वृहद प्लान देगा पर्यटन को नए फलक

वाराणसी (रणभेरी सं.)। वरुणा नदी की धारा स्वच्छ करने व कारिडोर को जीवंत करने की दिशा में एक बार फिर से वृहद स्तर पर कार्य शुरू होने जा रहा है। प्रथम चरण में 30 करोड़ रुपये खर्च कर नदी की ड्रेङ्क्षजग, टूटी-फूटी सीढि?ां व रेङ्क्षलग, ध्वस्त सीवेज व्यवस्था समेत अन्य कार्य होंगे। नदी का किनारा रोशनी से जगमग होगा तो वहीं अनवरत नदी की स्वच्छता के लिए आटोमैटिक क्लीनिक मैकेनिजम व ईको टूरिज्म की दिशा में भी कार्य होगा।
सचाई विभाग बंधी प्रखंड के प्रस्ताव डीएम के निर्देश के क्रम में नगर निगम की ओर से शासन को भेज दिया गया है। इस कार्य से पूर्व ङ्क्षसचाई विभाग नगर निगम को हैंडओवर भी करेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नाथ ने पिछले दिनों वाराणसी में विकास कार्य की समीक्षा के दौरान वरुणा कारिडोर को लेकर अफसरों को निर्देशित किया था कि बाढग्रस्त आबादी को बचाते हुए अविरल और निर्मल वरुणा के लिए ठोस कार्ययोजना बनाया जाए। इसी क्रम में अब प्रशासनिक मशीनरी फास्ट हो गई है। प्रथम चरण के कार्य के साथ ही ङ्क्षसचाई विभाग को वृहद प्रस्ताव बनाने का भी निर्देश दिया गया है।
चैनलाइजेशन को मिलेगा विस्तार
वरुणा कारिडोर के पुनरुद्धार के संग द्वितीय चरण में विस्तार भी करने की तैयारी है। सचाई विभाग को फिजिबिलिटी रिपोर्ट बनाने के लिए कहा गया है। सर्वे पूर्ण हो चुका है। पहले डीएम आवास से पुराना पुल तक लगभग 11 किमी का चैनलाइजेशन का कार्य हुआ था। पुराना पुल से उतर कर इस पाथवे से आप कचहरी आंबेडकर चौराहा आ सकते हैं। हालांकि बाढ़ के कारण यह पाथवे कई जगह क्षतिग्रस्त है। नदी में प्रवाह न होने के कारण बदबू के कारण आना जाना मुश्किल है। अब वृहद प्लान में शेष हिस्से का भी चैनलाइजेशन करने व स्वच्छता पर विशेष कार्य की तैयारी है। अब इसे पुराना पुल से राजघाट तक बढ़ाने की बात है।
सपा शासन में कारिडोर बना, भाजपा काल में हुआ लोकार्पित
वर्ष 2016 में वरुणा कारिडोर पर 201 करोड़ की लागत से काम शुरू हुआ। लगभग 11 किलोमीटर नदी के चैनलाइजेशन का कार्य ङ्क्षसचाई विभाग की ओर से कराया गया था। इसमें पाथवे का निर्माण, दोनों किनारे सीवेज, नदी की ड्रेङ्क्षजग, किनारे पौधारोपण समेत अन्य कार्य हुए। कारिडोर का लोकार्पण वर्ष 2020 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया लेकिन परियोजना अब तक नगर निगम को हैंडओवर नहीं हुई।
बाढ़ हर साल पहुंचा रहा नुकसान
हर साल बाढ़ के बाद कारिडोर के चैनलाइजेशन की मिट्टी बह रही है। पाथवे कई स्थानों पर धंस गया है। पाथवे की रलींग टूट गई है। सीढियां दरक गई हैं।
गंगा हो रही मैली
वरुणा के किनारे सीवर लाइन डालने के बावजूद किनारे के होटलों और मुहल्लों के घरों का सीवर अब भी नदी में गिर रहा है। वरुणा नदी इस गंदगी के साथ आदिकेशव के पास गंगा में मिल रही है।
डूब क्षेत्र में घनी आबादी
अनियोजित प्लान के कारण वरुणा के डूब क्षेत्र में बहुतायत आबादी बस गई है। हर साल हजारों लोग बाढ़ से प्रवाहित होते हैं। बाढ़ के समय हर साल इसकी चिंता होती है। लेकिन बाढ़ बाद इसके नियोजन की दिशा में कोई कार्य नहीं होता है।
वरुणा कारिडोर को व्यवस्थित करने के लिए तीस करोड़ का प्रस्ताव फिलहाल भेजा गया है। शीघ्र इस पर कार्य शुरू होगा। वरुणा को निर्मल करने के संग टूरिज्म के ध्ष्टि से इसे संवारने की तैयारी है। इसके लिए वृहद प्लान बन रहा है। बहुत जल्द इस दिशा में कार्य शुरू होगा। सत्येंद्र कुमार, जिलाधिकारी