अंतिम चरण में काशी विश्वनाथ धाम का काम
वाराणसी(रणभेरी): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ धाम का काम अपने अंतिम चरण में हैं। प्रशासन ने इसे पूरा करने के लिए 5 दिसंबर तक का लक्ष्य रखा है। मंदिर परिसर का मुख्य द्वार, सरकारी कार्यालय और धर्माथ बिल्डिंग सभी बनकर तैयार हैं। तकरीबन 800 करोड़ की लागत से बन रहे इस प्रोजेक्ट की आधारशिला 2019 में प्रधानमंत्री ने ही रखी थी। कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि पूरा प्रयास है कि काशी विश्वनाथ धाम के काम को 30 नवंबर से 5 दिंसबर तक पूरा कर लिया जाए। इस साल सामान्य से अधिक बारिश और बाढ़ के कारण वाराणसी में कई बार गंगा का जलस्तर बढ़ा है। इसके कारण घाट पर कार्य करने में थोड़ी दिक्कतें आ रही हैं। फिर भी हम प्रयासरत हैं कि 5 दिसंबर तक काम पूरा कर लिया जाए। बता दें, इस कॉरिडोर के जरिए गंगा नदी के ललिता घाट से काशी विश्वनाथ मंदिर सीधे जुड़ रहा है। श्रद्धालु गंगा में स्नान करने के बाद वहीं से सीधे बाबा दरबार में हाजिरी लगाने जा सकेंगे।
साथ ही गंगा में स्नान करने के दौरान ही काशी विश्वनाथ मंदिर को निहार सकेंगे। खंभों के बीच में गर्भगृह और स्वर्णशिखर दिखाई देने लगा है। श्रद्धालुओं को देखते हुए मंदिर परिसर में मंदिर चौक, यात्री सुविधा केंद्र, मुमुक्षु भवन, भोग शाला, यूटिलिटी बिल्डिंग, सुरक्षा भवन बनाए जा रहे हैं। धाम में मिजार्पुर के चुनार के गुलाबी पत्थर प्रयोग किए जा रहे हैं। विश्वनाथ कॉरीडोर करीब 50,260 वर्ग मीटर में बनकर तैयार हो रहा है। मंदिर चौक के बाहर की सभी 24 भवनों की इमारतें खड़ी हो गई हैं। अब फिनिशिंग का काम किया जा रहा है।
लगभग 2 हजार से ज्यादा कारीगर यहां विश्वनाथ धाम को अंतिम रूप देने में दिन रात जुटे हुए हैं। नक्काशीदार इमारतों और खंभों के बीच में गर्भगृह और स्वर्णशिखर दिखाई देने लगा है। कॉरिडोर में आने वाले श्रद्धालु अब बाबा विश्वनाथ का दर्शन के साथ ही उनकी महिमा को भी जानेंगे। उपनिषद, वेद और पुराणों के आधार पर मिली काशी के महात्म्य की जानकारी का चित्रात्मक वर्णन, श्लोक संख्या, हिंदी अनुवाद समेत सभी जानकारियां संगमरमर की दीवारों पर उकेरी जा रही है।