आनंद-उमंग भयो, जय हो नंदलाल की...

आनंद-उमंग भयो, जय हो नंदलाल की...

वाराणसी (रणभेरी सं.)। बाल गोपाल का जन्मोत्सव धूम-धाम से मनाने के लिए वाराणसी आज तैयार है। आज वाराणसी के मठ-मंदिरों में जन्माष्टमी मनाने की तैयारी जोर-शोर पर चल रही है। सोमवार सुबह से ही पूजा पाठ और भजन का दौर शुरू हो गया है। बनारस के मंदिरों और लोगों के घरों में बाल कृष्ण सजाए जा रहे हैं और भजन भी गाए जा रहे हैं।

मंदिर भी गोकुल धाम जैसा दिख रहा है। यहां हरे कृष्ण और राधे-राधे की गूंज है। बीएचयू  में आज रात छात्राएं, राधा-कृष्ण और गोपियां बनकर रासलीला रचाएंगी। शहर के सभी पुलिस थाना में भी श्री कृष्ण के जन्मोत्सव कार्यक्रम की तैयारी जोरो पर है। मुख्य कार्यक्रम रिजर्व पुलिस लाइन में सोमवार शाम 8 बजे से होगा। यहां पर पुलिस कमिश्नरेट की ओर से भगवान कृष्ण लीला की भव्य झांकियां सजाईं जाएंगी। झांकी दर्शन करने हजारों की भीड़ होगी।

वाराणसी के पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल समेत की ओर से ये कार्यक्रम किया जा रहा हैं। यहां बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स और अधिकारी मौजूद रहेंगे। यहां पर पुलिस और आम आदमी हर कोई भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाता दिखेगा

इन जगहों पर है खास तैयारिया

  • काशी विश्वनाथ मंदिर के चौक क्षेत्र में भगवान कृष्ण की झांकी सजेगी। गर्भगृह में विशेष पूजा होगी।
  • पुलिस लाइन में रात के 8 बजे से 11 बज कर 45 मिनट तक भजन और कीर्तन का कार्यक्रम होगा। इसके बाद रात के 12 बजे से भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव पूजन और प्रसाद बांटा जाएगा।
  •  आज जन्माष्टमी की वजह से वाराणसी में दवा और साड़ी मंडी में बंदी है। दवा की थोक दुकानों को बंद कर दिया गया है। साथ ही बनारसी साड़ी का भी पूरा कारोबार बंद रहेगा।
  • संपूणार्नंद संस्कृत विश्वविद्यालय स्थित वाग्देवी मंदिर में आज रात 9 बजे से 12 बजे तक भगवान कृष्ण की जन्माष्टमी मनाई जाएगी। कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा समेत कई प्रोफेसर प्रवचन और भजन करेंगे।
  • बीएचयू  के महिला महाविद्यालय और हॉस्टलों में भगवान कृष्ण की भव्य झांकियां सजाईं जाएंगी। यहां पर डीजे और गानों पर छात्राएं कृष्ण, राधा और गोपियां बनकर रासलीला करेंगी। संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के रुइया हॉस्टल में प्रदर्शनी लगाई जा रही है।
  • दुगार्कुंड स्थित मणि मंदिर में ठाकुर जी की भव्य झांकियां सजाईं जाएंगी। शाम के 4 बजे से भगवान का दर्शन होगा और रात के 12 बजे जन्मोत्सव मनाया जाएगा।

इस्कॉन में शुरू हुआ तीन दिवसीय जन्माष्टमी महामहोत्सव 

अंतरराष्ट्रीय श्रीकृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन) वाराणसी के तत्वावधान में श्रीकृष्ण दिव्य प्राकट्योत्सव अवसर पर दुगार्कुंड स्थित इस्कॉन मंदिर प्रांगण में रविवार की रात तीन दिवसीय श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महामहोत्सव का शुभारंभ हुआ। इस दौरान आईआईटी बीएचयू के पूर्व छात्रों की ओर से प्रस्तुत भक्ति संगीत और नृत्य नाटिका की मनमोहक प्रस्तुति पर भक्त मोहित नजर आए। 
श्रीकृष्ण लीला प्रवचन करते हुए प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष अच्युत मोहन दास ने कहा कि परम पूर्ण पुरुषोत्तम भगवान इस जगत में अपने भक्तों की रक्षा व दुष्टों का संघार करने तथा संपूर्ण विश्व के कल्याणार्थ अवतार लेते हैं। इस अवसर पर श्रीकृष्ण के जीवन चरित्रों व उनकी शिक्षाओं से लोगों में गहरी अंतर्दृष्टि प्रदान करने के उद्देश्य से आईआईटी बीएचयू के पूर्व छात्रों ने एक शाम का आनंद" कार्यक्रम का आयोजन किया। इसमें भक्ति संगीत व मनमोहक जीवंत नृत्यनाटिका का मंचन हुआ जो सभी श्रोताओं के मन को मोह लिया। मंदिर में राधेकृष्ण की प्रतिमा का सुगन्धित फूलों से श्रृंगार व भोग लगाया गया। पूरे मंदिर प्रांगण की मनमोहक सजावट की गई है। इस अवसर पर साक्षी मुरारी दास, रसिक गोविंद दास, मुरारी गुप्त दास, धवल कृष्ण दास, रामकेशव दास, एडवाइजरी कमेटी के अध्यक्ष दीपक मधोक, अशोक गुप्ता व संतोष अग्रवाल सहित अनेकों भक्तगण रहे।
अलग-अलग रूपों में दिख रहे माखनचोर 

 बदलते वक्त के साथ माखनचोर श्रीकृष्ण के अलग-अलग रूप भी देखने को मिल रहे हैं। पहले कन्हैया कालिया नाग पर बंसी बजाते आते थे, वहीं इस समय इलेक्ट्रॉनिक युग में भगवान श्री कृष्ण बुलडोजर वाली पालकी पर सवार दिखेंगे। स्कूटी पर सवार राधा-कृष्ण की भी खूब डिमांड है। 
  नंद गोपाल बुलडोजर वाली पालकी में सवार होकर भक्तों को दर्शन देंगे। साथ ही कान्हा राधा संग स्कूटी से घूमते भी नजर आ रहे हैं। वाराणसी के अलग-अलग बाजारों में कृष्ण जन्माष्टमी के लिए सजे स्टालों पर अलग-अलग रूप रंग के कान्हा की अठखेलियां देखने को मिल रही हैं। 25 और 26 अगस्त को जन्माष्टमी पर हर कोई अपने बच्चे को कान्हा और राधा के रूप में सजाने में कसर नहीं छोड़ना चाहता। इसको लेकर बाजारों में जमकर वस्त्र की भी खरीदारी हो रही है। वाराणसी के काष्ठ कलाकारों ने पहली बार लकड़ी से खास पालकी को तैयार किया है, जिसकी डिमांड देश के अलग-अलग राज्यों के अलावा विदेशों तक देखने को मिल रही है। 

बुलडोजर अब लकड़ी के खिलौनों की दुनिया में भी ब्रांड बनकर उभरा है। इस बार श्रीकृष्ण जन्मोत्सव में सजने वाली झांकी में बुलडोजर पर सवार श्रीकृष्ण की मूर्ति की जबरदस्त मांग है। देश के विभिन्न राज्यों के अलावा अमेरिका और यूरोपीय देशों से भी इस बार आॅर्डर आए हैं। लंका स्थित रविदास गेट के पास जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण और खिलौने की दुकान लगाने वाले एक दुकानदार ने बताया कि इस बार भगवान कृष्ण को बुलडोजर पर दिखाने की ज्यादा डिमांड हो रही है। प्राकृतिक रंगों से तैयार लकड़ी के लड्डू-गोपाल, पालना, पंखा, सजावटी झालर शिल्पियों के हुनर का बेजोड़ नमूनाहमारी दुकान पर उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि लकड़ी के खिलौना में बुलडोजर पर सवार श्रीकृष्ण के खिलौनों की डिमांड जमकर हो रही है। 
कान्हा के लिए मोरपंख, पोशाक और झूला की हुई खरीदारी : वो बड़ा वाला मोरपंख दिखाना...अरे, वो पीली पोशाक दिखाइए...और वो झूला कितने का है... कुछ ऐसे ही नजारे बाजार में दिन भर दिखे। आज बाजार में खरीदारों की भारी भीड़ देखी गयी। मोरपंख से सजे मुकुट, जरदोजी से सजी मखमली पोशाक, कीमती रत्नों की तरह दमकते तिलक, कुंडल, मनोहारी मुरली, सुहाने झूले और भी बहुत कुछ....मुरली मनोहर के इस साज-शृंगार के सामानों को देख हर किसी का मन उन्हें खरीदने का कर रहा था। अपने-अपने लड्डू गोपाल, कान्हा को सजाने के लिए हर लोग खरीदारी करते दिखे। कृष्ण जन्माष्टमी पर हर कोई अपने बच्चे को नंद गोपाल और राधा रानी के रूप में सजाना चाहता है। ऐसे में माताएं अपने बच्चों को कान्हा और राधा के रूप में सजाने के लिए अलग-अलग पोशाक खरीद रही हैं। मखमली पोशाक की खूब मांग है। जिसको लेकर बाजारों में काफी भीड़ दिख रही है। वही बात की जाए पिछली बार की अपेक्षा तो इस बार सभी सामानों में 5 से लेकर 10 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है।