भ्रष्टाचारियों के चंगुल में पूरा बिजली विभाग, पू.वि.वि.नि.लि. वाराणसी में भ्रष्टाचार की खेती सींच रहें कार्यकारी अधिकारी रमाशंकर पाल
वाराणसी (रणभेरी/विशेष संवाददाता)। एक राजा चाहे कितना भी ईमानदार हो जाए, पर यह जरूरी नहीं कि उस राज्य के मंत्री, अधिकारी या फिर कर्मचारी सबके सब ईमानदार ही होंगे। इसमें कोई संदेह नहीं कि सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ अपने पूरी ईमानदारी से उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने की दिशा में दिन रात लगे रहते हैं जिसका परिणाम बीते कुछ सालों में लोगों के सामने भी दिखा है कि सीएम योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश ने विकास के कई नए आयामों को हासिल किया है। सीएम योगी लगातार क्षेत्र के दौरे पर रहते और जमीनी हकीकत को परखने के बाद अधिकारियों को उचित दिशा निर्देश भी देते हैं साथ ही खामियों पर फटकार भी लगाते। सीएम योगी जब भी अधिकारियों संग बैठक करते या फिर कोई जनसभा करते तो खुलेआम यह बात उनसे सुनने को मिलता है की उनकी प्राथमिकता है जीरो टॉलरेंस। सीएम योगी के तल्ख तेवरों से यह तो स्पष्ट है कि प्रदेश के किसी भी विभाग में किसी भी प्रकार का भ्रष्टाचार या लापरवाही को, पसंद नहीं करते हैं।
लेकिन इसे विडंबना कहिए या विभाग के जिम्मेदारानों द्वारा अपने मुखिया के आंखों में धूल झोंकना....सूबे में कई ऐसे विभाग है जिसमें कार्यरत अधिकारी सीएम योगी आदित्यनाथ के आंखों में धूल झोंककर भ्रष्टाचार की इबारत ही नहीं लिख रहे बल्कि अपनी झोली भरकर सीएम के नेक मंसूबों पर पानी फेर रहे है।
हम बात कर रहे है प्रदेश के एक ऐसे ही विभाग की जिसका नाम है पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड वाराणसी के एमडी शंभू कुमार के संरक्षण में भ्रष्टाचार का एक पौधा इस कदर फल फूल रहा की इस बात की भनक न सीएम योगी को है न ही विभाग के ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा को । बिजली विभाग वाराणसी में कार्यकारी अधिकारी से लेकर कार्यकारी सहायक, निविदा सहायक ने विभाग के अंदर अपनी पैठ इतनी गहरी जमा लिया है कि जेम पोर्टल के माध्यम से कंप्यूटर ऑपरेटरों के भुगतान हेतु आवंटित की जाने वाली एजेंसी को भी जेम पोर्टल में अपने मुताबिक कामों को अंजाम देकर अपने चहेते कंप्यूटर ऑपरेटर एवं एक दो अपने मन माफिक फर्मों के नाम से निविदा आवंटित करकर अपनी झोली दिन दुगुना रात चौगुना कर विभाग की छवि को धूमिल कर रहे।
पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड में एक ऐसा ही नाम है रमाशंकर पाल का है। कार्यकारी अधिकारी रमाशंकर पाल जो कि नगरीय विद्युत वितरण मंडल- प्रथम, वाराणसी में कार्यकारी सहायक भी रह चुके हैं, का पदोन्नति कर कार्यकारी अधिकारी के पद पर उसी जगह तैनाती कर दी गई। आश्चर्य की बात यह है कि इनका होम डिस्ट्रिक्ट भी वाराणसी ही है। ये लगभग 25 वर्षों से वाराणसी में ही तैनात है। विभाग में गहरी पैठ का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक स्थान पर लगभग बीते 25 सालों से पैर अंगद की तरह जमाएं हुए हैं। सूत्रों की माने तो इनके द्वारा निविदा सहायक एवं कार्यकारी अधिकारी का कार्य करते हुए गंभीर वित्तीय अनियमिताएं भी की गई है।
सूत्रों ने बताया कि इनके द्वारा अपनी पत्नी के नाम फर्म (मे० इंडिया सर्वोल्यूशन वाराणसी, टेंडर आईडी-2021_पीवीवीएनवी_601064_1) बनाकर उच्च अधिकारियों को भ्रमित कर कार्य आवंटन भी कराया गया है। उक्त निविदा में एक और फर्म ने भाग लिया जो मे०. पिनाकी सर्विस एंड सॉल्यूशन, वाराणसी रमाशंकर के बहन के लड़के का फर्म है। सूत्रों की माने तो निविदा सहायक अजय गुलशन, कंप्यूटर ऑपरेटर एवं एक दो फर्मो के साथ मिलकर बिना प्रपत्रों की सूक्ष्मता से जांच कराए और मिली भगत कर तमाम आदेश निविदा संबंधित कराए गए हैं। इतना ही नहीं कंप्यूटर ऑपरेटर की फर्म मात्र 5 वर्षों में फर्म का टर्नओवर 20 लाख से 1.40 करोड़ कर दिया गया और फर्मों से हिस्सेदारी ली गई और अकूत संपत्ति अर्जित की गई है। इन्होंने विद्युत विभाग को अपना घर समझकर अपने रिश्तेदारों ( अपनी पत्नी एवं बहन के लड़के) के नाम भी कई फर्म बनाई हैं जिन्हें अलग-अलग कार्य दिया गया है। सूत्रों ने बताया कि निविदा सहायक अजय गुलशन द्वारा बिना सक्षम अधिकारी के अनुमोदन के निविदा प्रकाशित भी कर दी गई है और जीएसटी की धनराशि का उल्लेख निविदा प्रकाशित करते समय जीएसटी सहित रहता है और भुगतान के समय एक संशोधित आदेश जारी कर जीएसटी अतिरिक्त भुगतान का आदेश लगा दिया जाता है।
निविदा सहायक श्री अजय कुमार गुलशन की इन्हीं सब गतिविधियों को देखते हुए पूर्व के अधीक्षण अभियंता ने कार्रवाई हेतु दिनांक 19/ 04/ 2022 को पत्र भी मुख्य अभियंता ( वितरण) वाराणसी क्षेत्र, वाराणसी को प्रेषित किया गया था लेकिन उक्त निविदा सहायक के विरुद्ध कोई कार्रवाई उच्च अधिकारियों द्वारा नहीं की गई और एक ही कार्यालय में कई वर्षों से उक्त कार्यकारी सहायक तैनात है
सूत्रों ने बताया कि अगर कोई ईमानदार अधिकारी इनके काले करतूतों में अड़चन डालता है तो उसको अपने पाले हुए कार्यकारी सहायक और कंप्यूटर ऑपरेटर एवं एक-दो फर्म एवं पाले हुए बाहरी गुंडों के माध्यम से फर्जी मुकदमों में फसाने की धमकी भी दी जाती है। यह भी संज्ञान में आया है कि नई फर्मो को बिना प्री क्वालिफिकेशन पूरा किए हुए कार्य आवंटित कर दिया गया है।
कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी के साथ-साथ उक्त करीबी कंप्यूटर ऑपरेटर के फर्म पर कार्य भी आवंटित किया गया है। शपथ पत्र में गलत सूचना देने के बाद भी कंप्यूटर ऑपरेटर के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की गई विभाग द्वारा, पूर्व में किए गए कार्यों के आवंटन में फर्मो द्वारा लगाए गए प्री क्वालिफिकेशन हेतु लगाए गए प्रपत्रों की जांच संबंधित विभागों से कर ली जाएगी तो स्थिति स्वत ही स्पष्ट हो जाएगी। उक्त प्रपत्रों के संबंध में पूर्व में महालेखाकार ऑडिट टीम द्वारा भी स्पेशल ऑडिट में आपत्ति दर्ज कराई गई है, जिस पर अभी तक लीपापोती की जा रही है। अगर उक्त कार्मिक के खातों की जांच कर ली जाएगी तो यह भी निकल कर आएगा कि फर्म से लेनदेन भी अपने खाते में किया गया है।
अब यह देखना होगा कि सूबे के मुखिया जो जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलने वाले हैं वो कब इस गंभीर मामलों को संज्ञान में लेकर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड वाराणसी को भ्रष्टाचारीयों के चंगुल से मुक्त करवाते हैं।