अखिल भारतीय शिक्षा समागम में आमंत्रित, कई कुलपतियों समेत शिक्षाविद को रुद्राक्ष सेंटर में जाने से रोका
वाराणसी (रणभेरी): वाराणसी के सिगरा स्थित रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 कार्यान्वयन और विमर्श के लिए आयोजित अखिल भारतीय शिक्षा समागम में अवयवस्था के कारण कई कुलपतियों समेत सैकड़ों शिक्षाविदों को रुद्राक्ष के अंदर प्रवेश करने से रोक दिया गया। इसके विरोध में शिक्षकों ने नारेबाजी करते हुए जमीन पर बैठ कर अपना विरोध दर्ज कराया।
रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में आयोजित इस समागम के लिए आयोजक यूजीसी और बीएचयू ने पूरे देश के 350 कुलपति, निदेशक और शिक्षाविदों समेत वाराणसी के विभिन्न विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों के 1600 प्रोफेसर को आमंत्रित किया है। इसी के लिए आमंत्रित शिक्षाविद रुद्राक्ष सेंटर पहुंचे थे लेकिन 12 बजे के करीब रुद्राक्ष के दोनों गेट बंद कर दिए गए। शिक्षकों से यह कहा गया की अंदर सीट फुल हो गई है। हालत यह रही कि 12:30 और 1:00 बजे के करीब पहुंचे लखनऊ, विद्यापीठ, संपूर्णानंद, इलाहाबाद और बीएचयू के कुलपति समेत यूजीसी के पूर्व चेयरमैन जोशी को भी अंदर प्रवेश करने से रोक दिया गया।
वह काफी देर तक आमंत्रण का कार्ड, अपना परिचय पत्र पुलिस अधिकारी प्रबल प्रताप सिंह को दिखाते रहे लेकिन किसी हालत में उनकी सुनवाई नहीं हुई। उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया बाद में एक नंबर गेट से हटाकर उन्हें कहा गया कि आप दो नंबर पर जाइए।व्यवस्थापक आएंगे और आपको ले जाएंगे। वह काफी देर तक दो नंबर गेट पर भी जद्दोजहद करते रहे। 45 मिनट के बाद उन्हें प्रवेश दिया गया। उक्त वीवीआइपी को अंदर प्रवेश जाने के बाद शिक्षक और भी भड़क गए। शिक्षकों ने कहा कि जब अंदर जगह नहीं है तो वीआईपी को कैसे जगह दी गई। इसके बाद कुछ वहीं धरने पर बैठ गए और हर हर महादेव का नारा लगाते हुए। अपना विरोध जताने लगे। \
जब पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि यूजीसी से हैं तो शिक्षकों का कहना था कि हम लोग भी जो है यूजीसीसी से हैं। यूजीसी ने ही हमें प्रोफेसर बनाया है और यूजीसी ने ही हमें आमंत्रित किया है। दरअसल इस अव्यवस्था का कारण यह है कि रुद्राक्ष में 12 सौ लोगों के बैठने की व्यवस्था है। बीती रात सुरक्षा कारणों से आगे की दो सीटें हटा दी गई।