यूपी का पहला इलेक्ट्रानिक पशु शवदाह गृह जल्द होगा तैयार

यूपी का पहला इलेक्ट्रानिक पशु शवदाह गृह जल्द होगा तैयार

वाराणसी(रणभेरी): काशी में अब सड़क किनारे अथवा सार्वजनिक स्थानों पर मृत पशुओं के शव नहीं दिखेंगे। जिले के जाल्हूपुर में 2.24 करोड़ रुपये की लागत से प्रदेश का पहला इलेक्ट्रानिक पशु शवदाह गृह बन रहा है। इससे मृत पशुओं के शवों का निस्तारण सही ढंग से हो सकेगा। वहीं लोगों को इससे उठने वाली दुर्गंध से भी निजात मिल जाएगी।  वाराणसी में पशुपालन व्यापक स्तर पर किया जाता है। हालांकि पशुओं के शवों के निस्तारण की कोई व्यवस्था नहीं थी। ऐसे में मृत पशुओं के अवशेष सार्वजनिक स्थानों पर अथवा सड़क किनारे फेंक दिए जाते थे। इससे आसपास रहने वाले लोगों के साथ ही राहगीरों को काफी परेशानी होती थी। शवों से निकलने वाली दुर्गंध लोगों को बेचैन कर देती थी। योगी सरकार पशुओं के डिस्पोजल के लिए इलेक्ट्रिक पशु शवदाह गृह का निर्माण वाराणसी के जाल्हूपुर गांव में करा रही। अपर मुख्य अधिकारी, जिला पंचायत, अनिल कुमार सिंह ने बताया कि 0.1180 हेक्टेयर जमीन पर 2.24 करोड़ की लगात से इलेक्ट्रिक पशु शवदाह गृह बनाया जा रहा है। शवदाह गृह बिजली से चलेगा। भविष्य में आवश्यकता अनुसार इसे सोलर एनर्जी व गैस पर आधारित करने का भी प्रस्ताव है।

इलेक्ट्रिक शवदाह गृह की क्षमता करीब 400 किलो प्रति घंटा के डिस्पोजल की है। ऐसे में एक घंटे में एक पशु का और एक दिन में 10 से 12 पशुओं का डिस्पोजल यहां किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि डिस्पोजल के बाद बची राख का इस्तेमाल खाद बनाने में किया जाएगा। पशुपालकों को और किसानों को डिस्पोजल और खाद का शुल्क देना होगा या ये सेवा नि:शुल्क होगी, इसका निर्णय जिला पंचायत बोर्ड की बैठक जल्द तय होगा। मृत पशुओं को उठाने के लिए जिला पंचायत पशु कैचर भी खरीदेगा। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी राजेश कुमार सिंह ने बताया कि जिले में करीब 5 लाख 50 हज़ार पशु हैं। आधुनिक इलेक्ट्रिक शवदाहगृह बन जाने से अब लोग पशुओं को खुले में नहीं फेकेंगे।