Akshay Tritiya 2022: आज 'अक्षय तृतीया' पर भक्तों ने गंगा में लगाई आस्था की डुबकी
वाराणसी (रणभेरी): काशी में आज अक्षय तृतीया का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। गंगा घाट पर आस्था की डुबकी लगाने के लिए सुबह से ही भक्तों का तांता लगा हुआ है। ऐसा माना जाता है कि आज के दिन जो भी काम किए जाते हैं उसका क्षय नहीं होता है और इसी कारण लोग आज सारे शुभ और मंगल कामों को करने की कोशिश करते हैं। आज अबूझ मुहूर्त होता है और इस कारण आज शादी और गृह प्रवेश जैसे शुभ काम किए जाते हैं।इसके साथ ही काशी के सभी प्रमुख देवालयों में श्रद्धालुओं के दर्शन-पूजन का सिलसिला जारी है।
आज ही के दिन काशी में जगत के नाथ बाबा विश्वनाथ के साथ ही सभी प्रमुख शिवालयों में जलधरी अर्पित की जाती है। इसके अलावा खस के पर्दे लगाए जाते हैं। जलधरी से चौबीसों घंटे महादेव पर गंगाजल टपकता रहेगा। इससे महादेव को भीषण गर्मी से राहत मिलेगी और शीतलता का एहसास होगा। इसके साथ ही भगवान विष्णु को आज से 21 दिन तक चंदन का लेप लगाया जाएगा।
आज ही के दिन भगवान परशुराम का जन्म हुआ था और आज ही गंगा पृथ्वी पर अवतरित हुई थी। मां अन्नपूर्णा का जन्मदिन भी आज ही मनाया जाता है। इसके अलावा अक्षय तृतीया के दिन महर्षि वेदव्यास ने महाभारत लिखना शुरू किया था। इसी पुण्य दिन महाराजा युधिष्ठिर को अक्षय पात्र की प्राप्ति हुई थी। बता दें कि आज बनारस में 500 से अधिक शादियां आयोजित हैं। इसके साथ ही कोरोना महामारी के लगभग दो साल बाद आज आभूषणों की खरीदारी की अच्छी उम्मीद है।
अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर नमामि गंगे काशी क्षेत्र की टीम ने दशाश्वमेध घाट पर गंगा निर्मलीकरण के अक्षय संकल्प के आह्वान के साथ मां गंगा का दुग्धाभिषेक किया। पर्यावरण संरक्षण की कामना से सदस्यों ने भगवान सूर्य और मां गंगा की आरती उतारी। गंगा तलहटी की सफाई करके जल संरक्षण का संदेश दिया। गंगा के आंचल से प्रदूषित सामग्रियों को निकाल कर कूड़ेदान तक पहुंचाया।