वाराणसी: इलाज कराने लाई बहू अस्पताल में छोड़कर भागी, 6 दिन से लावारिस वार्ड में पड़ी बुजुर्ग महिला बोलीं, “मुझे घर पहुंचा दो”

वाराणसी (रणभेरी): कबीरचौरा अस्पताल में इंसानियत को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। आजमगढ़ की रहने वाली 80 वर्षीय गुलैछी मौर्या को उनकी बहू इलाज कराने के बहाने वाराणसी लेकर आई और फिर अस्पताल में ही छोड़कर भाग गई। बीते 6 दिन से बुजुर्ग महिला अस्पताल के लावारिस वार्ड में भर्ती हैं, और हर आने-जाने वाले व्यक्ति से एक ही गुहार लगा रही हैं – “मुझे घर पहुंचा दो।”
अस्पताल में अमन कबीर ट्रस्ट कर रहा देखभाल
कबीरचौरा अस्पताल के लावारिस वार्ड के बेड नंबर-6 पर भर्ती गुलैछी मौर्या की देखभाल अब अमन कबीर ट्रस्ट के कार्यकर्ता कर रहे हैं। ट्रस्ट के संस्थापक अमन कबीर ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि एक बुजुर्ग महिला लावारिस हालत में पड़ी हैं। जब वे पहुंचे तो दादी की हालत बहुत खराब थी और उन्होंने तीन दिन से कुछ नहीं खाया था। बातचीत में महिला ने अपना नाम और गांव बताया तथा घर पहुंचाने की विनती की।
बहू इलाज कराने लाई थी, फिर रात में छोड़कर चली गई
गुलैछी मौर्या ने बताया -“मेरे दो बेटे हैं – राममिलन और वीरेंद्र। राममिलन की पत्नी सावित्री देवी मुझे इलाज कराने बनारस लाई थी। दो दिन तक साथ रही, फिर एक रात अचानक कहीं चली गई। तब से कोई नहीं आया।” महिला का आरोप है कि बहू ने इलाज के नाम पर उनके खाते से पैसे भी निकाले थे।
अस्पताल रिकॉर्ड में पोते का नाम दर्ज
कबीरचौरा अस्पताल की हेड नर्स के मुताबिक, 6 अक्टूबर की शाम 5:58 बजे गुलैछी मौर्या को एडमिट किया गया था। उनके साथ पोता सुनील कुमार मौर्या और बहू सावित्री देवी थे। सुनील ने अटेंडेंट के रूप में अपना नाम और फोन नंबर दर्ज कराया था, लेकिन रात 9 बजे वह चला गया। अगले दिन सुबह सावित्री भी अस्पताल से निकल गई और वापस नहीं लौटी।
अस्पताल ने की पुलिस को सूचना
अगली सुबह जब दवा और नाश्ते की जरूरत पड़ी, तो स्टाफ ने घरवालों को बुलाने को कहा। लेकिन कोई नहीं आया। नर्स ने बताया कि उन्होंने पोते को कई बार कॉल किया, पर फोन बंद मिला। इसके बाद अस्पताल प्रशासन ने कोतवाली पुलिस को सूचना दी।
“हमें घर भिजवा दीजिए”, बुजुर्ग महिला की विनती
गुलैछी मौर्या ने पुलिस से कहा, “अगर बहू और पोता मुझे नहीं ले जाना चाहते, तो मुझे आजमगढ़ के बेलइसा पहुंचा दीजिए। वहां मेरी सब्जी की आढ़त है, मैं खा-कमा लूंगी। मेरे रिश्तेदार भी वहीं हैं।”
पोते ने किया इंकार – बोला, “वो हमारी कोई नहीं”
अमन कबीर ने बताया कि 12 अक्टूबर को जब हॉस्पिटल स्टाफ ने दोबारा पोते सुनील को फोन किया, तो उसने हैरान कर देने वाला जवाब दिया। वह बोला – “वो हमारी कोई नहीं हैं, हमें सड़क पर लावारिस मिली थीं।”
अब पुलिस ने सुनील को जल्द वाराणसी बुलाया है, ताकि बुजुर्ग महिला से आमने-सामने मिलाकर मामले की सच्चाई स्पष्ट की जा सके।
अगर परिवार नहीं आया तो वृद्धा आश्रम भेजने की तैयारी
अमन कबीर ने कहा कि अगर गुलैछी मौर्या के परिजन उन्हें लेने नहीं आते, तो उन्हें सारनाथ स्थित वृद्धा आश्रम में रखा जाएगा। फिलहाल उनके घरवालों से संपर्क करने की कोशिश जारी है।