खुश रहने से समाप्त हो जाती हैं जीवन की सारी समस्याएं
वाराणसी(रणभेरी)। शिक्षाशास्त्र विभाग, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में विश्व खुशहाली एवं गौरैया दिवस के अवसर पर बुधवार को "खुशी : आनंद और आनंदमय जीवन की ओर" विषयक परिचर्चा का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि प्रो. जगदीश सिंह दीक्षित ने कहा कि खुश रहने से जीवन की सारी समस्याएं समाप्त हो जाती है। जिस दिन से हम समझ जाते हैं की खुशी हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण है, उस दिन से हम सजग हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि हर व्यक्ति को आनंद के साथ जीवन जीना चाहिए। अतिथियों का स्वागत करते हुए विभागाध्यक्ष प्रो. सुरेन्द्र राम ने कहा कि खुशी एक मानसिक अवस्था है, जिसको प्राप्त करना प्रत्येक व्यक्ति चाहता है परंतु विरले को ही मिलती है। प्रो. प्रतिभा सिंह ने कहा कि जीवन की एकमात्र कसौटी है आनंद। जिस जीवन को आप जी रहे हैं उसमें अगर आनंद नहीं आ रहा है तो जानना चाहिए कि आप गलत ढंग से जीवन जी रहे हैं, इसलिए जीवन को आनंदमय होकर जीना चाहिए। प्रो. मुकेश कुमार पंथ ने कहा कि हर लम्हा प्रेम और आनंद से परिपूर्ण होना चाहिए क्योंकि जिस जीवन को आप जी रहे हैं वही अहम जीवन है। जीवन को समग्रता से जीना चाहिए पूरी तरह उसमें डूब कर जीना चाहिए। डा. दिनेश ने कहा कि खुश रहना एक कला है जो व्यक्ति के अंदर से आती है। खुशियां आपकी जीवन में तभी कदम रखती है जब आप खुद को खुशमिजाज बना ले, जिंदगी में छोटे-छोटे मसलों को इग्नोर कर दे और बड़ी-बड़ी खुशियों की तलाश में जुट जाएं। कार्यक्रम का संचालन ज्योत्सना राय तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. राजेंद्र यादव ने किया। इस अवसर पर प्रो. अरविंद कुमार पांडेय, प्रो. शैलेंद्र कुमार वर्मा, डॉ. ध्यानेंद्र कुमार मिश्रा, डॉ .राखी देव, डॉ. वीणावादिनी, डॉ. अभिलाषा जायसवाल, डॉ. पवन कुमार सिंह, रमेश कुमार प्रजापति, धर्मेंद्र कुमार मौर्य, संतोष कुमार, पूनम, शिखा, ज्योति झा ने अपने विचार व्यक्त किए।