सनातन एकता पदयात्रा का नौवां दिन: जया किशोरी हुईं शामिल, शिल्पा शेट्टी-एकता कपूर सहित कई दिग्गज भी बने साक्षी

सनातन एकता पदयात्रा का नौवां दिन: जया किशोरी हुईं शामिल, शिल्पा शेट्टी-एकता कपूर सहित कई दिग्गज भी बने साक्षी

(रणभेरी): बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री द्वारा निकाली जा रही सनातन एकता पदयात्रा अपने नौवें दिन बेहद विशेष रही। शुक्रवार को यात्रा में आध्यात्मिक कथावाचिका जया किशोरी के शामिल होने से माहौल और अधिक भव्य हो गया। पदयात्रा के दौरान वह धीरेंद्र शास्त्री के आगे चलते हुए दिखाई दीं, जहाँ श्रद्धालुओं और समर्थकों ने उनका उत्साहपूर्वक स्वागत किया।

इससे पहले शुक्रवार शाम को बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी, फिल्म प्रोड्यूसर एकता कपूर और अभिनेता राजपाल यादव भी पदयात्रा में शामिल हुए थे। उनके आगमन से यात्रा का वातावरण अधिक ऊर्जा और उत्साह से भर उठा। वहीं, आध्यात्मिक जगत की कई बड़ी हस्तियाँ मृदुलकांत शास्त्री, देवकीनंदन ठाकुर और चिन्मयानंद बापू भी यात्रा का हिस्सा बने और श्रद्धालुओं को संबोधित किया।

यात्रा के दौरान मथुरा के संस्कृत विश्वविद्यालय में बने विराम मंच पर शिल्पा शेट्टी ने अपने संबोधन में धीरेंद्र शास्त्री के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए कहा, “एक कॉल दूर हूं, महाराज जी... जब जरूरत हो तब याद कर लेना।” शिल्पा के पहुंचने पर धीरेंद्र शास्त्री ने मुस्कुराते हुए कहा कि उन्हें परेशान कर दिया गया, जिस पर शिल्पा ने उत्तर दिया, “आप तो परेशानी दूर कर रहे हैं।” उनका यह संवाद श्रद्धालुओं के बीच चर्चा का विषय बन गया।

इसी मंच पर एक दिलचस्प पल तब देखने को मिला जब धीरेंद्र शास्त्री के बगल में बैठे राजपाल यादव को देखकर शिल्पा शेट्टी जोर से हंस पड़ीं। उन्होंने राजपाल यादव से हाथ मिलाया और उनका मोबाइल नंबर भी मांगा। शिल्पा ने बताया कि वह लंबे समय से उनका नंबर ढूंढ रही थीं, क्योंकि उन्होंने हाल ही में राजपाल यादव का एक इंटरव्यू देखा था जिसमें उन्होंने बहुत सारगर्भित और प्रेरक बातें कही थीं। दोनों कलाकारों के बीच यह हल्का-फुल्का संवाद यात्रा के गंभीर माहौल में एक खुशनुमा रंग भर गया।

सनातन एकता पदयात्रा इस समय मथुरा में है, जिसकी लगभग 55 किलोमीटर की दूरी चार दिनों में पूरी की जानी है। इसका समापन 16 नवंबर को निर्धारित है। यात्रा गुरुवार को दिल्ली और हरियाणा से होते हुए मथुरा बॉर्डर के जरिए उत्तर प्रदेश में प्रवेश कर चुकी है। प्रवेश के समय धीरेंद्र शास्त्री ने कहा था, “यूपी में हम ज्यादा सुरक्षित हैं। हमें डरने की जरूरत नहीं है… पता नहीं, कब गाड़ी पलट जाए।” उनके इस बयान ने यात्रियों के बीच सुरक्षा और प्रतिबद्धता के मुद्दे पर नई चर्चा छेड़ दी।

पदयात्रा में लगातार बढ़ रही भीड़ और नामचीन हस्तियों की भागीदारी यह दर्शाती है कि यह यात्रा केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सामाजिक-सांस्कृतिक एकता का भी प्रतीक बन गई है। भक्तों और समर्थकों का कहना है कि यह यात्रा सनातन संस्कृति के संरक्षण, आध्यात्मिक जागरण और सामाजिक सद्भाव का संदेश दे रही है।

जैसे-जैसे यात्रा अपने अंतिम चरण की ओर बढ़ रही है, उत्साह और आस्था दोनों में लगातार वृद्धि हो रही है। मथुरा की गलियों से गुजरती यह पदयात्रा जहाँ लोगों को जोड़ रही है, वहीं आध्यात्मिकता के प्रति बढ़ते रुझान को भी एक नया आयाम दे रही है।