प्रवेश में हीला हवाली पर स्कूलों की वापस होगी मान्यता
वाराणसी (रणभेरी)। शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत नए सत्र में बच्चों के प्रवेश शुरू हो गए हैं। अलाभित और दुर्बल आर्य वर्ग समूह परिवारों के 7082 बच्चों का पहले चरण की लॉटरी में चयन किया गया है। वहीं, प्रवेश में आनाकानी और मनमानी करने वाले स्कूलों को पहले ही चेतावनी जारी कर दी गई है। अबकी प्रवेश में हीला हवाली पर स्कूलों की मान्यता वापसी निश्चित है। आरटीई में सभी निजी स्कूलों में उपलब्ध सीटों में 25 प्रतिशत हिस्सा दुर्बल आयवर्ग के बच्चों से भरने का नियम है। हालांकि हर साल प्रवेश प्रक्रिया में स्कूलों की तरफ से प्रवेश में मनमानी के कई मामले सामने आते हैं। अभिभावक बीएसए कार्यालय शिकायत लेकर पहुंचते हैं। स्कूलों की तरफ से बच्चों से रजिस्ट्रेशन शुल्क मांगा जाता है। या, नाम की स्पेलिंग और पते की गलतियों के नाम पर उन्हें प्रवेश देने से मना किया जाता है। इसे देखते हुए इस साल स्कूलों को पहले ही चेतावनी जारी की गई है। बीएसए डॉ. अरविंद कुमार पाठक ने बताया कि डीएम कार्यालय के अलावा बेसिक शिक्षा कार्यालय से भी स्कूलों को हिदायत दी गई है। सभी स्कूलों को लॉटरी में चयनित बच्चों का प्रवेश समय से लेने के निर्देश दिए गए हैं। इसमें कोई शिकायत सामने आने पर संबंधित स्कूल के खिलाफ मान्यता वापसी की कार्रवाई की जाएगी। आरटीई के तहत प्रवेश लेने में स्कूल इस कदर मनमानी करते हैं कि कई बार बच्चों का साल नुकसान हो जाता है। वर्ष-2023 में भी ऐसी कई शिकायतें आई थीं। तब बेसिक शिक्षा अधिकारी को कमेटी बनानी पड़ी थी। अभिभावक और स्कूलों के बीच के मामले को कमेटी हल कराती थी। इस तरह लगभग 50 बच्चों के एडमिशन कराए गए थे।