सीएमपी के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष की जमानत खारिज
प्नयागराज। जमानत का विरोध करते हुए मुकदमा वादी के अधिवक्ता दीपक दुबे और अपर शासकीय अधिवक्ता ने कहा, अभियुक्त खुद ही कई तारीख पर अदालत में पेश नहीं हुआ । उसकी ओर से अभियोजन के गवाहों को धमकी दी जा रही है। इसी डर से गवाह अदालत नहीं आ रहे हैं । वादी ने भी अपनी हत्या की आशंका जताई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व छात्र नेता अच्युतानंद शुक्ला हत्याकांड के आरोपी आशुतोष त्रिपाठी की दूसरी जमानत अर्जी खारिज कर दी है। न्यायमूर्ति डॉ.गौतम चौधरी ने आरोपी छात्रनेता की ओर से दाखिल दूसरी जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए विचारण न्यायालय को एक वर्ष में ट्रायल पूरा करने का निर्देश दिया है। याची के अधिवक्ता का कहना था कि उसे इस मामले में झूठा फंसाया गया है । उसके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है। वह 2018 से जेल में बंद है। अभियोजन के गवाह ट्रायल कोर्ट में गवाही देने के लिए हाजिर नहीं हो रहे हैं, जिससे मुकदमे के जल्द निस्तारण की उम्मीद नहीं है। जमानत का विरोध करते हुए मुकदमा वादी के अधिवक्ता दीपक दुबे और अपर शासकीय अधिवक्ता ने कहा, अभियुक्त खुद ही कई तारीख पर अदालत में पेश नहीं हुआ । उसकी ओर से अभियोजन के गवाहों को धमकी दी जा रही है। इसी डर से गवाह अदालत नहीं आ रहे हैं । वादी ने भी अपनी हत्या की आशंका जताई है। अदालत ने अभियोजन के गवाहों को डराने की शिकायत को गंभीरता से लिया। साथ ही गवाहों को निर्देश दिया कि यदि उन्हें जान का खतरा महसूस होता है तो वह साक्षी संरक्षण योजना के तहत सुरक्षा प्राप्त कर सकते हैं।
पीसीबी हॉस्टल में हुई थी हत्या
पूर्व छात्र नेता अच्युतानंद शुक्ला की एक नवंबर 2018 को रात करीब एक बजे इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पीसीबी छात्रावास में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी । इसका मुख्य आरोपी आशुतोष त्रिपाठी तब सीएमपी डिग्री कॉलेज छात्र संघ का अध्यक्ष था। उसके अलावा मुकदमे में हरिकेश मिश्रा और सौरभ सिंह को भी नामजद किया गया था । बाद में मुकदमे के मुख्य गवाह रोहित शुक्ला की भी हत्या कर दी गई।