घूस लेकर अफसर ने मामला दबाया
गोरखपुुर। बीआरडी मेडिकल कॉलेज से मंगलवार रात मरीज को बरगला कर निजी नर्सिंग होम ले जाने की कोशिश में पकड़े गए मरीज माफिया ने पुलिस पूछताछ में कई खुलासे किए हैं। उसने बताया कि मरीज माफिया गठजोड़ में ईशू अस्पताल पर कार्रवाई से अन्य नर्सिंंग होम संचालक डर गए थे। गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज से मंगलवार रात मरीज को बरगला कर निजी नर्सिंग होम ले जाने की कोशिश में पकड़े गए मरीज माफिया ने पुलिस पूछताछ में कई खुलासे किए हैं। उसने बताया कि मरीज माफिया गठजोड़ में ईशू अस्पताल पर कार्रवाई से अन्य नर्सिंंग होम संचालक डर गए थे। इनमें मेडिकल कॉलेज रोड पर स्थित दिव्य जागृति नर्सिंग होम भी था। लेकिन वहां जांच करने पहुंगे विभाग के एक अफसर ने 40 हजार रुपये लेकर मामले को रफा दफा कर देने का भरोसा दिया था। उसी ने नर्सिंग होम का नाम बदलने का सुझाव भी दिया था, जिसके बाद नाम श्री जागृति कर दिया गया था। इसके बाद एंबुलेंस की जगह कार से मरीज को लाने का फैसला किया गया। दो दिन काम ठीक भी चला लेकिन मंगलवार रात कर्मचारियों ने पकड़ लिया। माफिया ने पुलिस पूछताछ में अपने दो साथियों का नाम भी बताएं हैं। पुलिस उन दोनों की तलाश में जुट गई है। उधर, मेडिकल कॉलेज प्रशासन की ओर से कोई तहरीर नहीं मिलने के कारण अब तक पकड़े गए मरीज माफिया पर केस दर्ज नहीं हुआ है। इस मामले में पुलिस ने मेडिकल कॉलेज प्रशासन से संपर्क किया है। वहीं, मंगलवार को पकड़े गए दो लोगों में से एक की कोई भूमिका सामने नहीं आने के कारण पुलिस ने उसे छोड़ दिया। इस बीच बुधवार को पुलिस की एक टीम जागृति नर्सिंग होम पहुंची। वहां कोई मरीज नहीं मिला। पुलिस को पता चला कि नर्सिंग होम का पंजीकरण डॉ अनवर मोहम्मद खान के नाम से है, जो उस वक्त नर्सिंग होम में नहीं मिले। पुलिस को यह भी पता चला कि इस नर्सिंग होम का पंजीकरण भी दो दिन पहले ही हुआ है। पुलिस ने नर्सिंग होम के बोर्ड पर लिखे डॉ. अनवर के मोबाइल नंबर पर फोन किया तो नंबर बंद मिला। पुलिस यह जानना चाह रही है कि डॉ. अनवर वास्तव में अपनी सेवाएं कहा दें रहे हैं। बीआरडी की एक महिला कर्मचारी को मरीज बनाकर जाल बुना गया। लापता मरीजों के उपलब्ध पर्चों की जांच की गई तो एक मोबाइल नंबर मिला, जिस पर बात की गई तो पता चला कि मरीज को मेडिकल कॉलेज के नजदीक ही एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कर्मचारियों ने तीमारदार बनकर उस नंबर पर बात की। मेडिकल कॉलेज में सख्ती की बात कहकर मरीज को वहां से निकालकर गेट तक लाने को कहा गया। कुछ देर बाद ही दलाल कार से मेडिकल कालेज पहुंच गए। कर्मचारियों ने दाई को स्ट्रेचर पर लिटाकर दलालों के पास पहुंचाया। वहां से वे कार में बैठाकर जैसे ही वापस लौटे, तब तक गेट पर मौजूद पुलिस कर्मियों ने उन्हें पकड़ लिया। एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज में पकड़े गए दो में से एक शातिर मरीज माफिया है। उससे पूछताछ के आधार पर दो अन्य लोगों का नाम सामने आया है, जिसकी तलाश में पुलिस टीम लगी है। पूछताछ में एक अफसर द्वारा वसूली की बात भी सामने आई है। पुलिस गहराई से जांच कर रही है, जरूरत होने पर विजिलेंस को भी पत्र भेजा जाएगा।