काशी में बोले उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन : गंगा स्नान कर शाकाहारी बना, नट्टुकोट्टई धर्मशाला का किए उद्घाटन , बाबा विश्वनाथ का करेंगे जलाभिषेक
 
                                                                                    वाराणसी (रणभेरी): चुनाव में जीत के बाद देश के उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन शुक्रवार को पहली बार काशी पहुंचे। लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। इसके बाद वह सिगरा स्थित नाटकोटक्षेत्रम की नट्टुकोट्टई धर्मशाला पहुंचे और इसका उद्घाटन किया।
 सभा को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा, “मैं लगभग 25 वर्ष पहले काशी आया था। तब मैं मांसाहारी था। वर्ष 2000 में यहां गंगा मइया में स्नान करने के बाद मैं शाकाहारी बन गया। धर्म को कुछ समय के लिए संकट हो सकता है, पर वह निरंतर नहीं है। इस इमारत ने भी अनेक संकट देखे हैं, फिर भी आज धर्म की जीत हुई है।”
सभा को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा, “मैं लगभग 25 वर्ष पहले काशी आया था। तब मैं मांसाहारी था। वर्ष 2000 में यहां गंगा मइया में स्नान करने के बाद मैं शाकाहारी बन गया। धर्म को कुछ समय के लिए संकट हो सकता है, पर वह निरंतर नहीं है। इस इमारत ने भी अनेक संकट देखे हैं, फिर भी आज धर्म की जीत हुई है।” 
 उन्होंने भारत माता को नमन करते हुए कहा कि काशी में आध्यात्मिक ऊर्जा और सनातनी परंपरा की निरंतरता अनोखी है। कार्यक्रम के बाद उपराष्ट्रपति श्रीकाशी विश्वनाथ धाम पहुंचे, जहां उन्होंने गर्भगृह में बाबा विश्वनाथ का षोडशोपचार विधि से पूजन-अभिषेक किया। दर्शन-पूजन के उपरांत वह बाबतपुर एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे।
उन्होंने भारत माता को नमन करते हुए कहा कि काशी में आध्यात्मिक ऊर्जा और सनातनी परंपरा की निरंतरता अनोखी है। कार्यक्रम के बाद उपराष्ट्रपति श्रीकाशी विश्वनाथ धाम पहुंचे, जहां उन्होंने गर्भगृह में बाबा विश्वनाथ का षोडशोपचार विधि से पूजन-अभिषेक किया। दर्शन-पूजन के उपरांत वह बाबतपुर एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे।
त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था
उपराष्ट्रपति के दौरे को देखते हुए शहर में सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए। सीआरपीएफ कमांडो, स्पॉट टीमें, रूफटॉप तैनाती के साथ सीसीटीवी और ड्रोन से निगरानी की गई। सुरक्षा में सीआरपीएफ के 100 से अधिक जवानों समेत करीब 2000 पुलिसकर्मी लगाए गए।
 सीएम योगी बोले— काशी और रामेश्वरम् का अखंड संबंध
सीएम योगी बोले— काशी और रामेश्वरम् का अखंड संबंध
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “काशी विश्वनाथ और रामेश्वरम् धाम भगवान शिव के दिव्य रूप हैं। भगवान श्रीराम ने स्वयं रामेश्वरम् में ज्योतिर्लिंग स्थापित किया। यह काशी और दक्षिण भारत के बीच अनादिकाल से चले आ रहे अटूट संबंध का प्रतीक है।”
काशी और तमिल संस्कृति का प्राचीन जुड़ाव
कहा जाता है कि भगवान विश्वेश्वर की आज्ञा से अगस्त्य मुनि दक्षिण गए थे। हनुमान घाट, केदार घाट समेत काशी में हजारों साल से दक्षिण भारतीय समुदाय का निवास है। तमिल शैव संत श्री अप्पर स्वामी ने भी काशी यात्रा कर यहां की महिमा का वर्णन किया है। माना जाता है कि काशी और तमिल परंपरा का रिश्ता 2300 वर्ष से भी अधिक पुराना है।
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