महाशिवरात्रि पर तीन दशक बाद ज्ञानवापी में दर्शन 

महाशिवरात्रि पर तीन दशक बाद ज्ञानवापी में दर्शन 

वाराणसी (रणभेरी)। महाशिवरात्रि पर श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में भोर 3.30 बजे से ही झांकी दर्शन जारी है। मंदिर के बाहर करीब तीन किलोमीटर लंबी लाइन लगी है। काशी में ऐसा लग रहा है मानों सभी रास्ते बाबा विश्वनाथ की चौखट तक जा रहे हैं। शिव भक्तों का कारवां लगातार मंदिर में दर्शन पूजन करने पहुंच रहा है। दूसरी ओर बड़ी संख्या में भक्त ज्ञानवापी के नीचे व्यास तहखाने में भी दर्शन के लिए उमड़ पड़े हैं। इन्ही भक्तों में शुक्रवार को ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी केस की सभी वादिनी महिलाएं, वकील और समर्थक भी दर्शन पूजन के लिए मंदिर पहुंची।

तीस साल बाद हुआ दर्शन

दर्शन करके बाहर निकले भक्तों ने कहा कि क़रीब तीस वर्ष बाद महाशिवरात्रि पर ज्ञानवापी में बाबा के दर्शन हुए है। दोनों ही जगह दर्शन करके मन बहुत प्रश्न्न है। जिस गेट के एग्जिट पॉइंट के रास्ते में ज्ञानवापी है वहां भक्त तहखाने में भी दर्शन कर रहे हैं। मंदिर दर्शन के बाद ज्ञानवापी के जुड़ी वादी महिलाओं ने ज्ञानवापी में कैद आदिविश्वेश्वर की मुक्ति के लिए बाबा विश्वनाथ से प्रार्थना की।  व्यास जी के तहखाने में झांकी दर्शन कर तहखाने की परिक्रमा भी की।

मुक़दमा में जीत दिलाये बाबा

ज्ञानवापी के श्रृंगार गौरी केस की वादिनी महिलाओं और अधिवक्ता सहित ज्ञानवापी केस से जुड़े समर्थक भी बाबा विश्वनाथ और व्यास तहखाने के दर्शन के लिए कड़ी सुरक्षा के बीच मंदिर पहुंचे। महिलाओं ने कहा, महाशिवरात्रि पर बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए आए। दर्शन का  मुख्य उद्देश्य है कि जो मुकदमा हम न्यायालय में आदिविश्वेश्वर और श्रृंगार गौरी के मुक्ति के लिए लड़ रहे है उस मुकदमे में बाबा विश्वनाथ हमें जीत दिलाए। ज्ञानवापी के वजूखाने में कैद हमारे आदिविश्वेश्वर जल्दी मुक्त हो, इसी कामना के साथ हम सभी ने बाबा विश्वनाथ, व्यास तहखाने में स्थापित देवताओं के अलावा श्रृंगार गौरी का दर्शन पूजन किया और व्यास तहखाने की परिक्रमा भी की।