ऐसे दादा... जो जनता के लिए सत्ता की नहीं की परवाह

ऐसे दादा... जो जनता के लिए सत्ता की नहीं की परवाह

बेहद सादगी भरा था जीवन, सरकारी सुविधाओं का नहीं उठाया कभी लाभ

जनता के लिए हमेशा रहते थे समर्पित, 2007 और 2012 में थे प्रोटेम स्पीकर

वाराणसी (रणभेरी सं.)। शहर दक्षिणी विधानसभा से सात बार विधायक रहे, भाजपा के वृद्ध नेता श्यामदेव राय चौधरी का आज यानी मंगलवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वह वाराणसी के रवींद्रपुरी स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती थे। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका हाल-चाल लेने के लिए उनके बेटे से फोन पर बात की थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कुछ दिन पहले ही उनका हालचाल जानने के लिए खुद अस्पताल पहुंचे थे। उन्होंने मुलाकात भी की थी। श्याम जी राय चौधरी वाराणसी में सबसे ज्यादा चुने जाने वाले विधायक थे। 85 वर्ष की अवस्था में श्यामदेव राय चौधरी की तबीयत अचानक खराब होने की वजह से उनको पिछले दिन अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पूरा बनारस और बीजेपी के बड़े नेता भी उन्हें दादा के नाम से ही पुकारते थे। भारतीय जनता पार्टी अपने इस बुजुर्ग प्रत्याशी पर ही भरोसा जताती थी। वह सात बार शहर दक्षिणी विधानसभा से चुनाव जीते थे।

 पार्षद के तौर पर सियासी सफर की शुरूआत

1968 में पार्षद के तौर पर उन्होंने अपने सियासी सफर की शुरूआत की थी और 1985 में पहले विधानसभा चुनाव को लड़ने के दौरान उन्हें हर का सामना करना पड़ा था, 1989 में वह पहली बार विधायक चुने गए थे। जमीन से जुड़े रहना उनका स्वभाव था। बेहद सादगी भरा जीवन जीने वाले दादा हमेशा रिक्शे से या फिर पैदल ही चलते नजर आते थे। विधायक रहते हुए उन्होंने कभी भी ना ही सरकारी सुविधा का लाभ लिया नहीं गाड़ियों का इस्तेमाल किया जाने आने के लिए अक्सर वह स्थानीय लोगों की मोटरसाइकिल पर बैठकर ही कहीं सफर पर निकल जाया करते थे। चाय और पान की दुकान पर इनसे अक्सर लोग मिलते थे। श्यामदेव राय चौधरी की छवि बेहद ही सादगी भरी मानी जाती रही।

जब पहली बार बने थे विधायक 

साल 1989 के उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भाजपा के कर्मठ कार्यकर्ता श्याम देव राय चौधरी पर भाजपा ने दांव लगाया और शहर दक्षिणी से उन्हें टिकट दिया। उस समय तक कांग्रेस के रजनीकांत दत्ता इस सीट से विधायक थे। श्याम देव राय चौधरी ने रजनीकांत दत्ता को इस सीट से हराया और विधानसभा में पहुंचे।

 साल 1939 में पश्चिम बंगाल में पैदा हुआ यह कर्मठ नेता साल 1989 के बाद 1991, 1993, 1996, 2002, 2007 और 2012 में शहर दक्षिणी विधानसभा से भाजपा के विधायक रहे। श्याम देव राय चौधरी राजनीति से संन्यास ले चुके थे पर राजनीति पर इनकी पकड़ का विपक्षी आज ’भी लोहा मानते हैं।   

वफादार कैंडिडेट होने पर भी काटा गया टिकट

2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अपने इस पुराने और सबसे वफादार कैंडिडेट का टिकट काट दिया, और नीलकंठ तिवारी को टिकट दिया गया। इस पर श्याम देवराय चौधरी बेहद नाराज भी हुए थे। अपना टिकट कटने के बाद वह बेहद परेशान भी। राजनीति के जानकार लोग उस वक्त बीजेपी को दक्षिणी में हार मिलने की बात कर रहे थे, क्योंकि श्याम देवराय चौधरी ने उस वक्त अपने हाथ प्रचार से खींच लिए थे। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मनाए जाने के बाद, वह मान गए थे, और बाद में कुछ जगहों पर वह प्रचार के लिए भी गए थे। श्याम देवराय चौधरी की छवि बेहद अच्छी मानी जाती रही है।

प्रोटेम स्पीकर के तौर पर भी नियुक्त किए गए

श्यामदेव चौधरी 1989 से लेकर 2017 तक, सात बार वाराणसी दक्षिणी विधानसभा के प्रतिनिधि के तौर पर, उत्तर प्रदेश विधानसभा में मौजूद थे। भारतीय जनता पार्टी में कैबिनेट मंत्री का भी पद संभाल चुके, श्यामदेव राय चौधरी को 2007 और 2012 में प्रोटेम स्पीकर के तौर पर भी नियुक्त किया गया था।

जनता के लिए किया अनशन

श्यामदेव चौधरी ने अखिलेश यादव की सरकार में अनशन भी किया था, क्योंकि वाराणसी में लगातार हो रही बिजली कटौती से वह बेहद नाराज थे। उनके अनशन की वजह से अखिलेश यादव ने उनकी बातों को सुना था, और वाराणसी में 24 घंटे में बिजली देने की घोषणा की थी। जिसके बाद वह और भी चर्चा में आ गए थे।

जनता के लिए सत्ता की नहीं की परवाह

भाजपा से सात बार विधानसभा का चुनाव जीत चुके शहर दक्षिणी के विधायक रहे श्याम देव राय चौधरी दादा का। वो दादा जिन्होंने 1989 से जो विजय यात्रा शुरू की वह 2012 तक अनवरत जारी रही। कई मौके ऐसे आए जब भाजपा विरोधी लहर भी आई लेकिन दादा के राजनीतिक कैरियर पर कोई फर्क नहीं पड़ा।  पड़ता भी कैसे, वो जनप्रतिनिध जिसने अपनी जनता के लिए सत्ता की भी परवाह नहीं की। सबके सुख-दु:ख के सहभागी रहे। बनारस शहर में कोई भी संकट आए उसमें वह बराबर जनता के साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़े रहे। बनारस से लेकर लखनऊ तक बिजली, पानी, सड़क, खड़ंजा के लिए संघर्ष किया। सूत्र बताते हैं कि दादा की लोकप्रियता भाजाप नेतृत्व को पच नहीं पाई। कहा तो यहां तक जा रहा है कि 2014 लोकसभा चुनाव के बाद ही एक मुद्दे पर सड़क पर उतरना दादा के लिए काल बन गया।
पार्थिव शरीर पहुंचा उनके आवास श्यामदेव राय चौधरी का पार्थिव शरीर उनके आवास पहुंचा। उनको श्रद्धांजलि देने के लिए बीजेपी के मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु एवं विधायक गण भी पहुंचे हैं। स्वर्गीय श्याम देव राय चौधरी का उनके आवाज पर आज शाम गार्ड आफ ओनर की सलामी दी जाएगी, उसके बाद उनकी शव यात्रा मणिकर्णिका घाट के लिए 5 बजे निकलेगी।  स्वर्गीय श्याम देव राय चौधरी के शव यात्रा में हजारों लोगों की शामिल होने की संभावना है। दादा के निधन के बाद आसपास की दुकान बंद हो गई है। लोगों में शोकाकुल का माहौल बना हुआ है। आसपास के विधायक मंत्री एवं बड़ी संख्या में लोग श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंच 
रहे हैं।

...जब मनाने के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आना पड़ा

नाराज हुए नेता को मनाने खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आना पड़ा। इस दौरान दक्षिणी विधानसभा में लोगों की नाराजगी को दूर करने के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने, इस इलाके में रोड शो किया था। बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने पहुंचे थे। इस दौरान विश्वनाथ मंदिर के गेट पर मौजूद श्याम देवराज चौधरी को देखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद उनके हाथ पकड़ कर, उन्हें अंदर अपने साथ ले गए। यह तस्वीर काफी चर्चा में भी रही थी।

निधन पर शोक में काशीवासी

श्यामदेव राय चौधरी दादा के निधन से काशीवासी शोक में हैं। श्यामदेव राय चौधरी लंबे समय से बीमार चल रहे थे। बीते करीब 10-15 दिन पूर्व शहर के रविंद्रपुरी कॉलोनी में स्थित एक निजी अस्पताल में उनको भर्ती कराया गया था। पिछले दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उनका हाल जानने के लिए अस्पताल में पहुंचे थे। वाराणसी की राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाने वाले और काशी की समस्याओं को लेकर हमेशा मुखर रहने वाले तथा सादा जीवन उच्च विचार वाले श्यामदेव राय चौधरी दादा के निधन पर सभी दलों के नेता शोक में हैं। इस बारे में कांग्रेस के महानगर कमेटी के अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने कहा कि आज काशी ने लोकतंत्र के सच्चे सेनानी को खो दिया। उन्होंने यह भी कहा कि शहर दक्षिणी के पूर्व विधायक श्री श्याम देव राय चौधरी के निधन से हम सभी काशीवासी मर्माहत हैं। इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी के साथ ही अन्य दलों के नेता भी उनके निधन पर संवेदना व्यक्त कर रहे हैं।
श्याम देव राय चौधरी को श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंची सपा नेत्री पूजा यादव

आवास पर पार्थिव शरीर पहुंचने के बाद दादा के अंतिम दर्शन को उमड़ी भीड़

दादा को श्रद्धांजलि देने पहुंचे भाजपा नेता व प्रदेश के आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र "दयालु"