बीएचयू में छात्रों ने किया विरोध प्रदर्शन, छात्रों ने PHD एडमिशन में अनियमितता का लगाया आरोप

वाराणसी (रणभेरी): बीएचयू में हिन्दी विभाग में पीएचडी एडमिशन को लेकर दाखिले पर विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। ABVP के साथ विश्वविद्यालय के छात्र वीसी कार्यालय पहुंचे। वहां पर छात्रों ने केंद्रीय कार्यालय के मुख्य गेट को बंद करके जमकर नारेबाजी की।
साथ ही छात्रों ने कहा कि रिपोर्ट में भास्करादित्य को सही घोषित किया गया था लेकिन उसके बाद भी विश्वविद्यालय प्रशासन ने विपक्ष के दबाव में आकर छात्रा का एडमिशन किया गया। छात्रों के विरोध को देखते हुए पुलिस के साथ-साथ PAC तैनात किया गया है।
विरोध प्रदर्शन के दौरान छात्रों का कहना है कि विभाग ने 28 मार्च को आधिकारिक रूप से यह माना था की छात्रा का EWS में गलत सत्यापन हुआ है, एवं उसे सामान्य श्रेणी का अभ्यर्थी माना जाए। फिर 18 अप्रैल को UACB ने माना की EWS एवं जाति प्रमाण पत्र हेतु अंडरटेकिंग लेने का कोई प्रावधान नहीं है एवं भास्कर आदित्य त्रिपाठी को नियमतः प्रवेश देना चाहिए। छात्रों का आरोप है की शिक्षकों एवं बाहरी संगठनों की मिलीभगत एवं अराजक तत्वों के दबाव में इस निर्णय को पलटा गया। अभय सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कहा हिन्दी विभाग में श्री प्रकाश शुक्ल प्रवेश समिति के सदस्य नहीं है परन्तु उसके बावजूद पूरी प्रवेश प्रक्रिया संचालित कर अपने चहेतो को प्रवेश दे रहे हैं। विश्वविद्यालय इस पूरे प्रकरण की पत्रावली एवं नियम के कागज नहीं दे रहा है। यह धांधली है।
कुलपति आवास के बाहर छात्र धरने पर बैठे छात्र भास्करादित्य त्रिपाठी ने कहा - जब कोई छात्र फॉर्म भरता है तब ही उसके पास EWS का सार्टिफिकेट होना चाहिए। उन्होंने डिपार्टमेंट के कुछ टीचर पर मिलीभगत का भी आरोप लगाया।