5 जिंदगियों का हत्यारा अब तक फरार!
वाराणसी (रणभेरी सं.)। शराब कारोबारी के हाई प्रोफाइल हत्याकांड की गुत्थी लगातार उलझती जा रही है। हर दिन इस मामले में नए खुलासे हो रहे है। घटना के 3 दिन बाद अब मृतक राजेन्द्र की मां ने कई चौकाने वाले खुलासे किए हैं। राजेन्द्र की मां शारदा देवी ने बताया कि राजेन्द्र अपने भतीजे विक्की और जुगनू से नफरत करता था और वेबजह ही वो उनकी पिटाई भी करता था। राजेन्द्र जितनी नफरत अपने भतीजे विक्की और जुगनू से करता था उतनी ही नफरत विक्की भी राजेन्द्र से करता था। यही वजह थी कि दिवाली पर घर आए विक्की ने अपने दादी शारदा देवी से राजेन्द्र को मारने की बात भी कही थी। लेकिन उसकी दादी ने उसे किसी तरह समझाया बुझाया तो वह शांत हुआ और फिर वो वापस चला गया। हालांकि उसके कुछ घंटे बाद ही राजेन्द्र गुप्ता समेत उनकी पत्नी दो बेटे और एक बेटी की हत्या हो गई। सभी को कनपटी और सीने में मारी गोली पोस्टमार्टम रिपोर्ट से यह बात सामने आई है कि गुप्ता फैमिली के मर्डर केस में सभी को कनपटी और सीने में गोली मारी गई है। डीसीपी काशी जोन गौरव बंसवाल के मुताबिक इस सामुहिक हत्याकांड में पहले राजेन्द्र गुप्ता की हत्या हुई है उसके बाद उनके घर वालो को मारा गया है।
भतीजे विक्की पर पुलिस को शक
इस पूरे मामले में फिलहाल जांच जारी है और शक की सुई राजेन्द्र के भतीजे विक्की की तरफ इशारा कर रही है। इस घटना के बाद से विक्की गायब भी है जिसकी तलाश में पुलिस बेंगलुरु, दिल्ली समेत अन्य जगहों पर छापेमारी कर रही है।
28 साल पुराना बदला लेना चाहता था विक्की?
पुलिस के मुताबिक, 28 साल पहले अपने माता पिता के हत्या और प्रॉपर्टी विवाद के चलते विक्की ने इस घटना को अंजाम दिया है। हालांकि सच क्या है यह पुलिस के इंवेसिगेशन के बाद ही साफ हो पायेगा।
भतीजे विक्की की तलाश में पुलिस की दबिश जारी
भदैनी में हुए सामूहिक हत्याकांड में अब तक पुलिस ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है। हिरासत में लिया गया छोटा भतीजा जुगनू भी अपने बड़े भाई विशाल गुप्ता उर्फ विक्की के बारे में पुलिस को कुछ बता नहीं सका। जुगनू ने इतना ही बताया कि उसका भाई विक्की शांत रहता था और लोगों से कम ही घुलता- मिलता था। वह जुगनू और बहन डॉली से भी कम ही बातचीत करता है। पुलिस तफ्तीश में पता चला है कि उसकी एक महिला मित्र भी है, जो महाराष्ट्र मे रहती है। पुलिस उस तक पहुंचने की कोशिश में लगी है।
याद होगा कि भदैनी निवासी राजेंद्र प्रसाद गुप्ता का शव रोहनिया में निमार्णाधीन मकान के भीतर मिला था, जबकि उसकी पत्नी नीलू और बच्चों नमनेंद्र, सुकेंद्र व गौरांगी का शव 5 नवंबर भदैनी वाले मकान में मिला था। सभी की हत्या गोली मारकर की गई है। इस मामले में पुलिस के शक के घेरे में बड़े भतीजे विशाल गुप्ता उर्फ विक्की की तलाश में पुलिस की एक टीम अहमदाबद में डेरा डाले हुई है। पुलिस को पता लता है कि विक्की 23- 24 अक्टूबर से ही अपने मोबाइल फोन बंद कर लिया था। वह वारदात के एक दिन पहले यानि चार नवंबर तक बनारस में ही था। मृतक राजेंद्र प्रसाद गुप्ता पर अपने पिता, छोटे भाई, उसकी पत्नी और चौकीदार के हत्या का आरोप था।
विक्की की तलाश में जुटी पुलिस
पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल के निर्देश पर पुलिस की कुल पांच टीमें इस घटना के अनावरण में जुटी है। मृतक कारोबारी राजेंद्र प्रसाद गुप्ता की मां शारदा देवी के बयान पर पुलिस तफ्तीश को आगे बढ़ा रही है। सर्विलांस और सीसीटीवी फुटेज खंगालने में कई अन्य टीमें लगाई गई है। पुलिस सूत्रों की माने तो बाहर भेजी गई टीमों के हाथ अब तक खाली है। विक्की का तीनों मोबाइल स्विच आॅफ है। ऐसे में विक्की तक पहुंचना पुलिस के लिए चुनौती है।
27 साल बाद बदला, भतीजे ने वैसे ही पूरे परिवार को मार डाला !
शराब कारोबारी के पूरे परिवार की हत्या ने 27 साल पुरानी हत्याओं के राज खोल दिए। जिस तरह से राजेंद्र ने अपने छोटे भाई कृष्णा को सोते हुए सिर में गोली मारी। ठीक वैसे ही उनकी और उनके परिवार की जान ली गई। कातिल ने सभी के सिर में गोली मारकर ही हत्या की। राजेंद्र गुप्ता पर 1997 में भाई-भाभी की हत्या का केस चला। फिर 6 महीने बाद ही पिता और गार्ड की हत्या का केस भी कोर्ट की दहलीज तक पहुंचा। पहले केस में पिता वादी थे, उनके कत्ल के बाद मां पैरवी करने लगीं। मगर ऐन वक्त पर मां शारदा देवी ने गवाही बदल दी। राजेंद्र गुप्ता को इसका फायदा मिला। 1-1 कर दोनों केस बंद हो गए। मगर बदले की जिस आग को राजेंद्र बुझा हुआ समझ रहे थे। वह कृष्णा के बड़े बेटे विशाल उर्फ विक्की के सीने में दहक रही थी। अब आरोप है कि 27 साल बाद उसने सोते हुए ही राजेंद्र और उनके पूरे परिवार का खात्मा शूटर्स की मदद से करवा दिया !