World Pneumonia Day 2022 : आज है विश्व निमोनिया दिवस, जाने कैसी हुई इस दिन को मनाने की शुरुआत और लक्षण व बचाव के तरीके
वाराणसी (रणभेरी): आज विश्व निमोनिया दिवस है। हर साल 12 नवंबर को विश्व निमोनिया दिवस के रूप में मनाया जाता है। निमोनिया एक ऐसी बीमारी है जो हर आयु वर्ग के लोगों के लिए चिंता का विषय है। खास तौर से जन्म से लेकर 5 साल तक के बच्चों व बुजुर्गों के लिए यह बीमारी बहुत ही हानिकारक है। इसका बढ़ा हुआ स्तर जानलेवा भी साबित हो सकता है। इस बीमारी के कई प्रकार व लक्षण है। खासतौर से प्रदूषण का बढ़ता हुआ स्तर इस बीमारी के फैलने के प्रमुख कारणों में से एक है। इस गंभीर बीमारी के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिवर्ष 12 नवंबर को विश्व निमोनिया दिवस मनाया जाता है। निमोनिया में फेफड़ों में इंफेक्शन हो जाता है, जिससे सांस लेने में दिक्कत होने लगती है।अगर इस बीमारी का सही समय पर इलाज नहीं किया गया तो ये गंभीर हो जाती है।
जाने विश्व निमोनिया दिवस का इतिहास
सर्वप्रथम 12 नवंबर 2009 को ग्लोबल कोलिशन अगेंस्ट चाइल्ड निमोनिया द्वारा इस दिन को मनाने की शुरुआत की गई थी। इसके बाद से हर साल 12 नवंबर को विश्व निमोनिया दिवस (World Pneumonia Day) मनाया जाने लगा हर साल इस दिन को सेलिब्रेट करने के लिए एक नई थीम निर्धारित की जाती है।
विश्व निमोनिया दिवस 2022 की थीम
प्रतिवर्ष विश्व निमोनिया दिवस मनाने के लिए एक थीम निर्धारित की जाती है। साल 2022 के लिए जो थीम (World Pneumonia Day 2022 theme) निर्धारित की गई है वह है – “Championing the fight to stop Pneumonia” जिसका अर्थ है निमोनिया को रोकने की लड़ाई में चैंपियन बनना। इस थीम को निर्धारित करने का एकमात्र उद्देश्य यह है कि सभी को एकजुट होकर निमोनिया बीमारी को फैलने से रोकने व इस बीमारी के इलाज के प्रति जागरूक होकर इस बीमारी को खत्म करना है।साल 2013 में डब्ल्यूएचओ ने निमोनिया और डायरिया से होने वाली मौतों को समाप्त करने के लिए एक अभियान की शुरुआत की थी, जिसका एकमात्र उद्देश्य था साल 2026 तक बच्चों एवं बुजुर्गों को इन जानलेवा बीमारियों से पूरी तरह से सुरक्षित करना। विश्व निमोनिया दिवस के अवसर पर तरह तरह के अभियान चलाकर लोगों को इस बीमारी की गंभीरता को समझाते हुए सुरक्षित रहने के लिए जागरूक किया जाता है।
यह है लक्षण
स्वास्थ्य विभाग में वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर एके पांडेय के अनुसार गले में खराश, खांसी, हल्का बुखार, कफ जमना, दस्त, भूख कम लगना और थकान महसूस होना इसके लक्षणों में शामिल हैं । बच्चों में बैक्टिीरियल निमोनिया के लक्षणों को भी समझना मुश्किल होता है। इसके लक्षण हैं तेज बुखार, पसीना आना या ठंड लगना, नाखूनों या होठों का नीला पड़ना, सीने में घरघराहट महसूस होना और सांस लेने में दिक्कत महसूस आदि है। निमोनिया दो प्रकार का होता है। बैक्टिीरियल निमोनिया के इलाज में एंटीबायोटिक की जरूरत होती है जबकि वायरल निमोनिया बिना किसी इलाज के कुछ दिनों के अंदर अपने आप ठीक हो जाता है ।
ये बरतें सावधानी
- बच्चे को एंटीबायोटिक या अन्य कोई भी दवा डॉक्टर की सलाह पर ही दें ।
- निमोनिया होने पर बच्चे को अपने आप खांसी की दवा न दें ।
- बच्चे को पर्याप्त आराम करने दें और शरीर में पानी की कमी न होने दें ।
- सही इलाज से एक या दो सप्ताह में निमोनिया ठीक हो सकता है ।
निमोनिया से बचाता है पीसीवी का टीका
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉक्टर निकुंज वर्मा के अनुसार निमोनिया से बचाव के लिए पीसीवी का टीका कारगर होता है। पहला टीका जन्म से डेढ़ माह पर पोलियो खुराक, पेंटा और आईपीवी के साथ दिया जाता है। दूसरा टीका साढ़े तीन माह ओपीवी, पेंटावेलेंट, एफ़ आईपीवी और रोटा के साथ तथा नौ माह पर खसरे के टीके के साथ बूस्टर डोज दिया जाता है। यह सभी प्रकार के टीके सरकारी चिकित्सालयों तथा स्वास्थ्य केन्द्रों पर नि:शुल्क लगते हैं। इस साल अप्रैल से अब तक 1,17,196 पीसीवी डोज लगाई जा चुकी हैं। इसमें 39,326 पीसीवी प्रथम, 40,861 पीसीवी द्वितीय और 37,019 बूस्टर डोज शामिल हैं।