बनारस की सड़कें ऊपर से चिकनी अंदर से खोखली!

बनारस की सड़कें ऊपर से चिकनी अंदर से खोखली!

वाराणसी(रणभेरी)। ऊपर से चिकनी दिखने वाली शहर की सड़कों के नीचे क्या चल रहा है, इसे जानने की संबंधित विभाग के पास कोई प्रणाली नहीं है। परिणाम उनके अचानक धंसने के रूप में सामने आता है। जैसा कि पिछले दिनों सिगरा क्षेत्र में हुआ। कारण बताया गया कि भूमिगत पाइप में लीकेज से यह समस्या आई। अब सवाल यह कि यह लीकेज एक-दो दिन में तो हुआ नहीं। स्वाभाविक है महीनों से यह चल रहा होगा। फिर जलकल विभाग को जानकारी सड़क घंसने पर ही क्यों हुई? इसका जवाब भी जिम्मेदार अफसरों के ही पास धूल के बोझ से दबी फाइलों में है। दरअसल दो साल पहले भूमिगत लीकेज खोजने के लिए लीकेज डिटेक्टर मशीनें खरीदने की कार्ययोजना बनी थी। तत्कालीन जलकल जीएम रघुवेंद्र कुमार, सचिव सिद्धार्थ कुमार समेत जल निगम के अधिकारियों ने जापान जाकर इन मशीनों के संचालन का प्रशिक्षण लिया। यही नहीं मई 2022 में पेयजल पाइप लाइन में लीकेज खोजने के लिए जापानी विशेषज्ञों और जलकल विभाग की टीम ने कोनिया में सर्वे किया था। इलेक्ट्रॉनिक पाइप लोकेटर, लीक डिटेक्टर, नॉयज लोकेटर आदि उपकरणों के साथ जापानी विशेषज्ञों टी हटोरी, ओकाजाकी ने परीक्षण किया था। इसके बाद सब ठंडे बस्ते में चला गया। जब मशीनें ही नहीं आई तो अधिकारियों-कर्मचारियों की विशेषज्ञता भी धरी रह गई। उनकी जापान यात्रा सैर-सपाटा तक ही सीमित रह गई।