186
प्रा. विद्यालय मवइया    78
कंपोजिट वि. मल्टी स्टोरी    280

बोले अधिकारी

नियम के मुताबिक नगर से ग्रामीण और ग्रामीण से नगर क्षेत्र में शिक्षकों का तबादला नहीं किया जा सकता। इसलिए नगरीय इलाके के विद्यालयों में नई नियुक्ति न होने के कारण शिक्षकों की कुछ कमी है। हालांकि ग्रामीण विद्यालयों में शिक्षकों की संख्या पर्याप्त है। - डॉ. अरविंद पाठक, बीएसए, वाराणसी