BHU के सेंट्रल ऑफिस पर पीजी के बाद पीएचडी में सीधे दाखिले के विरोध में उतरे छात्र
वाराणसी (रणभेरी): काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में PG के बाद सीधे PhD में एडमिशन देने की योजना एनी बेसेंट फेलोशिप अब विवादों में आ गई है। छात्रों का कहना है कि इसमें SC/ST के लिए आरक्षण का प्रावधान नहीं किया गया है। यह फेलोशिप सामाजिक न्याय के खिलाफ है। छात्र इसके विरोध में शनिवार दोपहर 12 बजे विश्वविद्यालय के सेंट्रल ऑफिस पर विरोध-प्रदर्शन करने पहुंचे।
सेंट्रल ऑफिस पर शनिवार को दोपहर में छात्रों ने धरना देकर इसमे आरक्षण के नियमों का पालन करने की मांग की। धरना दे रहे छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने जानबूझकर यह फैसला लिया है। इसमें आरक्षण के नियमों का पालन नही किया गया है। उनका कहना है कि जब तक मांगे नहीं मानी जाएंग तब तक विरोध जारी रहेगा। एनी बेसेंट फेलोशिप का लाभ लेने के लिए विद्यार्थी पांच अगस्त तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंस के तहत शुरू होने वाली इस फेलोशिप का मुख्य उद्देश्य छात्रों को स्नातकोत्तर के बाद पीएचडी का अवसर उपलब्ध कराना है। बिना कोई समय गवाएं स्नातकोत्तर के बाद सीधे पीएचडी में प्रवेश मिल सकेगा। विश्वविद्यालय की ओर से सोमवार को इसका आदेश जारी कर दिया गया है। इसमें स्नातकोत्तर अंतिम वर्ष के छात्र/छात्रा आवेदन कर सकते हैं। आवेदकों को न्यूनतम 8.5 सीजीपीए स्कोर के साथ शीर्ष 5 (पांच) पर्सेंटाइल में होना चाहिए। इसके लिए चयन अंतिम परीक्षा के आयोजन से पहले किया जाएगा।