तानाशाही विचारधारा को मानने वाली पार्टी है भाजपा : डॉ. प्रमोद
- बेरोजगारी, महंगाई, शिक्षा, महिला सुरक्षा के नाम पर नाकाम भाजपा सरकार
- विकास के नाम पर सिर्फ लूटने का किया काम, जनता की पैसों से मनाते है उत्सव
वाराणसी (रणभेरी): यूपी में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिये पार्टियों ने कमर कस ली है। चुनाव में कुछ ही महीने शेष हैं और राजनीतिक दल तैयारियों में जी जान से जुट गए हैं। एक तरफ गठबंधन की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं तो दूसरी ओर पार्टी की मजबूती और तैयारियों में आगे रहने पर भी जोर है। सत्ताधारी दल का पुराने साथियों को जोड़े रखने पर जोर है तो विपक्ष नए समीकरण गढ़ने में जुटा है। पर खुलकर पत्ते अब तक किसी ने नहीं खोले हैं। इस बीच कांग्रेस ने अभी से उम्मीदवारों की तलाश शुरू कर दी है। वहीं भाजपा, सपा और बसपा जैसे बाकी दल संगठन की मजबूती में जुट गए हैं। कोशिश मूल वोट को एकजुट रखने के साथ ही दूसरी पार्टियों के बेस वोटों में सेंधमारी की है।
संगठनों के नए पदाधिकारी इसी रणनीति के तहत तय किये जा रहे हैं। कांग्रेस इस बार यूपी में प्रियंका गांधी के नेतृत्व में आक्रामक रणनीति के साथ मैदान में है। यूपी में दलित पाॅलिटिक्स को हवा देने से लेकर कानून व्यवस्था, बेारोजगारी और महंगाई जैसे जनता से जुड़े मुद्दों को लेकर प्रियंका गांधी समेत पूरी कांग्रेस भाजपा सरकार पर हमला करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है। इस बीच कांग्रेस प्रत्याशियों के चयन में जुटी है। चुनावी घमासन के बीच प्रियंका गांधी ने महिलाओं के लिए पिटारा खोल दिया है। प्रियंका ने महिला घोषणापत्र जारी कर विपक्षी खेमे में खलबली मचाने की कोशिश की है। कांग्रेस के महिला घोषणापत्र में महिलाओं को लेकर कई वादे किए गए हैं। प्रियंका गांधी ने महिला घोषणा पत्र जारी करते हुए कहा कि ये पहला महिला घोषणा पत्र नहीं होगा, इससे दूसरे राजनीतिक दलों पर भी दबाव होगा कि महिलाओं की भागीदारी को सीरियसली लिया जाए।
प्रियंका का कहना है कि महिलाओं को सशक्त करना कांग्रेस का उद्देश्य है। महिलाएं अगर अपनी शक्ति पहचान लें तो देश की राजनीति बदल सकती है। चुनाव से पहले सूबे की आधी आबादी को साधने की कोशिश में जुटी प्रियंका गांधी इंदिरा गांधी और सुचेता कृपलानी का नाम लेकर महिलाओं की जनभावना को उभारने की कोशिश भी कर रही है। यूपी विधानसभा चुनाव में प्रियंका गांधी द्वारा महिलाओं को 40% की भागीदारी, 20 लाख युवाओं को रोजगार, कॉलेज की लड़कियों को स्कूटी देने का वादा करके चुनावी दंगल में नया बदलाव ला दिया है। प्रियंका गांधी की सक्रियता ने यूपी विधानसभा चुनाव में एक नया मोड़ ला दिया है। प्रियंका गांधी जिस तरीके से निर्भीक होकर मैदान में उतरी है, उससे अन्य पार्टियों की नींदे गायब हो गई है। सभी पार्टियां विधानसभा चुनाव 2022 में अपना दमखम दिखाने में जुट गई है। इसी क्रम में आपका अखबार "रणभेरी" यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव 2022 की रणनीतियों को लेकर कांग्रेस पार्टी के कैंट विधानसभा से विधायक प्रत्याशी और अध्यक्ष सेवादल डॉ. प्रमोद पांडे से बात की। उन्होंने बताया कि वर्तमान सरकार किस तरीके से काम कर रही है और आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस पार्टी किस प्रकार तैयार है।
- चुनावी दंगल -कांग्रेस अध्यक्ष सेवादल डॉ. प्रमोद पांडे से खास बातचीत
- सवाल : राजनीति मे आपका कैसे आना हुआ, क्या कारण था ?
जवाब :- वर्ष 1994 मे हम कांग्रेस सेवा दल के माध्यम से जुड़े इससे पहले इलाहाबाद विश्वविद्यालय में शिक्षा ग्रहण की। इसी दरमियान राजनीति के कई लोगों से मुलाकात होती रही। घर परिवार के लोग राजनीति में तो नहीं थे लेकिन राजनीति से अछूते भी नही रहे। जहां तक मेरा मानना है राजनीति समाज सेवा का एक सशक्त माध्यम होता है। किसी भी क्षेत्र में देख ले उन सब का एक आयामी दायरा होता है लेकिन राजनीति का क्षेत्र बहुत बड़ा होता है। इसलिए मैंने राजनीति को चुना और कांग्रेस में एक साफ सुथरी राजनीति देखने को मिली इसलिए कांग्रेस से जुड़ा।
- सवाल : आने वाले विधानसभा चुनाव में आपकी क्या तैयारियां है ? किस रणनीति के साथ आप इस बार का चुनाव लड़ेगे ?
जवाब: तैयारियां दो तरह की होती है एक व्यक्तिगत तैयारियां और दूसरी दल की तैयारियां। व्यक्तिगत तैयारियां निर्दल प्रत्याशी ज्यादा करते है। हम लोगों को जनता के बीच कांग्रेस की नीतियों का प्रचार और प्रसार करना होता है। पिछले कई सालों का रिकॉर्ड देख ले तो जो भाजपा सरकार के नारे थे और वादे थे वो नाकामयाब रही। आज उनसे कोई पूछ ले की उन वादों का क्या हुआ, उन नारों का क्या हुआ तो कलई खुल जायेगी। कुछ काम हुआ है उनका हम स्वागत करते है लेकिन आज विचार धारा का मुद्दा है। आज तानाशाही विचार धारा जन्म ले रही है की अगर तुम मेरी बात नहीं मानोगे तो तुम्हारे पर ऐसी कार्रवाई कर दी जायेगी, वैसी कार्रवाई कर दी जाएगी। आज पूरे उत्तर प्रदेश में माफिया राज्य चल रहा है।
- सवाल : वैसे तो कांग्रेस पार्टी एक लंबे समय से सत्ता में आई नहीं और सामने सपा और भाजपा जैसी पार्टियां है, इनका आप कैसे सामना करेंगे ?
जवाब: 1989 से हमारी पार्टी सत्ता में नहीं आई। तब से बसपा, सपा और अब भाजपा का दबदबा रहा है। वावजूद इसके सड़क की हालत खस्ता है। गलियों में गंदगी है। नालियां बजबजा रही हैं। नगर निगम में इनका वर्चस्व है फिर भी स्थिति दैनीय है। स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है जिसका उदाहरण कोरोना काल में देखने को मिला। बेरोजगारी और महंगाई चरम पर है। हम इन्हीं सब मुद्दों को लेकर जनता के बीच जायेंगे। हम लंबे से सत्ता मे रहे नहीं इसका यह मतलब नहीं की हम सदन से दूर हो जायेंगे।
- सवाल : हमारे देश के प्रधानमंत्री और वराणसी के सांसद नरेंद्र मोदी जी ने वराणसी मे कई विकास कार्य किए अगर आपकी सरकार आती है तो वराणसी को कैसे विकास के पथ पर ले जायेगा ?
जवाब : मैं खुद को सौभाग्यशाली समझता अगर विकास हुआ होता। आप 2014, 2019, 2017 और 2021 का तुलनात्मक अध्यन करें तो विकास के नाम पर सिर्फ लूट हुआ, जनता के पैसों की बर्बादी हुई। विकास लोगों की आँखो में दिखना चाहिए। विकास लोगों की जुबान से सुनाई देनी चाहिए। प्रचार और प्रसार के लिए इससे अच्छा माध्यम कोई और नहीं है। जन सहभागिता सबसे बड़ा माध्यम हैं। काशी को क्योटो बनाने की बात करते है ! काशी को काशी ही रहने दीजिये जिसके लिए काशी दुनिया में जानी जाती है। यह शहर धर्म, ज्ञान और अध्यात्म के लिए जाना जाता है। पता नहीं इस शहर का ज्ञान कहां धूमिल हो गया है मुझे समझ नही आ रहा है नरेंद्र मोदी जी कहते है हमने बाबा विश्वनाथ को मुक्त किया। किसमें इतना बड़ा दम की बाबा विश्वनाथ को मुक्त करने की बात कर रहे है। काशी को काशी ही रहने दीजिये। काशी का जो फक्कड़पन है उसे सलमात रखना नरेंद्र मोदी और उनकी पार्टी के बस का नहीं है। यह सिर्फ कांग्रेस ही कर सकती है।
- सवाल : अगर आप विधायक बनते है तो ऐसे कौन कौन से कार्य होंगे जो अभी तक के भाजपा सरकार के लोग नहीं कर पाए वो आप करेंगे ?
जवाब : पहली बात की मैं भाजपा सरकार की तो बात ही नहीं करता की इनके अधूरे कार्य को पुरा करना है। जनता के अनुरूप और जनता के हितों के लिए जो भी कार्य होंगे वो सब कार्य हम करने को तैयार है। जनता की क्या मांगे है, जनता की क्या आकांक्षाएं है वो पुरा करना बड़ी बात है।
- सवाल : वैसे तो ट्वीटर के माधयम से आपकी हमेशा प्रतिक्रिया आती रहती है भाजपा और उनके नेताओं के बारे में। अगर आपको योगी जी को एक लाईन मे संबोधित करना हो तो आप क्या बोलना चाहेंगे ?
जवाब : राजनीति में आने के बाद आदमी को कभी कभी छल कपट करना पड़ता है जबकि संत परंपरा में ये चीज गलत माना जाता है। मैं नहीं मानता की योगी जी संत विचारधारा का पुरा पालन करते होंगे न ही राजनीतिक विचारधारा का। उनका जो व्यवहार है ना संत के लायक है और ना ही राजनीति के लायक।
- सवाल : रणभेरी के माध्यम से जनता को क्या संदेश देंगे ?
जवाब : संदेश नहीं, उनसे आग्रह है की वो अपने भविष्य को देखे। आने वाली पीढ़ी को देखे। काशी को छलने वालो से दूर रहे और सही उम्मीदवार, जनसेवक को अपना नेता चुने।