BHU में धराए तीन फर्जी डाक्टर, दूसरे के स्थान पर कर रहे थे ड्यूटी, मुकदमा दर्ज
वाराणसी (रणभेरी): काशी हिंदू विश्वविद्यालय स्थित सर सुंदरलाल चिकित्सालय में दूसरे की जगह ड्यूटी करते तीन फर्जी डाक्टर पकड़े गए। तीनों पैसे लेकर एमबीबीएस इंटर्न के स्थान पर ड्यूटी कर रहे थे। प्राक्टोरियल बोर्ड ने तीनों को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने इस मामले में आईएमएस के चार चिकित्सकों समेत सात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। आरोप है कि एमबीबीएस इंटर्न अपनी जगह दूसरे व कम डिग्री वाले लोगों ने इंटर्नशिप करा रहे थे। प्रॉक्टोरियल बोर्ड ने पूरा मामला पकड़ा और फर्जी इंटर्न को दबोचकर पुलिस के हवाले कर दिया। फिलहाल, सुरक्षा निरीक्षक की तहरीर पर मुकदमा दर्ज करके पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
लंका थाने में दर्ज मुकदमे में डॉ. नितिन, डॉ. शुभम, डॉ. सौमिक डे और डॉ. कृति अरोड़ा को नामजद किया गया है। चारों एमबीबीएस कर चुके हैं। अब आईएमएस के अलग-अलग विभागों में इंटर्नशिप कर रहे थे, लेकिन अपनी जगह दूसरे युवक व युवती को भेजकर फर्जी तरीके से ड्यूटी करा रहे थे। पुलिस उनकी तलाश में जुटी है। जिस तरह से जांच आगे बढ़ रही है, उससे अनुमान लगाया जा रहा है कि कई तरह की गड़बड़ियां खुलकर सामने आएंगी। अस्पताल परिसर में कभी बेहतर इलाज तो कभी जल्द जांच कराने के नाम पर मरीजों को ठगने का मामला सामने आता है। इनमें फर्जी इंटर्न की मिलीभगत रहती है। अस्पताल प्रशासन की हर घटना के बाद कठोर कदम उठाए जाने की बात भी कही जाती है, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती है। इस वजह से फर्जीवाड़ा करने वालों का मनोबल बढ़ा है।
एमसीएच विंग संवेदनशील माना जाता है, फिर भी बाहरी आकर ड्यूटी करते रहे।, विंग में कार्यरत डॉक्टर व कर्मचारियों को इसकी भनक क्यों नहीं लगी।
इंटर्न फर्जी हैं तो इनकी उपस्थिति सहित अन्य कागजात की जांच क्यों नहीं की गई। सीसीटीवी कैमरे भी लगे हैं, फिर भी फर्जीवाड़ा कैसे।बिना किसी कागजात ड्यूटी करने वालों को पहले ही क्यों नहीं दबोचा गया। सब दूसरे की जगह ड्यूटी कर रहे थे, फिर भुगतान कैसे किया जा रहा था। बीएचयू अस्पताल के एमसीएच विंग में जिन तीन लोगों को इंटर्न के नाम पर डयूटी करते पकड़ा गया, उन्होंने कई अहम जानकारियां दी हैं। अस्पताल प्रशासन को जानकारी देने के साथ ही पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। जिन लोगों के नाम सामने आएंगे, उनसे पूछताछ भी की जाएगी।