जिले में निकलेंगी 48 शिव बारात
वाराणसी (रणभेरी)। महाशिवरात्रि पर काशी विश्वनाथ धाम में इस बार 10 लाख श्रद्धालुओं के आगमन की संभावना को देखते हुए व्यवस्थाएं की जा रही हैं। सुरक्षा प्रबंधों में चुस्ती के अलावा धाम परिसर में प्रवेश व निकाली के लिए अलग-अलग द्वार निर्धारित किए गए हैं ताकि गलियों में व सड़कों पर श्रद्धालुओं का दबाव न बने। गंगा द्वार से आने वाले श्रद्धालुओं की निकासी उसी रास्ते से होगी। डीसीपी सुरक्षा सूर्यकांत त्रिपाठी ने बताया कि ढूंढिराज गणेश गली की ओर से मंदिर में प्रवेश करने वाले श्रद्धालुओं की निकासी यात्री सुविधा केंद्र -1 की ओर से होगी।
जबकि सरस्वती फाटक से आने वाले श्रद्धालु यात्री सुविधा केंद्र-2 से होते हुए कालिका गली के रास्ते दशाश्वमेध की ओर जाएंगे। वहीं, महाशिवरात्रि पर जिले में 48 प्रमुख शिव बारात निकाली जाएंगी। काशी, वरुणा और गोमती जोन में 16-16 बारातों को अनुमति मिली है।
नमाज के समय गेट नंबर चार से निकासी बंद :
10 मार्च को जुमे की नमाज के लिए ज्ञानवापी में नमाजी भी आएंगे।
डीसीपी ने बताया कि डीसीपी सुरक्षा ने बताया कि 10 मार्च को सुबह 11 बजे से गेट नंबर चार के पास से दर्शनार्थियों की निकासी बंद करा दी जाएगी। नमाजियों के निकलने तक यह रोक रहेगी।
डीसीपी ने देखी व्यवस्थाएं :
डीसीपी काशी जोन प्रमोद कुमार ने मंगलवार को एडीसीपी चन्द्रकांत मीना तथा नगर निगम के अधिकारियों के साथ विश्वनाथ मंदिर, गोदौलिया, बांसफाटक, मणिकर्णिका घाट व कुंड, कोतवालपुरा, ढुंढिराज गणेश गली, घाटों से जुड़े मार्गों का निरीक्षण
किया। मणिकर्णिका कुंड पर बैरिकेडिंग के साथ पीएएस सिस्टम और प्रकाश की समुचित व्यवस्था करने को कहा। जल मार्गों पर सुरक्षा का निर्देश दिया।
बनेंगी हेल्प डेस्क :
गोदौलिया, मैदागिन चौराहा, मणिकर्णिका घाट, दशाश्वमेध, अस्सी आदि प्रमुख घाटों पर पुलिस हेल्प डेस्क रहेगी। यहां से श्रद्धालुओं को जरूरी जानकारी मिलेगी।