बिजली विभाग का खेल, सैकड़ों बिलों की रीडिंग कम
वाराणसी(रणभेरी)। बरईपुर डिविजन के बाद अब नगरीय विद्युत वितरण खंड-सप्तम (मंडुवाडीह) में गलत तरीके से बिजली बिल में संशोधन का मामला सामने आया है। सैकड़ों बिजली बिलों की रीडिंग कम कर दी गई। उनके लाखों रुपयों के बिल हजारों में तब्दील हो गए। पीडी (अस्थायी विद्युत विच्छेदन) के मामलों में भी लंबा खेल हुआ। सूत्रों ने बताया कि सबसे अधिक डीपीएच उपकेंद्र से जुड़े उपभोक्ताओं के बिलों में हेराफेरी की गई है। इसकी जानकारी होने पर निदेशक कमर्शियल के आदेश पर जांच समिति का गठन हुआ है। सर्किल द्वितीय के अधीक्षण अभियंता अनिल वर्मा को समिति का अध्यक्ष व परिक्षेत्रीय लेखा कार्यालय के लेखाधिकारी सुरेंद्र कुमार को सदस्य बनाया गया है।
गर्दन बचाने में लग गए अभियंता
वहीं, जांच समिति बनने के बाद अभियंता अपनी अपनी गर्दन बचाने में लग गए हैं। सूत्रों ने बताया कि संशोधित बिजली बिल की घटाई गई राशि भी वसूली जा रही है। इसके लिए संबंधित उपभोक्ताओं से संपर्क किया जा रहा हैं। एजेंट उन उपभोक्ताओं पर पूरा बिल जमा करने के लिए दबाब बना रहे हैं। इसके पहले भेलूपुर-प्रथम, इमिलियाघाट-पंचम, मछोदरी-तृतीय और कज्जाकपुरा-अष्टम डिवीजनों में भी सैकड़ों बिल नियम को दरकिनार कर संशोधित किए जा चुके हैं। भेलूपुर डिवीजन में लगभग 500 जबकि पंचम डिवीजन में 3166 बिलों में मनमाने ढंग से संशोधन के प्रकरण सामने आ चुके हैं। रोहनिया उपकेंद्र से जुड़े कई स्मार्ट मीटरों की यूनिट में छेड़छाड़ की गई।
रिटायर लाइनमैन की पेंशन लागू कराने के संबंध में अफसर मौन
कज्जाकपुरा डिवीजन से रिटायर हो चुके तकनीशियन (लाइनमैन) सत्यनारायण की पेंशन लागू कराने के संबंध में अब भी अफसर मौन हैं। 10 माह से कर्मचारी की पेंशन न मिलने की जानकारी होने के बाद परिक्षेत्रीय लेखा कार्यालय के अधिकारियों ने कज्जाकपुरा डिवीजन के एक्सईएन संजय यादव को एक पत्र जारी किया था। फिर दस महीने तक शांत बैठ रहे। वहीं, अधिशासी अभियंता कार्यालय में भी पत्र दबा दिया गया। कमियां सुधारने के बजाए अफसर एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। इसके चलते कर्मचार और उसका परिवार परेशान है। परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। उपमुख्य लेखाधिकारी, परिक्षेत्रीय लेखा कार्यालय (वितरण) पीके अग्रवाल ने बताया कि कर्मचारी की पेंशन जल्द चालू हो जाएगी।