हिन्दू अत्याचार के विरोध में वाराणसी के साड़ी व्यापारी ने बांग्लादेश से तोड़ा व्यापारिक सम्बंध
वाराणसी (रणभेरी): बनारस के साड़ी उद्योग पर बांग्लादेश में हो रहे हिन्दुओं पर अत्याचार का असर दिखाई दे रहा है। यहां से बांग्लादेश जाने वाली बनारसी साड़ियों की सप्लाई पूरी तरह से बंद हो गई है। साड़ी व्यापारी अब बांग्लादेश से व्यापार करने में हिचकिचाहट महसूस कर रहे हैं। वाराणसी में बनारसी साड़ियों का कारोबार बहुत बड़े पैमाने पर होता है, और बांग्लादेश इसका एक बड़ा ग्राहक है। लेकिन अब यह कारोबार पूरी तरह से ठप हो गया है। हालांकि, इसके बावजूद साड़ी व्यापारी बांग्लादेश से अब व्यापारिक सम्बंध नहीं रखना चाहते। काशी के साधु संत व्यापारी भी सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे है।
साड़ी कारोबारी विवेक पारिख ने बताया कि उनका व्यापार बांग्लादेश में होने वाली हिंसा के कारण प्रभावित हुआ है। उन्होंने कहा कि वाराणसी से साड़ियां कोलकाता जाती हैं और फिर बांग्लादेश के लिए निर्यात की जाती थीं। लेकिन अब उनका लगभग करोड़ों का माल फंसा हुआ है और लाखों साड़ी का आर्डर कैंसिल हो चुका है। उन्होंने कहा कि बनारसी साड़ियों की डिमांड बांग्लादेश में बहुत अधिक है, खासकर जाली वर्ग की साड़ियों की। लेकिन अब वे हिन्दुओं पर अत्याचार करने वालों के साथ व्यापार नहीं करना चाहते हैं।
हिन्दुओं पर अत्याचार बर्दाश्त नहीं, बांग्लादेश से व्यापार बंद - बोले साड़ी व्यापारी
गोलघर के साड़ी व्यापारी मदन मेहरोत्रा ने साफ कहा है कि भले ही उनके पास साड़ियों का स्टॉक पड़ा हो और उनके पैसे फंसे हों, लेकिन वे हिन्दुओं के साथ अत्याचार को बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि वे बांग्लादेश से आयात-निर्यात नहीं करेंगे, क्योंकि वहां हिन्दुओं पर अत्याचार हो रहा है।
वाराणसी में साधू-संत और कलाकार भी इस मुद्दे पर आक्रोशित हैं। उन्होंने प्रदर्शन किया और भारत सरकार से इस मामले में दखल देने की मांग की। उन्होंने वाराणसी के जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा और कहा कि जब तक बांग्लादेश में हिन्दुओं पर अत्याचार बंद नहीं होता, तब तक वे बांग्लादेश से कोई व्यापारिक संबंध नहीं रखेंगे।