विद्यापीठ को अगली कार्य परिषद की बैठक में मिल सकता है सातवां संकाय
वाराणसी (रणभेरी): महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में अगली कार्य परिषद की बैठक में विश्वविद्यालय का ललित कला विभाग को सातवां संकाय बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। इस सातवें संकाय में ललित कला के साथ नाट्य कला और संगीत विभागों को जोड़ा जाएगा। साथ ही कुछ नए कोर्स भी शुरू किए जाएंगे।
विद्यापीठ में 1988 से संचालित ललित कला विभाग में चित्रकला के साथ मूर्तिकला की कक्षाएं चलती हैं। परिसर में संगीत और मंच कला की शिक्षा के लिए अलग विभाग हैं। 30 अप्रैल को हुई विद्या परिषद और पांच मई को हुई कार्य परिषद की बैठक में नाट्य कला से संबंधित पाठ्यक्रमों को संगीत से हटाकर ललित कला विभाग से जोड़ने के प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई।
इसके अलावा विभाग में नाट्य कला का दो वर्षीय स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम भी शुरू करने का फैसला लिया गया। ललित कला विभाग में रविवार को आए पद्मश्री डॉ. राजेश्वर आचार्य ने भी कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी को कला से जुड़े सभी विभागों को एक साथ कर संकाय बनाने का सुझाव दिया था। इसके बाद इसपर मंथन शुरू हो गया है। विद्यापीठ में अभी छह संकाय और 24 विभाग हैं। ललित कला सातवां संकाय बनेगा।