महाकुंभ की तैयारी को लेकर एक्शन में वाराणसी के पुलिस आयुक्त, किया शहर का चक्रमण
वाराणसी (रणभेरी): महाकुंभ का आयोजन प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक कुल 45 दिन तक चलने वाला है। प्रयागराज महाकुंभ की शुरूआत में महज एक सप्ताह का समय बचा है। इसे देखते हुए रविवार को पुलिस कमिश्नर ने पूरे शहर का भ्रमण किया। इस दौरान उन्होंने शहर की यातयात व्यवस्था को लेकर नियमों का कड़ाई से पालन कराने का निर्देश दिया। नरिया की ओर से लंका होकर रविदास गेट की तरफ जाने वाले वाहनों के लिए मालवीय चौराहे पर प्लास्टिक की स्प्रिंग पोस्ट लगाई गई है। इसके साथ ही सड़क की बाईं लेन को फ्री कराया गया है। अब वाहन बगैर रुके नरिया से लंका होते हुए रविदास गेट की तरफ जा सकेंगे। पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने रविवार को शहर की यातायात व्यवस्था का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ के मद्देनजर कैंट रोडवेज बस स्टैंड से निकलने वाली बसें धर्मशाला तिराहे की तरफ नहीं जाएंगी। बल्कि, बसें बस स्टैंड से लकड़मंडी होते हुए चौकाघाट-लहरतारा ओवरब्रिज से जाएंगी।
वापसी में भी बसें चौकाघाट-लहरतारा पुल के ऊपर से होकर लकड़मंडी होते हुए कैंट रोडवेज बस स्टैंड पर आएंगी। इस व्यवस्था को प्रायोगिक तौर पर मंगलवार से लागू किया जाएगा। इसी तरह से कैंट स्टेशन के पास स्थित नगर निगम के पुराने मालगोदाम को मेयर से बातचीत कर ई-रिक्शा और ऑटो स्टैंड के रूप में उपयोग में लाया जाएगा।
पुलिस आयुक्त ने कहा कि अतिक्रमण मुक्त कराए गए स्थानों पर चेतावनी बोर्ड और बैरिकेडिंग लगवाएं। ऐसे स्थानों पर दोबारा अतिक्रमण कतई न होने पाए। इसके अलावा पुलिस आयुक्त ने अंधरापुल, लहरतारा, मंडुवाडीह चौराहा, बीएलडब्ल्यू, भिखारीपुर, नरिया, मालवीय गेट बीएचयू और सेंट्रल जेल तिराहा का निरीक्षण किया। उन्होंने थानाध्यक्षों को कहा कि यातायात नियमों का कड़ाई से पालन कराएं। सड़क पर बेतरतीब तरीके से वाहन किसी भी सूरत में खड़े न हों। इस दौरान एडीसीपी ट्रैफिक राजेश कुमार पांडेय सहित अन्य अफसर मौजूद रहे।
पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने कहा है कि कमिश्नरेट के तीनों जोन के डीसीपी अपने थानों में तैनात पुलिसकर्मियों की उपलब्धता की ऑडिट करें। रिपोर्ट देकर बताएं कि तीनों जोन के थानों में कितने पुलिसकर्मी तैनात हैं। ताकि, थानों में उपलब्ध मानव संसाधन की वास्तविक स्थिति का पता लग सके।
इसके अलावा पुलिस आयुक्त ने कहा कि प्रत्येक थाने में तैनात पुलिस कर्मियों में से 20 प्रतिशत रात्रिकालीन गश्त के लिए जरूर निकलें। इसमें लापरवाही मिलने पर संबंधित थाने के थानाध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।