वक्फ बोर्ड विवाद : यूपी कॉलेज में बाहरी लोगों की एंट्री बंद
वाराणसी (रणभेरी सं.)। यूपी कॉलेज में बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। कालेज के शिक्षक और छात्रों को ही प्रवेश दिया जा रहा है। प्रवेशद्वार पर ही सबके आईकार्ड चेक किये जा रहे। पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने कहा कि यूपी कॉलेज प्रशासन ने परिसर का माहौल शांतिपूर्ण बनाए रखने की अपील की है। अनुरोध किया है कि शैक्षणिक गतिविधियां प्रभावित न हों। अब पुलिस यह सुनिश्चित करेगी कि कॉलेज परिसर में वहां के शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्र-छात्राओं के अलावा कोई बाहरी प्रवेश न करने पाए। कॉलेज की निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। किसी भी तरह से माहौल बिगाड़ने का प्रयास करने वालों के साथ पुलिस सख्ती से पेश आएगी।
उधर, गिरफ्तार छात्रों को शिवपुर थाने और पुलिस लाइन ले जाया गया। गिरफ्तारी की सूचना मिलते ही छात्रों में रोष फैल गया और वे शिवपुर थाने पहुंच गए। नारेबाजी कर रहे छात्रों को पुलिस ने समझाकर वापस भेजा। डीसीपी वरूणा जोन चन्द्रकांत मीना ने बताया कि कॉलेज प्रशासन ने परिसर में शांति व्यवस्था के लिए मदद मांगी थी। कालेज में परीक्षा चल रही है। कैम्पस के अंदर जुलूस निकालने, मस्जिद के समीप हनुमान चालीसा पढ़ने व शांति भंग के आरोप में छात्रों को हिरासत में लिया गया। हिरासत में लिए गए छात्रसंघ अध्यक्ष सुधीर सिंह, उपाध्यक्ष प्रतीक उपाध्याय, शिवम सिंह बाबू, विवेकानंद सिंह, पीयूष सिंह,अभय सिंह और सचिन सिंह का शांति भंग की आशंका में चालान किया गया। देर शाम सभी को चेतावनी के साथ छोड़ दिया गया।
विश्वविद्यालय बनाने की हुई घोषणा, तब वायरल हुआ विवादित पत्र
यूपी कॉलेज के 115वें स्थापना दिवस समारोह में गत 25 नवंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल हुए थे। उन्होंने घोषणा की थी कि ऐतिहासिक महत्ता वाले यूपी कॉलेज को विश्वविद्यालय का दर्जा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद वर्ष 2018 का एक पुराना पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। पत्र के अनुसार वक्फ बोर्ड ने यूपी कॉलेज प्रशासन को नोटिस दिया है। नोटिस में कहा है कि वसीम अहमद के अनुसार यूपी कॉलेज की जमीन वक्फ बोर्ड की संपत्ति है। यूपी कॉलेज ने वक्फ की संपत्ति पर कब्जा कर रखा है। यूपी कॉलेज प्रशासन द्वारा जवाब न देने पर जमीन को वक्फ बोर्ड की संपत्ति के तौर पर कब्जा कर लिया जाएगा।
अचानक गरमाया माहौल
यूपी कॉलेज परिसर का माहौल अचानक गरमाया है। इसे लेकर शहर के प्रबुद्ध लोग यह आशंका जता रहे हैं कि कहीं जान-बूझकर माहौल खराब करने का प्रयास तो नहीं किया जा रहा है।
अफवाहों पर न दें ध्यान, 3.5 साल पहले नोटिस हो चुका है निरस्त : यासीन
ज्ञानवापी की देखरेख करने वाली समिति अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव एसएम यासीन ने मंगलवार स्थिति साफ की।?उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि यूपी कॉलेज प्रशासन को जारी नोटिस वर्ष 2021 में ही निरस्त किया जा चुका है। इसलिए कोई भी किसी भी के उकसावे में न आए और अफवाहों पर ध्यान न देकर शांतिपूर्ण तरीके से रहें।
इस संबंध में उन्होंने यूपी कॉलेज स्थित मस्जिद के संबंध में यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड से पत्राचार कर वास्तविक स्थिति की जानकारी मांगी। वक्फ बोर्ड के विधि अधिकारी अब्दुल मोबीन खां द्वारा उन्हें लिखित में बताया गया कि छह दिसंबर 2018 को तत्कालीन सहायक सचिव आले अतीक ने नोटिस जारी किया था। मगर, 18 जनवरी 2021 को वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के आदेश पर नोटिस निरस्त कर दिया गया था। उस नोटिस के संबंध में कोई भी कार्यवाही अब प्रचलन में नहीं है।