वाराणसी में गंगा-वरुणा का बढ़ा जलस्तर: घाट और निचले इलाके जलमग्न, 10 हजार परिवारों की बढ़ी चिंता

वाराणसी (रणभेरी): वाराणसी में गंगा नदी का जलस्तर लगातार चौथे दिन बढ़ने से हालात गंभीर होते जा रहे हैं। पिछले 24 घंटे में गंगा का जलस्तर 1.99 मीटर बढ़ा है। मंगलवार सुबह 8 बजे तक गंगा का स्तर 70.36 मीटर दर्ज किया गया, जो चेतावनी स्तर से ऊपर है। जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार गंगा हर घंटे करीब 3 सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रही है।
घाट और मंदिर डूबे
तेजी से बढ़ते जलस्तर के कारण घाटों की चौकियां व मंच डूब चुके हैं। अस्सी घाट पर ‘सुबह-ए-बनारस’ का मंच जलमग्न हो गया है। मणिकर्णिका घाट की गलियों और दशाश्वमेध घाट की पुलिस चौकी में पानी घुस गया है। शीतला मंदिर के गर्भगृह तक बाढ़ का पानी भर गया है। अस्सी से राजघाट तक करीब तीन हजार मंदिर डूब चुके हैं।
नदी विज्ञानी प्रो. बी.डी. त्रिपाठी ने बताया कि यह पहली बार है जब एक ही मानसून में दूसरी बार बाढ़ का संकट आया है। इससे 10,000 से अधिक आबादी प्रभावित हो रही है।
पलायन शुरू, परिवारों ने छोड़े घर
बाढ़ से परेशान लोगों का पलायन भी शुरू हो गया है। मंगलवार दोपहर तक 32 परिवारों के 133 लोग सुरक्षित स्थानों की ओर रवाना हो चुके हैं। प्रशासन ने राहत शिविर बनाए हैं, लेकिन अचानक दोबारा बाढ़ आने से लोग दिक्कत में पड़ गए हैं। गंगा के साथ उसकी सहायक नदी वरुणा का जलस्तर भी पिछले 24 घंटों में चार मीटर बढ़ गया है। सुबह वरुणा कॉरिडोर का पाथवे डूब गया। नक्खी घाट, दीनदयालपुर, पुरानापुल, शक्कर तालाब, उंचवां और हिदायत नगर जैसे मोहल्लों में पानी भरने से करीब 10,000 लोगों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।
स्थानीय लोगों की परेशानी
दोबारा आई बाढ़ से लोगों में निराशा है। प्रभावित इलाकों के लोगों का कहना है कि अभी घर और मकान साफ भी नहीं कर पाए थे कि पानी फिर बढ़ गया। मौजाहाल की सीमा ने बताया कि राहत शिविर से लौटने के बाद उम्मीद थी हालात सुधरेंगे, लेकिन अब बच्चों की पढ़ाई से लेकर रसोई तक सब प्रभावित हो रहा है।