जनसंख्या नियंत्रण कानून पर सुप्रीम कोर्ट में होगी अगले महीने सुनवाई, SC ने तीन मंत्रालयों को भेजा नोटिस

जनसंख्या नियंत्रण कानून पर सुप्रीम कोर्ट में होगी अगले महीने सुनवाई, SC ने तीन मंत्रालयों को भेजा नोटिस

वाराणसी (रणभेरी): जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने पीआईएल दाखिल की थी। सर्वोच्च न्यायालय ने इस पीआईएल को स्वीकार कर लिया है। इस याचिका पर अगले महीने सुनवाई होगी। 

जनसंख्या नियंत्रण कानून न बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने गृह मंत्रालय, कानून मंत्रालय और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को नोटिस जारी किया है। वाराणसी के अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती की जनहित याचिका पर अब अगले महीने सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय यह केस देख रहे हैं। इस मामले को लेकर एक PIL उन्होंने भी डाला था, जिसे जितेंद्रानंद के साथ ही अटैच कर दिया था। स्वामी जितेंद्रानंद ने कहा कि क्या भारत का संविधान केवल बहुसंख्यकों के मानने के लिए है?

स्वामी जितेंद्रानंद ने कहा कि सीमित संसाधन और असीमित जनसख्यां और संसाधनों का पहला हक तथाकथित अल्पसंख्यकों का है। ये कुछ ऐसे प्रश्न हैं जो भारत में बेरोजगारी और अशिक्षा के मूल कारणों में शुमार हैं। सुप्रीम कोर्ट को मैं धन्यवाद देता हूं कि हमारे मुकदमे में उन्होंने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। सरकार से पूछा कि भारत की जनसंख्या नीति क्या है? क्या भारत का संविधान केवल बहुसंख्यक वर्ग के मानने के लिए है? अथवा यह देश के प्रत्येक नागरिक पर लागू होता है? स्वामी जितेंद्रानंद ने कहा कि जनसंख्या नीति और इस पर कंट्रोल के लिए कठोर कानून आज समय की जरूरत है। क्योंकि, इसके बिना मुझे नहीं लगता देश विकास नहीं कर सकेगा।