आईपीएल शुरू होते ही सज गया सट्टे का बाजार

- मैच को लेकर सटोरियों ने फैलाया जाल, हर दिन लग रहा करोड़ों का दांव
- खाकी की आड़ में चल रहा सट्टा का कारोबार, पढ़े-लिखे युवा भी इस खेल में शामिल
- एसटीएफ, कमिश्नरेट पुलिस और क्राइम ब्रांच को किया गया सक्रिय, सट्टेबाजों पर पैनी निगाह
वाराणसी (रणभेरी): इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) शुरू होते ही शहर में सट्टेबाजों ने युवाओं को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। कम समय में अधिक पैसे कमाने की चाहत में पढ़े-लिखे युवा भी सट्टे के खेल में शामिल हो गए हैं। सूत्रों के अनुसार, सट्टा के कारोबार में खाकी की भी संलिप्तता है। पुलिस के पहुंचने से पहले सट्टेबाजों को भनक लग जाती है। माना जा रहा है, इसके पीछे भी कुछ पुलिसकर्मी शामिल हैं, जो पहले ही सूचना पहुंचा देते हैं। पुलिस के डर से सटोरिये मोबाइल फोन के बजाय वाट्सएप पर फोन बात कर जानकारी देते हैं।
बता दें कि सट्टे के खेल में कोड वर्ड का इस्तेमाल होता है। सट्टे पर पैसे लगाने वाले को फंटर कहते हैं। जो पैसे का हिसाब-किताब रखता है, उसे बुकी कहा जाता है। सट्टा लगाने वाले फंटर 2 शब्द खाया और लगाया का इस्तेमाल करते हैं। यानी किसी टीम को फेवरिट माना जाता है तो उस पर लगे दांव को लगाना कहते हैं। ऐसे में दूसरी टीम पर दांव लगाना हो तो उसे खाना कहते हैं। इस खेल में डिब्बा अहम भूमिका निभाता है। डिब्बा मोबाइल का वह कनेक्शन है, जो मुख्य सटोरियों से फंटर को कनेक्शन देते हैं। इस पर हर बॉल का रेट बताया जाता है। पूरे आईपीएल के दौरान डिब्बे का कनेक्शन ढाई से तीन हजार में मिलता है। डिब्बे का कनेक्शन एक खास नंबर होता है, जिसे डायल करते ही उस नंबर पर कमेंट्री शुरू हो जाती है। सट्टा आईपीएल मैच में दो सेशन में लगता है। दोनों सेशन 10-10 ओवर के होते हैं। हाल में पकड़े गए आरोपितों से पुलिस पूछताछ में इसका खुलासा हुआ है कि आईपीएल के लिए इस बार एक या दो नहीं, बल्कि चार दर्जन ठिकानों पर बुकी दांव लगवा रहे हैं। मैच शुरू होने से पहले ही सभी आठ टीमों के रेट जारी कर दिए गए थे। साथ ही टॉप टू प्लेयर भी घोषित किए गए हैं। हालांकि अभी सीरीज की शुरुआत है, इसलिए इन भावों में बदलाव होना लाजिमी है। इस बार सट्टे के प्रति लोगों में क्रेज ज्यादा दिखाई दे रहा है। अभी भावों में उतार-चढ़ाव आता रहेगा। इस बार महानगर में सबसे ज्यादा पचास के करीब ऐसे ठिकाने हैं, जहां से क्रिकेट का सट्टा लगवाया जा रहा है।
कैसे मिलता है रेट
डिब्बे पर अगर किसी टीम को फेवरेट मानकर डिब्बा उसका रेट 80- 83 आता है तो इसका मतलब यह है कि फेवरेट टीम पर 80 लगाओगे तो एक लाख रुपये मिलेंगे और दूसरी टीम पर एक लाख लगाओगे तो 83हजार रुपये मिलेंगे।
मैच शुरू होते ही खुलता है भाव
मैच शुरू होते ही भाव खुलता है और फिर सटोरिये संचालकों के पास कॉल कर दांव लगाते हैं। उनसे रकम भी ऑनलाइन यूपीआई से जमा कराई जाती है और जीतने पर भुगतान भी इसी माध्यम से किया जाता है। कुछ सट्टेबाजों ने व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाए हैं। इसमें किसी को तभी जोड़ा जाता है, जब ग्रुप का कोई सदस्य उसे जानता हो।
कमिश्नरेट पुलिस, एसटीएफ, एलआईयू अन्य खुफिया एजेंसियां भी सक्रिय
आईपीएल-18 सीजन का शनिवार को आगाज होने के साथ ही सटोरियों की पिच भी तैयार हो गई। सटोरियों ने मोबाइल पर आईडी, पासवर्ड और पॉइंट देकर सट्टेबाजी का खेल शुरू कराया है। मुंबई, नई दिल्ली, जयपुर और कोलकाता में बैठे सटोरियों ने शहर में अपने-अपने एजेंट बैठा दिए हैं। कमिश्नरेट पुलिस, एसटीएफ, एलआईयू अन्य खुफिया एजेंसियां भी सक्रिय हो गई हैं। जेल गए कुख्यात सटोरियों को रडार पर लिया गया है। महानगरों के बुकी के साथ ही शहर के सट्टेबाजों को चिह्नित किया जा रहा है। काशी समेत पूर्वांचल में आईपीएल सट्टे का बड़ा अवैध कारोबार है। महानगर में बैठे बुकी के एजेंटों ने काशी समेत आसपास जिलों में अपना जाल फैला दिया है। युवाओं को सट्टे के इस धंधे में शामिल कराया है। शहर के शिवपुर क्षेत्र के एक अपार्टमेंट के फ्लैट में सट्टेबाजी का खेल शुरू हुआ है। शहर के अन्य क्षेत्रों के होटल, गेस्ट हाउस में भी सट्टेबाजी की सुगबुगाहट तेज हो गई है। इसके साथ ही शहर के विभिन्न क्षेत्रों में मैच बुकी ने अपने एजेंटों को काम पर लगा दिया है। उधर, आईपीएल में सट्टेबाजी की गंध आते ही पुलिस और खुफिया एजेंसियां सक्रिय हैं। गली, मोहल्ले और अपार्टमेंट समेत कॉलोनियों में अपने-अपने मुखबिर छोड़ रखे हैं। पूर्व में गिरफ्तार सट्टेबाजों की गतिविधियों की निगरानी बढ़ा दी गई है।
बैंक खातों की भी बड़ी निगरानी, नए खातों की होगी जांच
सट्टेबाजी को लेकर सतर्क कमिश्नरेट पुलिस ने बैंक खातों की भी निगरानी बढ़ा दी है। आईपीएल के दौरान खुलने वाले नए खातों और उसमें ट्रांजेक्शन की छानबीन की जाएगी। पुलिस अधिकारियों के अनुसार प्राइवेट बैंकों के खातों की विशेष जांच होगी, क्योंकि यह आसानी से खुल जाते हैं।
आईडी के जरिये हो रही है सट्टेबाजी
मैच बुकी एक आईडी देता है और उस आईडी में जितना चाहे उतना पॉइंट ले सकते हैं। इसके बाद मैच के हिसाब से पाॅइंट लगता है। बाद में उस पाॅइंट को बुकी के माध्यम से कैश कराया जाता है। बड़े बुकी ने अपने-अपने एजेंटों को एक हफ्ते का डेमो आईडी देकर लड़कों के बीच सट्टेबाजी के दांव पेच समझाए गए। वहीं, एक-एक एजेंट को 50-50 लाख तक के पाॅइंट और आईडी भी उपलब्ध कराए गए। सट्टे के खेल में कोड वर्ड का इस्तेमाल होता है। यानी किसी टीम को फेवरेट माना जाता है तो उस पर लगे दांव को लगाया कहते हैं। ऐसे में दूसरी टीम पर दांव लगाना हो तो उसे खाना कहते हैं।
सट्टेबाजी के आरोप में पूर्व में जेल गए आरोपियों की निगरानी बढ़ा दी गई है। संबंधित थानों को उनकी सूची सौंपी गई है। एसओजी, सर्विलांस सेल समेत एलआईयू को भी सक्रिय किया गया है। भौतिक और तकनीकी रूप से सट्टेबाजों की गतिविधियों पर निगाह है। इस कृत्य में शामिल किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा, उनकी जगह जेल होगी।